कमलेश: गुजरात ATS लेना चाहती थी क्रेडिट?
लखनऊ की हत्या के मामले में गुजरात लिंक मिलने के बाद और यूपी पुलिस मिलकर काम कर रही थी। गुजरात एटीएस के एक बड़े अधिकारी से यूपी पुलिस का संपर्क टूटते ही उन्हें हत्यारोपियों की लोकेशन मिलना बंद हो गई थी। सूत्रों के मुताबिक, गुजरात एटीएस के उस अधिकारी से लगातार यूपी पुलिस को हत्यारोपियों के संबंध में लीड मिल रही थी। हत्यारोपितयों की लोकेशान और उनके इरादे के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां लगातार गुजरात एटीएस यूपी पुलिस को दे रही थी। सूत्रों का कहना है कि गुजरात एटीएएस के अधिकारी ने 22 अक्टूबर को बात करना बंद कर दिया था।वारदात के बाद हत्यारोपी बरेली, पलिया, गौरीफंटा इलाके में बचने के लिए घूम रहे थे। नेपाल पहुंचना उनका लक्ष्य था। आखिर में गुजरात पुलिस ने यूपी पुलिस को नहीं दी जानकारी सूत्रों के मुताबिक, यह जानकारी गुजरात एटीएस के पास थी। एटीएस चाहती थी कि हत्यारोपी नेपाल न जाकर वापस आ जाएं। लिहाजा जब तक हत्यारोपी यूपी में रहे गुजरात एटीएस यूपी पुलिस को जानकारियां देती रही।उन इनपुट के आधार पर यूपी पुलिस भी काम कर रही थी। यूपी पुलिस के पास भी अपने इनपुट थे। यूपी पुलिस बरेली में हत्यारोपियों का डॉक्टर के पास इलाज करवाने वाले समेत अन्य मददगारों तक पहुंच गई। इस बीच गुजरात एटीएस परिवार पर नजरबंदी जैसा माहौल बनाकर हत्यारोपितों अशफाक और मोइनुद्दीन पर सरेंडर करने का दबाव बना रही थी। अशफाक की पत्नी और पिता के जरिए इमोशनल काउंसलिंग करवाने में गुजरात एटीएस जुटी हुई थी। 22 अक्टूबर को जैसे ही एटीएस के अधिकारी ने पूरे मामले में अपनी ग्रिप बना ली, यूपी पुलिस के अधिकारियों का फोन उठाना बंद कर दिया। इससे यूपी पुलिस काफी परेशान हो गई क्योंकि उन्हें हत्यारोपियों की लोकेशन मिलना बंद हो गई थी। फुल क्रेडिट लेना चाहती थी गुजरात एटीएस? हत्यारोपी अजमेर होते हुए एक माल वाहक वाहन से गुजरात के लिए निकले थे। इसकी भनक लगने पर गुजरात एटीएस के अधिकारी ने 22 अक्टूबर को यूपी पुलिस के आलाधिकारियों का फोन उठाना बंद कर दिया। यूपी पुलिस रणनीति ही बना रही थी कि गुजरात एटीएस ने शाम को गुजरात-राजस्थान बॉर्डर शामलाजी पर हत्यारोपियों को उतार लिया। यूपी पुलिस को इस बात की भनक ही नहीं लगने दी। यूपी पुलिस के अधिकारी जिस समय रणनीति तैयार कर रहे थे, उस दौरान न्यूज चैनलों पर गुजरात एटीएस की प्रेस कॉन्फ्रेंस से उन्हें पता चला कि दोनों हत्यारोपितों को पकड़ लिया गया है। हत्या मामले में यूपी पुलिस ने घटनास्थल के आस-पास की सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल गुजरात एटीएस को दे दी थी। गुजरात एटीएस ने घटनास्थल से मिले सूरत के धरती ब्रैंड के मिठाई के डिब्बे के आधार पर तीन साजिशकर्ताओं को घटना के दिन ही पकड़ लिया था। उनसे पूछताछ कर कई जानकारियां हासिल की गईं। नागपुर से वारदात के मास्टरमाइंड को भी पकड़ लिया। यह सभी जानकारियां गुजरात एटीएस ने यूपी पुलिस को 19 अक्टूबर को फोन पर बता दी थीं। सूत्रों के मुताबिक, गुजरात एटीएस प्रेस कॉन्फ्रेंस की तैयारी में थी कि इससे पहले ही यूपी पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी। इससे गुजरात एटीएस का मन खट्टा हो गया। गुजरात एटीएस पूरी तरह से प्रयास कर रही थी कि किसी तरह हत्यारोपियों तक वह पहले पहुंच जाए।
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कमलेश: गुजरात ATS लेना चाहती थी क्रेडिट?
Reviewed by Fast True News
on
October 24, 2019
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