169 दिनों बाद फिर से पटरी पर लौटी मेट्रो, देखिए कोरोना काल में यूं चली

नई दिल्ली कोरोना महामारी की वजह से 5 महीने से अधिक समय तक बंद रही दिल्ली मेट्रो आज से फिर से चल पड़ी। हालांकि, मेट्रो प्रयोग करने के नियम काफी सख्त हैं और लोगों को जरूरत पड़ने पर ही इसका इस्तेमाल करने को कहा गया है। अधिकारियों ने कहा है कि अगर यात्रा के दौरान यात्री सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं करते हैं तो 'कुछ स्टेशनों पर ट्रेनों को नहीं रोका जा सकता है।' दिल्ली मेट्रो की सेवा 7 से 12 सितंबर के बीच तीन चरणों में चरणबद्ध तरीके से बहाल होगी। समयपुर बादली को हुडा सिटी सेंटर से जोड़ने वाली येलो लाइन और रेपिड मेट्रो आज शुरू हो गई। एक अधिकारी के अनुसार, पहले चरण में ट्रेनें सुबह सात बजे से 11 बजे तक और शाम में चार बजे से रात आठ बजे तक चलेंगी। 57 ट्रेनें उपलब्ध रहेंगी जोकि लगभग 462 फेरे लगाएंगी। संक्रमण से बचाव के लिए सिक्योरिटी चेक प्वाइंट पर कई बदलाव किए गए हैं. प्लास्टिक की टोकरियाँ रखी हुई हैं जिनमें आपको अपनी पर्स, मोबाइल, यहां तक कि बेल्ट भी स्कैनर से गुजारनी होगी. सुरक्षा कर्मचारी सिर्फ दूर से आपके स्कैनिंग पर नजर रखेगा। यात्रा से पहले जान लें ये बातें - एक्स्ट्रा टाइम लेकर घर से निकलें। - कम से कम सामान लेकर चलें। धातु की चीजें न रखें। - 30ml से ज्यादा मात्रा में हैंड सैनिटाइजर नहीं रख सकेंगे। - हर स्टेशन पर एक या दो गेट्स के जरिए ही एंट्री होगी। इसकी लिस्ट नीचे देख सकते हैं। - सभी यात्रियों के लिए फेस कवर/मास्क पहनना अनिवार्य होगा। आरोग्य सेतु ऐप इस्तेमाल करने की सलाह। - हर स्टेशन के एंट्री पॉइंट पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन से गुजरना होगा। - कोविड-19 के लक्षणों या बुखार वाले लोगों को नहीं जाने दिया जाएगा। उन्हें नजदीकी मेडिकल सेंटर भेजा जाएगा। - फ्रिस्किंग पॉइंट्स, कस्टमर केयर, AFC गेट्स समेत सभी जगहों पर निशान बनाए गए हैं, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन हो सके। यात्रियों को एक-दूसरे से हमेशा दूरी बनाए रखनी होगी। - मेट्रो के स्टेशंस पर आपके बैग को भी सैनिटाइज करने का इंतजाम होगा। यहां सुरक्षा अधिकारी आपके बैग पर डिस्इन्फेक्टर छिड़केंगे। 45 बड़े स्टेशंस पर 'ऑटो थर्मल स्क्रीनिंग कम हैंड सैनिटाइजेशन मशीन' लगाई गई हैं। बाकी मेट्रो स्टेशंस पर 'ऑटो सैनिटाइजर डिस्पेंसर्स' लगे होंगे। इसके अलावा थर्मल स्क्रीनिंग मैनुअली की जाएगी। - 'ऑटो थर्मल स्क्रीनिंग कम हैंड सैनिटाइजेशन मशीन' पैसेंजर के सामने आते ही तापमान नाप लेगी। अगर टेम्प्रेचर ज्यादा हुआ तो यात्री को मेट्रो में सवार होने नहीं दिया जाएगा। उसे नजदीकी मेडिकल सेंटर जाने को कहा जाएगा। - मेट्रो स्टेशंस पर लिफ्ट के पास एक 'पैडल स्विच' लगा होगा। यानी लिफ्ट बुलाने के लिए आपको बस पैर से इस स्विच को धीरे से दबाना है। बटन पैनल फिलहाल बंद रहेगा ताकि कोरोना संक्रमण का खतरा कम हो सके। - लिफ्ट में दो या तीन लोगों को ही जाने दिया जाएगा। एस्केलेटर्स पर यात्री एक स्टेप छोड़कर खड़े होंगे। - टोकन्स से यात्रा नहीं हो पाएगी। सिर्फ स्मार्ट कोर्ड होल्डर्स (एयरपोर्ट लाइन पर QR कोड भी) को एंट्री मिलेगी। स्टेशन पर रिचार्ज भी सिर्फ कैशलेस मोड में होगा। - नए स्मार्ट कार्ड भी कैशलेस मोड से ही खरीदे जा सकेंगे। - मेट्रो स्टेशंस के भीतर दुकानें खुलेंगी लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के साथ। कोच के भीतर क्या रखें ध्यान?- पैसेंजर्स को ऑल्टरनेट सीट (एक सीट छोड़कर) पर बैठना होगा। सीटों पर 'यहां मत बैठिए' के स्टिकर्स लगाए गए हैं। अगर खड़े हैं तो बाकी यात्रियों से कम से कम एक मीटर की दूरी बनानी होगी। - हर स्टेशन पर ट्रेन के रुकने का समय 10 सेकेंड बढ़ा दिया गया है। इंटरचेंज स्टेशन पर ट्रेन 20 सेकेंड ज्यादा रुकेगी। - टर्मिनल स्टेशनों पर ट्रेन सैनिटाइज होगी। दिनभर के बाद डिपो में लौटने पर भी सैनिटाइजेशन होगा। - टर्मिनल स्टेशंस पर ट्रेनों के दरवाजे खुले रहेंगे ताकि ताजी हवा आ सके।
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169 दिनों बाद फिर से पटरी पर लौटी मेट्रो, देखिए कोरोना काल में यूं चली
Reviewed by Fast True News
on
September 06, 2020
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