बिहार में आमने-सामने क्यों हैं संजय जायसवाल और उपेंद्र कुशवाहा? जानिए नीतीश का 'गेम प्लान'
पटना बिहार में लॉकडाउन लगाने की टाइमिंग को लेकर सत्ता की साझीदार दो बड़ी पार्टियां आमने-सामने आ गई हैं। मतलब लॉकडाउन पर बीजेपी बनाम जेडीयू का 'गेम' चल रहा है। दोनों पार्टियों के नेता खुद को 'काबिल' साबित करने में जुटे हैं। कोई पीछे हटने को तैयार नहीं है। आखिर दोनों का पीठ कौन ठोक रहा है? लॉकडाउन के बहाने 'अपनी-अपनी राजनीति' राजनीति में टाइमिंग का बड़ा महत्व होता है। बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने इसे पकड़ लिया है। ऐसी बात नहीं कि उनके सामने कोई नौसिखिया खिलाड़ी है, जिसे वो मात देने की फिराक में हैं। उनके सामने भी माहिर खिलाड़ी है, 'खेल' का मजा भी इसीलिए आ रहा है। दरअसल नीतीश सरकार को वीकेंड लॉकडाउन का सुझाव देने के बाद जब नाइट कर्फ्यू लगा तो संजय जायसवाल ने इसके खिलाफ बयान दिया। तब उपेंद्र कुशवाहा ने उन्हें राजनीति नहीं करने की सलाह दी थी। इसके बाद भाजपा नेताओं ने कुशवाहा पर ताबड़तोड़ हमले किए। मीडिया के मुताबिक उपेंद्र कुशवाहा की आंत में गांठ तक बता दिया। फिर ललन सिंह और संजय झा जैसे दिग्गजों को कुशवाहा के समर्थन में उतरना पड़ा था। जायसवाल ने नीतीश के फैसले पर साधा निशाना इससे पहले संजय जायसवाल ने राज्य की अपनी ही एनडीए सरकार पर निशाना साधा। उन नेताओं को भी आड़े हाथों लिया है, जो लॉकडाउन लगाने के मसले पर उनके खिलाफ बयानबाजी की थी। बुधवार को अपने फेसबुक पोस्ट में संजय जासवाल ने कहा कि 'राज्यपाल की बैठक में मैंने शुक्रवार की शाम से सोमवार सुबह तक 62 घंटे का लॉकडाउन का प्रस्ताव दिया था। तब बिहार में 40 हजार से कम ऐक्टिव केस थे। अब एक लाख से ज्यादा एक्टिव केस होने से बिहार सरकार के पास जनता की भलाई के लिए कोई और विकल्प नहीं था। लॉकडाउन लगाना पड़ा।' बयानबाजी केरनेवाले नेताओं को संजय जायसवाल ने कहा कि 'मेरा नाम लेकर राजनीतिक बयानबाजी करने वाले नेताओं से भी उम्मीद है कि अब उन्हें जमीनी हकीकत समझ में आ रही होगी।' उन्होंने सीधे-सीधे उपेंद्र कुशवाहा का नाम नहीं लिया। अभी राजनीतिक मगजमारी का वक्त नहीं- उपेंद्र कुशवाहा उपेंद्र कुशवाह ने संजय जायसवाल पर फिर से बयानबाजी की। जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भाजपा नेताओं के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल पर भी निशाना साधा। कुशवाहा ने जायसवाल को अपनी ऊर्जा कोरोना के खिलाफ जारी जंग में लगाने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि 'जनाब, अभी राजनीतिक मगजमारी नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा कोरोना महामारी के खिलाफ जारी संघर्ष में अपनी ऊर्जा लगाइए।' किसके इशारे पर जायसवाल के खिलाफ बयान दे रहे कुशवाहा? बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी का मुखिया सत्ता की शीर्ष (मुख्यमंत्री) पर है। राज्य में दूसरे नंबर की पार्टी ने समर्थन दिया है। संजय जायसवाल पेशे से डॉक्टर हैं और उस दूसरे नंबर की पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष हैं। इनके नेतृत्व में ही बीजेपी ने अब तक के अपने इतिहास में सबसे ज्यादा सीटें जीती है। उपेंद्र कुशवाहा कई घाट का पानी पीकर नीतीश के शरण में आए