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17,000 रुपये की एक मछली, चमड़े से बनता है बैग... ऑक्सीजन लेना ही जान पर पड़ जाता है भारी

यह मछली बाकियों से थोड़ी अलग होती है। इसे सांस लेने के लिए हर पांच से 15 मिनट में सतह पर आना पड़ता है। जी हां, ड्राई सीजन में जब अमेजन के वेटलैंड में पानी का स्तर घटता है तब ऐसा खूब देखा जाता है। मछली के इस बिहैवियर और साइज के चलते मछुआरों को इन्हें पकड़ना आसान हो जाता है। मछली भारी होने के कारण आधा हिस्सा नाव पर खींचते ही मछुआरे उसके सिर पर लकड़ी से जोरदार वार करते हैं और फिर उसे पूरा खींच लेते हैं। वैसे, समंदर में सबसे मोटी त्वचा व्हेल शार्क की होती है। यह सबसे बड़ी मछली भी होती है जिसकी थिकनेस 10 सेमी तक हो सकती है। पिरारुकू मछली काफी महंगी बिकती है। ये एक मछली 200 डॉलर (करीब 17 हजार रुपये) से अधिक की बिकती है। इससे ही ब्राजील में अमेजन के जंगलों के आसपास रहने वाले लोगों की रोजी-रोटी चलती है। वे इन मछलियों को छोटे तालाब में पालते भी हैं।

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17,000 रुपये की एक मछली, चमड़े से बनता है बैग... ऑक्सीजन लेना ही जान पर पड़ जाता है भारी 17,000 रुपये की एक मछली, चमड़े से बनता है बैग... ऑक्सीजन लेना ही जान पर पड़ जाता है भारी Reviewed by Fast True News on November 06, 2022 Rating: 5

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