आखिरी दिन CJI गोगोई का जजों को 'मौन' मंत्र
नई दिल्ली अपने आखिरी वर्किंग डे पर ने न्यायपालिका और सहकर्मियों के नाम संदेश दिया। चीफ जस्टिस 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं और आज उनका कोर्ट में आखिरी दिन है। जस्टिस गोगोई ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता और जजों की आजादी पर कहा कि जजों को मौन रहकर अपनी स्वतंत्रता का प्रयोग करना चाहिए। सीजेआई ने अपने कार्यकाल के दौरा प्रेस के व्यवहार की भी सराहना की। 'जजों की आजादी उनके मौन में ही है' जस्टिस गोगोई की ओर से जारी नोट में कहा गया, 'वकीलों को बोलने की स्वतंत्रता है और यह होनी चाहिए। बेंच के जजों को स्वतंत्रता का प्रयोग मौन रहकर करना चाहिए। जजों को अपनी आजादी बनाए रखने के लिए मौन रहना चाहिए। इसका अर्थ यह नहीं है कि उन्हें चुप रहना चाहिए, बल्कि जजों को अपने दायित्वों के निर्वाह के लिए ही बोलना चाहिए। इसके अलावा उन्हें मौन ही रहना चाहिए।' पढे़ं : प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के मुद्दे पर भी जस्टिस गोगोई ने रखी राय जस्टिस गोगोई सुप्रीम कोर्ट के उन 4 जजों में से थे जिन्होंने मीडिया के सामने आकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था। इस मुद्दे पर उन्होंने कहा प्रेस के सामने जाने का विचार कभी भी एक चुनाव की तरह नहीं था। उन्होंने कहा, 'मैंने एक ऐसे संस्थान के साथ जुड़ने का फैसला किया जिसकी ताकत ही जनमानस का भरोसा और विश्वास है।' मीडिया से मिले सहयोग के लिए जताया आभार विभिन्न मीडिया संस्थानों की ओर से कार्यकाल के आखिरी दिन प्रेस संबोधन की अपील के बाद सीजेआई ने यह नोट जारी किया। उन्होंने अपने पूरे कार्यकाल के दौरान प्रेस से मिले सहयोग के लिए आभार जताया। जस्टिस गोगोई ने कहा कि प्रेस ने दबाव के वक्त में न्यायपालिका की साख को ठेस पहुंचानेवाली झूठी खबरों के खिलाफ सही रुख अपनाया।
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आखिरी दिन CJI गोगोई का जजों को 'मौन' मंत्र
Reviewed by Fast True News
on
November 15, 2019
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