जानें, एक शो से मोदी, ट्रंप दोनों को कैसे फायदा

इंद्राणी बागची, नई दिल्ली भारतीय मूल के लोगों की जबरदस्त भीड़ और अमेरिकी राष्ट्रपति की मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने दुनिया को स्पष्ट संदेश दिया कि भारत एक वैश्विक, बहुलतावादी और विविधता भरी ताकत बना रहेगा। ह्यूस्टन में '' शो अमेरिका में शिक्षित व समृद्ध भारतीय समुदाय की ताकत का इजहार था। मोदी इस ताकत को शोकेस करने में कामयाब रहे। ट्रंप ने भारतीय अमेरिकियों को लुभाया अमेरिका में रह रहे भारतीय परंपरागत तौर पर डेमोक्रैटिक पार्टी के समर्थन हैं लेकिन उन्होंने ट्रंप को चीयर किया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी इस मौके का इस्तेमाल प्रभावशाली भारतीय अमेरिकियों के योगदान को सलाम कर उन्हें रिझाने में किया। अगले ही साल ट्रंप को फिर से राष्ट्रपति चुनाव में जाना है। बात अगर टेक्सस की करें तो यह परंपरागत तौर पर रिपब्लिकन का गढ़ रहा है लेकिन इस बार माना जा रहा है कि यह उनके हाथों से फिसलकर डेमोक्रैट्स के पास जा सकता है। इसीलिए ट्रंप ने न सिर्फ अमेरिका के विकास में भारतीय अमेरिकियों के योगदान को सराहा बल्कि कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। खास बात यह है कि पीएम मोदी ने कभी भी आतंकवाद को किसी धर्मविशेष से नहीं जोड़ा है। पढ़ें, अमेरिका का भारतीय समुदाय भारत के लिए रेमिटंस का सबसे बड़ा स्रोत रहा है। इसके अलावा भारत अपने प्रभावशाली प्रवासियों को 'नॉलेज ब्रिज' की तौर पर देख रहा है जिनकी टेक्नॉलजी में अपनी दक्षता, पूंजी और प्रभाव भारत के विकास में सहायक है। जब तक भारत अपनी अर्थव्यवस्था को व्यापार और निवेश के लिए खोले रहता है तब तक मोदी को अमेरिका से समर्थन मिलता रहेगा। भारत का संरक्षणवादी रुख रहा तो ऐसा समर्थन नहीं मिलेगा। US-भारत में होगी बड़ी ट्रेड डील! यह कोई महज संयोग नहीं है कि मोदी सरकार ने पीएम के अमेरिका रवाना होने से एक दिन पहले कॉर्पोरेट टैक्स घटाने और अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए बूस्टर डोज का ऐलान किया। इसका यह भी मतलब है कि भारत आने वाले दिनों में अमेरिका के साथ ट्रेड अग्रीमेंट करने की भरपूर कोशिश करेगा। दोनों देशों में एनर्जी को लेकर कोई बड़ी डील हो सकती है। दौरे के पहले दिन ही भारत और अमेरिका की दो कंपनियों के बीच एनर्जी को लेकर एक बड़ी डील पहले ही हो चुकी है। पढ़ें, 'हाउडी मोदी' में प्रधानमंत्री ने अपनी स्पीच की शुरुआत करीब 10 भारतीय भाषाओं में बोलने से की। इसे हाल के दिनों में भाषा को लेकर भारत में छिड़े राजनीतिक संग्राम को खत्म करने के तौर पर भी देखा जा सकता है। आर्टिकल 370 पर मोदी का स्पष्ट रुख मोदी ने ट्रंप की मौजूदगी में अपने भाषण में स्पष्ट किया कि आर्टिकल 370 को खत्म करने के पीछे सिर्फ 2 उद्देश्य हैं- पहला विकास और दूसरा राष्ट्रीय सुरक्षा/आतंकवाद। ट्रंप ने भी भारत की सीमा सुरक्षा की चिंताओं को समझने का दावा कर एक तरह से बिना कहे ही आर्टिकल 370 पर भारत के रुख का समर्थन किया। इससे पहले, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि संविधान के इस अस्थायी प्रावधान ने विकास को बाधित किया, अलगाववाद को बढ़ावा दिया और आतंकवाद को खाद दिया। पढ़िए, जिन्होंने भी ह्यूस्टन के शो को देखा है, उन्हें साफ समझ में आया होगा कि मोदी किस तरह स्टेज पर छा गए। इस साझा मंच से पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने-अपने राजनीतिक हितों को साधने में कामयाब हुए।
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जानें, एक शो से मोदी, ट्रंप दोनों को कैसे फायदा
Reviewed by Fast True News
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September 24, 2019
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