हैं। तो क्या ये मान लिया जाए कि उपेंद्र कुशवाहा को नीतीश कुमार ने संजय जायसवाल के खिलाफ बयानबाजी करने के लिए खुला छोड़ रखा है? उपेंद्र कुशवाहा आजकल बीजेपी के खिलाफ जमकर बयान दे रहे हैं। ममता की जीत पर कुशवाहा ने कही थी 'चक्रव्यूह' वाली बात पश्चिम बंगाल के चुनाव नतीजों पर भी उपेंद्र कुशवाहा ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा था कि 'भारी चक्रव्यूह को तोड़कर पश्चिम बंगाल में फिर से शानदार जीत के लिए ममता जी को बहुत-बहुत बधाई।' इस पर पूर्व विधायक और भाजपा के प्रवक्ता मनोज शर्मा ने निशाना साधते हुए कहा कि 'लोकतंत्र में आज जो भी लोग चक्रव्यूह की बात कर रहे हैं, वह सही नहीं है। महाभारत के युद्ध में चक्रव्यूह की रचना की गई थी। लोकतंत्र में ऐसे शब्दों का प्रयोग कहीं से भी उचित नहीं। ऐसे बयानों के कारण ही आज पश्चिम बंगाल अशांत हुआ है।' विधानसभा चुनाव में जीत पर नीतीश ने संभलकर दी बधाई बंगाल में ममता बनर्जी नहीं बल्कि नीतीश कुमार ने पार्टी तृणमूल कांग्रेस को जीत की बधाई दी। उन्होंने लिखा कि 'पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तीसरी बार विजय हासिल करने पर तृणमूल कांग्रेस पार्टी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।' दरअसल नीतीश कुमार ने काफी सोच-समझकर ममता का नाम लिए बगैर जीत की बधाई तृणमूल कांग्रेस को दी। पश्चिम बंगाल में ममता और बीजेपी आमने-सामने थी। बीजेपी के लिए बंगाल की लड़ाई नाक का सवाल बनी हुई थी। बीजेपी पश्चिम बंगाल में ना केवल सत्ता से दूर रह गई, बल्कि बड़े नेताओं के तमाम दावे फेल हो गए। ऐसे में नीतीश कुमार सीधे ममता बनर्जी को बधाई देने से परहेज करते नजर आए। वहीं, नीतीश कुमार ने असम में भी जीत पर वहां के मुख्यमंत्री को सीधे बधाई नहीं दी। उन्होंने ट्वीट किया कि 'असम में दूसरी बार तथा पुडुचेरी में विजय हासिल करने पर भारतीय जनता पार्टी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।' जबकि केरल के मुख्यमंत्री को जीत पर नाम के साथ बधाई दी। तमिलनाडु में विजय हासिल करने वाले डीएमके नेता एमके स्टालिन को भी उनका नाम लेते हुए नीतीश कुमार ने ट्वीट किया। नीतीश के रवैये से बिहार BJP के नेता भी खुश नहीं दरअसल बिहार सरकार बनने के बाद से लगातार बीजेपी की राज्य ईकाई से जुड़े नेता कहते रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार चलाने में मनमानी करते हैं। खुद डेप्युटी सीएम तारकिशोर प्रसाद बीजेपी कार्यकर्ताओं के सामने स्वीकार चुके हैं कि सरकार पर बीजेपी के एजेंडे की छाप नहीं दिख पा रही है। माना जा रहा था कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव तक सबकुछ ठीकठाक चलेगा। अब चुनाव खत्म हो चुके हैं, खटपट शुरू हो चुकी है। उधर, सीएम बनने के बाद से नीतीश कुमार लगातार अपने संगठन को भी मजबूत करने में जुटे हैं। वैसे भी दूसरे चुनावों के रिजल्ट देखकर बिहार की राजनीतिक फिजा बदलती रही है।
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बिहार में आमने-सामने क्यों हैं संजय जायसवाल और उपेंद्र कुशवाहा? जानिए नीतीश का 'गेम प्लान'
Reviewed by Fast True News
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May 06, 2021
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