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फायर...फायर...फायर... इस साल की 10 मिसाइलें , जो चीन-पाक की नींद करेंगी हराम

भारत के डिफेंस रिसर्च सेक्‍टर के लिए साल 2020 बेहद सफल साबित हुआ। डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने इतनी मिसाइलें टेस्‍ट कर डालीं कि पिछले सारे रेकॉर्ड टूट गए। 2020 में तीन दर्जन से भी ज्‍यादा मिसाइल्‍स का सफल टेस्‍ट हुआ है। साइंटिस्‍ट्स ने सरफेस टू सरफेस, एयर टू एयर और वाटर टू एयर में मार करने वाली मिसाइलें टेस्‍ट की हैं। कई तरह के लॉन्‍च वीकल्‍स और कैरियर्स का भी टेस्‍ट सफल रहा। यह सबकुछ उस वक्‍त हो रहा था जब चीन के साथ लगती सीमा पर तनाव बढ़ रहा था और पाकिस्‍तान भी बॉर्डर पर सीजफायर तोड़ रहा था। इन टेस्‍ट्स के जरिए भारत ने दुश्‍मनों को यह अहसास करा दिया कि एक छोटी सी चूक उनके लिए तबाही का सबब बन सकती है। DRDO की इस मिसाइल मैराथन ने चीन और पाकिस्‍तान की पेशानी पर बल ला दिए हैं। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख मिसाइल्‍स के बारे में जिनका टेस्‍ट इस साल हुआ।

India Missile Tests in 2020: डिफेंस रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने इस साल तीन दर्जन से ज्‍यादा मिसाइलों के सफल टेस्‍ट किए हैं। इनमें जमीन, हवा और पानी तीनों सरफेस से मार करने वाली मिसाइल्‍स शामिल हैं।


फायर...फायर...फायर... डीआरडीओ ने 2020 में किया ऐसा काम, चीन-पाकिस्‍तान की नींद हुई हराम

भारत के डिफेंस रिसर्च सेक्‍टर के लिए साल 2020 बेहद सफल साबित हुआ। डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने इतनी मिसाइलें टेस्‍ट कर डालीं कि पिछले सारे रेकॉर्ड टूट गए। 2020 में तीन दर्जन से भी ज्‍यादा मिसाइल्‍स का सफल टेस्‍ट हुआ है। साइंटिस्‍ट्स ने सरफेस टू सरफेस, एयर टू एयर और वाटर टू एयर में मार करने वाली मिसाइलें टेस्‍ट की हैं। कई तरह के लॉन्‍च वीकल्‍स और कैरियर्स का भी टेस्‍ट सफल रहा। यह सबकुछ उस वक्‍त हो रहा था जब चीन के साथ लगती सीमा पर तनाव बढ़ रहा था और पाकिस्‍तान भी बॉर्डर पर सीजफायर तोड़ रहा था। इन टेस्‍ट्स के जरिए भारत ने दुश्‍मनों को यह अहसास करा दिया कि एक छोटी सी चूक उनके लिए तबाही का सबब बन सकती है। DRDO की इस मिसाइल मैराथन ने चीन और पाकिस्‍तान की पेशानी पर बल ला दिए हैं। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख मिसाइल्‍स के बारे में जिनका टेस्‍ट इस साल हुआ।



देश की पहली NGARM का टेस्‍ट सफल
देश की पहली NGARM का टेस्‍ट सफल

देश की पहली न्‍यू जेनरेशन ऐंटी रेडिएशन मिसाइल (NGARM) का सफल टेस्‍ट 9 अक्‍टूबर को किया गया। यह मिसाइल दुश्‍मन के इलाके में घुसकर उसके सर्विलांस सिस्‍टम को ध्‍वस्‍त कर सकती है। ये वो मिसाइल हैं जिन्‍हें बनाया ही दुश्‍मन के कम्‍युनिकेशन सिस्‍टम को ध्‍वस्‍त करने के लिए है। ये दुश्‍मन के रडार, जैमर्स और यहां तक कि बातचीत के लिए इस्‍तेमाल होने वाले रेडियो के खिलाफ भी यूज हो सकती हैं।



350KM तक मार करती है 'पृथ्‍वी-2'
350KM तक मार करती है 'पृथ्‍वी-2'

भारत ने 23 सितंबर और फिर 16 अक्‍टूबर को परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम और स्वदेशी ‘पृथ्वी-2’ मिसाइल का सफल ट्रायल किया। सतह से सतह पर मार करनेवाली यह अत्याधुनिक मिसाइल 350 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है। पृथ्वी मिसाइल 500 से 1,000 किलोग्राम तक आयुध ले जा सकती है।



