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कल्याण सिंह 'बाबूजी' के गढ़ में बीजेपी से क्यों नाराज हैं भाजपाई? पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट

अलीगढ़ः उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर से अतरौली की ओर जाते समय राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत बीजेपी नेता () का गांव मढ़ौली पड़ता है। यह अतरौली कस्बे से दो किलोमीटर पहले ही है। हम मढ़ौली के रास्ते में अयोध्या प्रसाद से मिलते हैं। वह भीगंबर सिंह और अपने दो-चार अन्य साथियों के साथ एक चाय की दुकान के बगल में लगी चौकी पर बैठे हैं। पूछने पर अयोध्या प्रसाद बताते हैं कि अतरौली में बाबूजी के नाम पर बीजेपी को एकतरफा वोट पड़ने वाला है। प्रसाद ने बताया कि से दूसरी बार कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह प्रत्याशी हैं। उन्होंने इलाके में एक डिग्री कॉलेज बनवाया है। विधानसभा क्षेत्र में सड़कें बेहद अच्छी हैं और बिजली पर्याप्त आती है। उनकी बातों से लगा कि इलाके में कोई खास समस्या नहीं है लेकिन इसी बीच दिगंबर सिंह बताते हैं कि पूरे क्षेत्र के कई गांवों में आवारा पशु एक बड़ी समस्या हैं। वह कहते हैं कि अगर बीजेपी सरकार आवारा गाय और बिजारों (बैलों) पर पाबंदी लगा दे तो 'बाबूजी' को थोक में वोट मिले। किसानों को सिर्फ यही छुट्टा गायों और बैलों ने परेशान कर रखा है। चंदोरी गांव के रहने वाले सिंह इसके अलावा अपने गांव में राशन वितरण में धांधली का आरोप भी लगाते हैं। हालांकि, इन सबके बावजूद वह कहते हैं कि बाबूजी हमारे इलाके हैं। वोट तो उन्हीं को देंगे। जाटव समाज से आने वाले अयोध्या प्रसाद भी यही बात कहते हैं कि बाबूजी के परिवार से चाहे जो भी खड़ा हो, वे उसी को वोट देंगे। उनके आगे सब फेल हैं। वह कहते हैं कि बस आवारा पशुओं की ही बात है, जिससे नाराजगी है। बाकी सब ठीक है। कल्याण सिंह के गांव मढ़ौली में सुरेश चंद्र मिलते हैं। वह इस गांव के नहीं हैं लेकिन उनके कई दोस्त इसी गांव में रहते हैं। वह हमें कल्याण सिंह का पूरा गांव दिखाते हैं। वह बताते हैं कि मढ़ौली गांव पंचायत नहीं है बल्कि अतरौली नगर पालिका का हिस्सा है, जहां गली-गली में पक्की सड़कें हैं। लोगों के पक्के मकान बने हैं। सड़कों पर सफाई भी काफी है। घर-घर में टंकी का पानी सप्लाई किया जाता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कई सारे घर वहां बने हैं। हम पैदल टहलते कल्याण सिंह के पैतृक घर पर भी पहुंचते हैं। बताया जाता है कि घर पर सिर्फ उनकी पत्नी रहती हैं। सुरेश चंद्र उन्हें मिलने के लिए पुकारते हैं लेकिन कल्याण सिंह की पत्नी रमावती देवी मिलने की इच्छुक नहीं हैं। हम उनके घर से आगे बढ़ते हैं। गांव में जिससे भी बात होती है, सब बीजेपी को ही वोट देने की बात कहते हैं। सुरेश चंद का कहना है कि गांव में मुस्लिम समुदाय से लेकर जाटव तथा अन्य सभी जातियों तक हर कोई बाबूजी को ही वोट देता है। संदीप सिंह को भी बाबूजी के नाम पर वोट मिलेगा। गांव की गलियों में भटकते हम एक जगह कई सारे लोगों की भीड़ देखते हैं। ये लोग एक खाली जमीन पर घेरा बना-बनाकर बैठे हैं। नजदीक जाकर देखते हैं तो वे ताश खेल रहे होते हैं। हमारे वहां पहुंचने के बाद वे सभी लोग अपनी-अपनी पत्तियां छिपाकर खड़े हो जाते हैं। हम उनसे वहां की समस्याओं के बारे में पूछते हैं तो उनका जवाब होता है कि यहां तो सब ठीक है। सड़क, बिजली, पानी हर तरह की सुविधा उन्हें मिलती है। दिहाड़ी मजदूरी करने वाले वे सभी लोग बीजेपी को वोट देने वाले हैं, ऐसा उन्होंने बताया। उनमें से कुछ लोग किसान भी थे, जिन्होंने अपने खेत में गेहूं बो रखा था। असल समस्या उन्हीं के