ads

राजस्‍थान: कानून से बंधे हैं गवर्नर के हाथ!

नई दिल्ली राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने राज्यपाल को सेशन बुलाने के लिए सिफारिश की है और कानूनी जानकार बताते हैं कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत कैबिनेट का सलाह और सिफारिश मानने के लिए राज्यपाल बाध्य हैं और इस तरह कैबिनेट ने सेशन बुलाने की सलाह दी है तो राज्यपाल को उसके मुताबिक एक्ट करना होगा। संविधान के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक बेंच का फैसला कहता है कि राज्यपाल को मंत्रीपरिषद की सलाह से काम करना है। 'मंत्री परिषद की सलाह पर ही काम करेंगे गवर्नर'सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट केटीएस तुलसी बताते हैं कि संवैधानिक व्यवस्था है कि राज्यपाल मंत्रीपरिषद की सलाह और सिफारिश से काम करता है। चुनी हुई सरकार अगर सेशन बुलाने की सिफारिश करती है तो राज्यपाल को उसी के अनुसार नोटिफिकेशन जारी करना होता है। अनुच्छेद-163 के तहत राज्यपाल को जब सेशन बुलाने की सलाह और सिफारिश की जाती है तो उसके मुताबिक सेशन बुलाने का प्रावधान है। संविधान के प्रावधान के मुताबिक राज्यपाल मंत्री परिषद की सलाह पर ही काम करेंगे। वह औपचारिक तौर पर कार्यपालिका के मुख्य हैं लेकिन कार्यकारी अधिकार मंत्रीपरिषद में निहित है और उनकी सलाह से ही काम करेंगे। गवर्नर खुद से फैसले नहीं ले सकते। बहुमत का फैसला फ्लोर टेस्‍ट से होगासुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट विकास सिह का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक बेंच ने अरुणाचल प्रदेश के नबाम केस में फैसला दिया था और कहा था कि राज्यपाल मुख्यमंत्री व मंत्रीपरिषद के सलाह को मानने के लिए बाध्य हैं। संवैधानिक प्रावधान के तहत वह मंत्रीपरिषद के सलाह पर ही काम करेंगे। सिंह बताते हैं कि अगर राज्यपाल को लगता है कि सरकार बहुमत खो चुकी है तो भी उसे सेशन बुलाना है क्योंकि बहुमत का फैसला फ्लोर टेस्ट से होगा और बोमई जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट इसकी व्यवस्था दे चुका है। 'विशेष परिस्थिति' से फंस सकता है पेंचहालांकि सीनियर एडवोकेट एमएल लाहोटी का कहना है कि साधारण स्थिति में मंत्रीपरिषद का फैसला मानने के लिए राज्यपाल बाध्य हैं लेकिन अभी विशेष परिस्थिति है। मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। हाई कोर्ट ने अयोग्यता मामले में यथास्थिति बनाए रखने को कहा है। राज्यपाल इस विशेष परिस्थिति को देख रहे हैं और उस हिसाब से फैसला ले सकते हैं। हालांकि सरकार के बहुमत का फैसला भी फ्लोर टेस्ट से होता है और उसके लिए सेशन बुलाने का अधिकार राज्यपाल को है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/2E83jTt
राजस्‍थान: कानून से बंधे हैं गवर्नर के हाथ! राजस्‍थान: कानून से बंधे हैं गवर्नर के हाथ! Reviewed by Fast True News on July 24, 2020 Rating: 5

No comments:

ads
Powered by Blogger.