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जानें, क्यों चुनाव में ठाकरे फैमिली की तीसरी पीढ़ी

मुंबईमहाराष्ट्र में बड़ी राजनीतिक ताकत समझी जाने वाली शिवसेना की मौजूदगी इस बार के विधानसभा चुनाव में हर बार से अलग होगी। 'मराठी मानुष' की राजनीति करने वाली शिवसेना की ओर से भी मुंबई की वर्ली सीट से चुनावी समर में उतरे हैं। यह पहला मौका है, जब ठाकरे फैमिली के किसी शख्स ने सीधे तौर पर चुनावी जंग में उतरने का फैसला लिया है। आइए जानते हैं क्या हैं ठाकरे फैमिली के चुनावी रण में उतरने के कारण... राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अब ठाकरे फैमिली सीधे तौर पर महाराष्ट्र की राजनीति में उतरकर यह संदेश देना चाहती है कि वे जिम्मेदारी से बचते नहीं हैं। अब तक यह कहा जाता रहा है कि ठाकरे परिवार सत्ता में बिना जिम्मेदारियों के रहता है। अब शिवसेना ने 'रिमोट कंट्रोल' से सत्ता चलाने के आरोपों से बचने के लिए यह फैसला लिया है। पार्टी संस्थापक बालासाहेब ठाकरे हमेशा पर्दे के पीछे से पार्टी को नियंत्रित करने के पक्ष में थे और इस पर गर्व भी करते थे। फैमिली की तीसरी पीढ़ी से आने वाले उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य को उतारकर पार्टी ने चुनावी जंग में अपनी संभावनाओं को बढ़ाने की भी कोशिश की है। पार्टी का लक्ष्य महाराष्ट्र की सत्ता में बड़ी भूमिका पाना है और खुद आदित्य ठाकरे के उतरने से उसके लिए जनता को संदेश देना आसान हो पाएगा। आदित्य के चलते लाइमलाइट में रहेगी पार्टीएक महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि बीजेपी के मुकाबले कुछ कमजोर नजर आ रही शिवसेना को आदित्य के चलते लाइमलाइट में रहने का मौका मिल सकेगा। आदित्य चुनाव लड़कर अपनी पारिवारिक परंपरा से उलट एक रास्ता तय करने की कोशिश करेंगे। माना जा रहा है कि आदित्य सरकार बनने की स्थिति में डेप्युटी सीएम या फिर किसी अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेंगे। बालासाहेब के दौर में नहीं उठते थे सवाल, अब देना होगा जवाब बालासाहेब ठाकरे के दौर में शिवसेना को लेकर कभी ऐसे आरोप नहीं लगे कि वह जिम्मेदारी के बिना सत्ता चाहती है। इसकी वजह खुद ठाकरे का करिश्माई व्यक्तित्व और महाराष्ट्र की राजनीति में उनका वजूद था। हालांकि अब पार्टी की वह चमक नहीं रही है, ऐसे में राजनीति में सीधे दखल से वह खुद को मजबूत करने का रास्ता देख रही है। बीजेपी से कमजोर होने की भी चिंता यही नहीं एक वक्त में बीजेपी के मुकाबले सीनियर पार्टनर रही शिवसेना को अब कम सीटों पर समझौता करना पड़ रहा है। ऐसे में वह आदित्य के जरिए भविष्य के नेतृत्व और ताकत दोनों की ओर देख रही है। इसके अलावा परिवारवाद के आरोपों पर भी शिवसेना अब यह जवाब दे सकेगी कि वह जनता के वोटों से चुनकर सत्ता में पहुंचे हैं।


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जानें, क्यों चुनाव में ठाकरे फैमिली की तीसरी पीढ़ी जानें, क्यों चुनाव में ठाकरे फैमिली की तीसरी पीढ़ी Reviewed by Fast True News on October 01, 2019 Rating: 5

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