SMART मिसाइल के दो-दो फायदे
SMART मिसाइल के दो-दो फायदे

सुपरसोनिक असिस्‍टेंट रिलीज ऑफ टॉरपीडो यानी SMART मिसाइल बेहद खास है। यह ऐंटी शिप मिसाइल है जिसमें कम वजन का टारपीडो भी लगा होता है। दोनों मिल जाते हैं तो यह एक सुपरसोनिक ऐंटी सब‍मरीन मिसाइल बन जाती है। यानी यह मिसाइल की तरह भी काम करेगी और सबमरीन डिस्‍ट्रॉयर की तरह भी। इसका सफल टेस्‍ट 5 अक्‍टूबर को हुआ था। इस मिसाइल के बारे में और पढ़ने के लिए

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अर्जुन टैंक से लॉन्‍च हुई ATGM
अर्जुन टैंक से लॉन्‍च हुई ATGM

यह ऐंटी टैंक गाइडेड मिसाइल असल में लेजर गाइडेड है। इसे अर्जुन टैंक से सफलतापूर्वक 1 अक्‍टूबर को लॉन्‍च किया। मिसाइल ने कई किलोमीटर दूर स्थित टारगेट टैंक के परखच्‍चे उड़ा दिए थे।



कहीं से भी लॉन्‍च की जा सकती है ब्रह्मोस
कहीं से भी लॉन्‍च की जा सकती है ब्रह्मोस

ब्रह्मोस का यह नया रूप असल में कम दूरी की रैमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। यह मिसाइल जमीन, पानी, हवा के अलावा नेवल शिप और पनडुब्‍बी से भी छोड़ी जा सकती है।



HSTDV तकनीक वाला दुनिया का चौथा देश बना भारत
HSTDV तकनीक वाला दुनिया का चौथा देश बना भारत

7 सितंबर को DRDO ने अहम उपलब्धि हासिल की। बालासोर में हाइपरसोनिक टेक्‍नॉलजी डिमॉन्‍स्‍ट्रेटर वीइकल (HSTDV) का सफल टेस्‍ट हुआ। भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बन गया जिसके पास ये तकनीक है। HSTDV को न सिर्फ हाइपरसोनिक और लॉन्‍ग रेंज क्रूज मिसाइल्‍स के वीइकल की तरह इस्‍तेमाल किया जा सकेगा, बल्कि इसके कई सिविलियन फायदे भी हैं। इससे छोटे सैटेलाइट्स को कम लागत में लॉन्‍च किया जा सकता है।



डिफेंस सिस्टम को मजबूती देगा 'अभ्‍यास' ड्रोन
डिफेंस सिस्टम को मजबूती देगा 'अभ्‍यास' ड्रोन

22 सितंबर को DRDO ने अभ्यास लड़ाकू ड्रोन का सफल परीक्षण किया था। ड्रोन ने पूरी तरह से ऑटोनॉमस वेपॉइंट नेविगेशन मोड में परफॉर्मेंस साबित की। इन वाहनों का इस्तेमाल विभिन्न मिसाइल सिस्टम्स के मूल्यांकन में लक्ष्य के तौर पर किया जा सकेगा।



दुश्‍मन को कोई मौका नहीं देती शौर्य म‍िसाइल
दुश्‍मन को कोई मौका नहीं देती शौर्य म‍िसाइल

गांधी जयंती के दिन, 2 अक्‍टूबर को DRDO ने 'शौर्य' मिसाइल का सफल टेस्‍ट किया। इसे बेड़े में शामिल करने को मंजूरी दे दी गई है। इस मिसाइल में क्‍या खास है, जानने के लिए

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दुश्‍मन के रडार पर नहीं आती 'निर्भय' मिसाइल
दुश्‍मन के रडार पर नहीं आती 'निर्भय' मिसाइल

12 अक्‍टूबर को 'निर्भय' क्रूज मिसाइल का टेस्‍ट हुआ। 1000 किमी तक मार करने वाली यह मिसाइल सबसोनिक है। समुद्र और जमीन की सतह से कुछ ऊपर उड़ान भरने वाली यह मिसाइल दुश्मन के रडार की पहुंच से बचने में कामयाब रहती है।



ATGM की रेंज बढ़ाने की तैयारी
ATGM की रेंज बढ़ाने की तैयारी

अर्जुन टैंक से 22 सिंतबर को ऐंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल टेस्‍ट हुआ। अभी इसकी रेंज 3-4 किलोमीटर है जिसे DRDO 5 किलोमीटर पर टेस्‍ट करना चाहता है।





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फायर...फायर...फायर... इस साल की 10 मिसाइलें , जो चीन-पाक की नींद करेंगी हराम फायर...फायर...फायर... इस साल की 10 मिसाइलें , जो चीन-पाक की नींद करेंगी हराम Reviewed by Fast True News on December 29, 2020 Rating: 5

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