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सबरीमाला में आखिर एंट्री कैसे करेंगी महिलाएं?

तिरुवनंतपुरम सुप्रीम कोर्ट के गुरुवार को दिए गए फैसले के बाद में दर्शन करने का अधिकार महिलाओं के पास बरकरार है। पिछले साल 28 सितंबर को कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद से एलडीएफ सरकार महिलाओं को दर्शन के लिए प्रोत्साहित करने का काम कर रही थी लेकिन अब फैसला एक बड़ी बेंच को दिए जाने से राज्य सरकार की इस मुद्दे में दिलचस्पी कम होती नजर आ रही है। माना जा रहा है कि सरकार के टॉप अधिकारियों में यह मत है कि इस सीजन में युवा महिलाओं को मंदिर जाने के लिए प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए। हालांकि, इसका खुले तौर पर ऐलान नहीं किया जाएगा लेकिन पुलिस को ऐसे निर्देश दिए जाएंगे कि वहां पहुंचने वाली महिला श्रद्धालुओं को एंट्री पॉइंट्स से ही वापस भेजने की कोशिश की जाए। यह भी पढ़ें: बता दें कि कोर्ट के फैसले के बाद केरल में कानून-व्यवस्था को लेकर नाजुक हालात पैदा हो गए हैं क्योंकि दर्शन का सीजन शुरू होने वाला है। एक ओर जहां दक्षिणपंथी संगठन 10 से 50 साल के बीच किसी भी महिला को भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए जाने से रोकने की धमकी दे रहे हैं, केरल सरकार किसी तरह की प्रतिकूल स्थिति में नहीं पड़ना चाहती है। दो महीने चलने वाले दर्शन रविवार तड़के से शुरू होंगे। पूरे साल में मलयालम कैलेंडर के सिर्फ पांच दिन के लिए दर्शन करने को मिलेंगे। पुलिस ने सबरीमाला में 10,017 अधिकारियों को पांच चरणों में तैनात किया है। सबरीमाला और आसपास के इलाकों को स्पेशल सिक्यॉरिटी जोन घोषित कर दिया गया है। राज्य सरकार ने चेतावनी जारी की है कि गड़बड़ी खड़ी करने की कोशिशों से सख्ती से निपटा जाएगा। यह भी पढ़ें: हालांकि, श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए पिछले साल की तरह इस साल प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं। सरकार ने साइबरडोम नाम का स्पेशल अभियान भी शुरू कर दिया है। सभी साइबर पुलिस स्टेशनों को भी अफवाहों को फैलने से रोकने के काम पर लगा दिया गया है। पिछले साल कोर्ट का फैसला आने के बाद सिर्फ तीन महीने में 16,700 लोगों के खिलाफ 2280 केस दर्ज कर लिए गए थे।


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सबरीमाला में आखिर एंट्री कैसे करेंगी महिलाएं? सबरीमाला में आखिर एंट्री कैसे करेंगी महिलाएं? Reviewed by Fast True News on November 14, 2019 Rating: 5

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