यूनिवर्सिटी में रोस्टर मसला फिर हो सकता है गरम
नई दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रफेसर, असिस्टेंट प्रफेसर, असोसिएट प्रफेसर की नियुक्त को लेकर लोकसभा चुनाव से पहले गरम हुआ मसला एक बार फिर से गरम हो सकता है। राज्यसभा में यह मसला उठा और बताया गया कि 4 सेंट्रल यूनिवर्सिटियों ने नियुक्ति के विज्ञापन निकाले हैं लेकिन वह पुराने 200 पॉइंट रोस्टर सिस्टम के हिसाब से नहीं हैं। जबकि सरकार मार्च में ही अध्यादेश ले आई थी कि पुराने रोस्टर सिस्टम के हिसाब से ही नियुक्ति होगी। पुराने सिस्टम के हिसाब से सभी खाली पदों के हिसाब से आरक्षण कोटे का आकलन किया जाता है। यूनिवर्सिटी में खाली पद भरने के लिए पिछले साल 200 पॉइंट रोस्टर सिस्टम को हटाकर लाया गया था। 13 पॉइंट रोस्टर एक ऐसा सिस्टम है जिसमें यूनिवर्सिटी को इकाई (यूनिट) न मानकर विभाग को इकाई माना जाता है। यानी इस व्यवस्था के तहत शिक्षकों के कुल पदों की गणना यूनिवर्सिटी या कॉलेज के अनुसार न करके विभाग या विषय के हिसाब से की जाती है। इससे आरक्षित वर्ग की सीटें कम हो गई थी। जबकि पहले से यूनिवर्सिटी में प्रफेसरों की भर्ती 200 पॉइंट रोस्टर के तहत की जाती थी। इस सिस्टम के तहत पूरी यूनिवर्सिटी को एक यूनिट मान लिया जाता है और फिर किसी श्रेणी विशेष के सभी पदों को मिलाकर आरक्षण कोटे का आकलन किया जाता है। यूनिवर्सिटी को एक यूनिट माने जाने की वजह से हर वर्ग के उम्मीदवार की भागीदारी सुनिश्चित थी। राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान ने यह मसला उठाया। उन्होंने कहा कि 13 फरवरी को एचआरडी मिनिस्ट्री की तरफ से कहा गया था कि 13 पॉइंट रोस्टर सिस्टम पर रोक लगाकर फिर से 200 पॉइंट रोस्टर सिस्टम बहाल किया जाएगा, जिसके बाद 7 मार्च को सरकार ने अध्यादेश भी जारी कर दिया। समाजवादी पार्टी सांसद ने कहा कि पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु और अमरकंटक सेंट्रल यूनिवर्सिटी में खाली पद भरने के लिए विज्ञापन निकाला है। एसपी सांसद ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी ने 156 सीटों के लिए विज्ञापन निकाला है, जिसमें 200 पॉइंट रोस्टर सिस्टम के हिसाब से 75 सीटें आरक्षित (एससी, एसटी, ओबीसी) होनी चाहिए लेकिन इसमें महज 50 सीटें आरक्षित हैं। कर्नाटक यूनिवर्सिटी ने 137 पदों के लिए विज्ञापन निकाला और इसमें भी कम सीटें आरक्षित हैं। तमिलनाडु यूनिवर्सिटी के विज्ञापन में 113 पदों में 56 सीटें आरक्षित होनी चाहिए लेकिन 40 सीटें ही हैं और इसी तरह अमरकंटक यूनिवर्सिटी के खाली पदों को भरने के लिए जारी विज्ञापन में 95 सीटों में से 47 सीटें आरक्षित होनी चाहिए थी लेकिन महज 33 सीटें ही आरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से ओबीसी के लिए एक भी सीट नहीं है। राज्यसभा चेयरमैन वेकैंया नायडू ने कहा कि सरकार इस मसले को देखे।
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यूनिवर्सिटी में रोस्टर मसला फिर हो सकता है गरम
Reviewed by Fast True News
on
June 27, 2019
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