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NPR कब? 'सुमो' के दावे पर JDU की गुगली

पटना बिहार में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने दावा किया है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर () की प्रक्रिया अप्रैल 2020 में शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया एक अप्रैल से 30 सितंबर तक चलाई जाएगी। सुशील मोदी ने यह भी दावा किया कि बिहार में यह 15 मई से 28 मई 2020 के बीच होगी। हालांकि सुशील मोदी के इस दावे से नीतीश सरकार में ही मंत्री श्याम रजक अनभिज्ञ दिखे। उन्होंने कहा कि कब और कहां इस बारे में फैसला हुआ, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। इतना ही नहीं रजक ने इसे सुशील मोदी का निजी बयान तक करार दे दिया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुशील मोदी ने कहा, 'एनपीआर तैयार करने की प्रक्रिया 2010 में यूपीए शासन के दौरान शुरू हुई थी। उस वर्ष एक अप्रैल से 30 सितंबर तक यह प्रक्रिया पूरी हुई।' एक सवाल के जवाब में सुशील मोदी ने जनगणना 2021 में जाति कॉलम जोड़े जाने का पक्ष लिया। नीतीश के मंत्री ने सुशील के बयान पर जताई आपत्ति उधर, सुशील मोदी के बयान को निजी करार देते हुए श्याम रजक ने कहा, 'मैं इस तरह के किसी भी निर्णय के बारे में नहीं जानता हूं। मुझे लगता है कि सीएम नीतीश कुमार इस बारे में किसी भी तरह की घोषणा के लिए योग्य व्यक्ति हैं। मुझे लगता है कि सुशील मोदी ने अपने स्तर पर यह बयान दिया है।' सुशील मोदी ने यह कहा उन्होंने कहा कि वह इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध करेंगे क्योंकि राज्य विधानमंडल ने इस संबंध में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस बयान को लेकर पूछे गए सवाल पर कि 2024 तक पूरे देश में लागू की जाएगी, उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री के यह कहने के बाद किसी के भी बयान का कोई मतलब नहीं कि सरकार ने इस पर कभी चर्चा नहीं की है।' 'एनपीआर और एनसीआर अलग-अलग' उन्होंने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'एनपीआर और एनआरसी दो अलग अलग चीजें हैं। कांग्रेस और आरजेडी के लोग इसे और सीएए को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। पश्चिम बंगाल, केरल, राजस्थान सहित कोई भी राज्य सीएए या एनपीआर लागू करने से इनकार नहीं कर सकता। ऐसा इसलिए कि केंद्र को लाने का अधिकार है।' पश्चिम बंगाल, केरल को चुनौती ने पश्चिम बंगाल और केरल को चुनौती दी कि वे संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) लागू नहीं करें, यदि वे ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा, 'कोई भी मुख्यमंत्री सीएए और एनपीआर लागू करने से इनकार नहीं कर सकता, चाहे वह इनके विरोध में क्यों न हो। ना पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ना केरल के मुख्यमंत्री विजयन ही यह कह सकते हैं। वे सीएए और एनपीआर को ना नहीं कह सकते।' 'ये दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे' सुशील मोदी ने इस दौरान पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम की एक ऑडियो विडियो क्लिप चलायी जिसमें वह एनपीआर के समर्थन में बोल रहे हैं। उपमुख्यमंत्री ने संतोष जताया कि हिंसा की कोई बड़ी घटना नहीं हुई क्योंकि लोग, विशेष तौर पर मुस्लिम समझे कि सीएए किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या प्रतिवादियों को एनपीआर में अपने अभिभावकों के जन्मस्थान और जन्मतिथि का खुलासा करना होगा, सुशील मोदी ने कहा कि इसके लिए कोई अनिवार्य प्रावधान नहीं है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि प्रतिवादियों से जन्म प्रमाणपत्र, भूमि दस्तावेज जैसे कोई दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे।


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NPR कब? 'सुमो' के दावे पर JDU की गुगली NPR कब? 'सुमो' के दावे पर JDU की गुगली Reviewed by Fast True News on January 04, 2020 Rating: 5

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