साथ थी। एक सज्जन ने बताया कि उन्होंने तीन बीघे में पांच हजार रुपये खर्च करके गेहूं लगाया था लेकिन आवारा पशुओं की वजह से उनका खेत साफ हो गया है। ऐसा कई रातें रखवाली करने के बाद भी हुआ है। हमने उनसे पूछा कि इतने सारे आवारा पशु आने का कारण क्या है? इस सवाल का जवाब देने के लिए प्रौढ़ उम्र के एक शख्स सामने आते हैं। वह कहते हैं कि अभी सपा सरकार आ जाए तो सब (आवारा पशु) कट जाएंगे। योगी जी की सरकार है तो ये सब देखने को मिल रहे हैं। इससे पहले योगी आदित्यनाथ भी यह कह चुके हैं कि उनकी सरकार आने के बाद अवैध बूचड़खाने बंद हो गए। इसकी वजह से आवारा पशुओं की समस्या खड़ी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि इन पशुओं के लिए गोशालाओं का निर्माण किया जा रहा है। मढ़ौली के भ्रमण के बाद सुरेश चंद्र हमें गांव के बाहर लेकर आए, जिसके बाद हम अतरौली कस्बे की ओर आगे बढ़े। यहां चौराहे पर एक मोटरबाइक रिपेयरिंग की दुकान के बगल में पवन और कौशल खड़े थे। दोनों की उम्र 25 साल के आसपास होगी। हमारे सामने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी का चुनावी कार्यालय था। यूपी चुनाव पर हम लोगों के बीच बातचीत शुरू हुई तो दोनों ने बताया कि संदीप सिंह को सपा के वीरेश यादव कड़ी टक्कर दे रहे हैं। पवन ने बताया कि संदीप सिंह ने इलाके में कोई काम नहीं किया। वह केवल वोट मांगने के लिए इलाके में आते हैं। संदीप युवा हैं लेकिन क्षेत्र के युवाओं के साथ उनका कोई इंटरैक्शन नहीं है। जातीय समीकरण समझाते हुए कौशल कहते हैं कि इलाके में मुसलमान, यादव और ब्राह्मणों का वोट समाजवादी पार्टी को जा रहा है। 50 फीसदी से ज्यादा आबादी रखने वाला लोध राजपूत समुदाय हालांकि, अब भी बाबूजी के नाम पर बीजेपी के साथ है। पवन चौराहे की ओर इशारा करते हुए कहते हैं कि इसे देखिए। यह अतरौली का मेन चौराहा है। इसकी हालत कैसी है? इसे देखकर कोई नहीं कह सकता कि यह पूर्व मुख्यमंत्री का इलाका है, जिसकी दो और पीढ़ी पॉलिटिक्स में ऐक्टिव है। अखिलेश यादव ने सैफई को ऐसा संवार दिया है कि मैनपुरी से ही अंदाजा लगने लगता है कि हम किसी मुख्यमंत्री के इलाके में जा रहे हैं। इलाके में विकास को लेकर संदीप सिंह की उदासीनता दोनों युवा वोटरों को परेशान करती है। कौशल बताते हैं कि संदीप के कार्यकाल में सिर्फ एक काम डिग्री कॉलेज बनाने का हुआ है। वह भी कल्याण सिंह के जमाने का काम है, जो अब पूरा हुआ है। उन्होंने संदीप सिंह के फैसले लेने की क्षमता पर भी सवाल उठाया। कौशल ने बताया कि संदीप राज्यमंत्री हैं लेकिन हर काम अपने पापा (उदयवीर सिंह उर्फ राजू भइया) से पूछकर करते हैं। एक बार वह किसी काम से संदीप सिंह के पास गए थे। उनकी बात सुनने के बाद संदीप सिंह ने कहा कि पापाजी से बात कर लो आप। कौशल बताते हैं कि ब्राह्मण वोटर भी संदीप सिंह और बीजेपी से काफी नाराज हैं। बीजेपी ने ब्राह्मणों का एक सम्मेलन बुलाया था, जिसमें इलाके का कोई ब्राह्मण नहीं पहुंचा था। बाद में श्रीकांत शर्मा को डैमेज कंट्रोल के लिए बुलाया गया। दोनों इस बात से सहमत हैं कि संदीप सिंह दोबारा आसानी से चुन लिए जाएंगे लेकिन यह जीत उन्हें योगी आदित्यनाथ और बाबूजी के नाम पर ही मिलेगी।


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कल्याण सिंह 'बाबूजी' के गढ़ में बीजेपी से क्यों नाराज हैं भाजपाई? पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट कल्याण सिंह 'बाबूजी' के गढ़ में बीजेपी से क्यों नाराज हैं भाजपाई? पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट Reviewed by Fast True News on January 30, 2022 Rating: 5

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