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कट मनी: ममता सरकार पर आंच, HC सख्त

कोलकाता दो व्‍यापारियों की शिकायत पर सुनवाई करते हुए कलकत्‍ता हाइ कोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के खाद्य मंत्री ज्‍योतिप्रिय मलिक उनके सहायक, एक पार्षद और राज्‍य से चार हफ्तों में जवाब मांगा है। इन व्‍यापारी बंधुओं ने शिकायत की थी कि उनसे एक नर्सिंग होम बनाने की मंजूरी के बदले बंदूक की नोंक पर 30 लाख रुपए मांगे गए। यह पहला मौका है कि बंगाल की राजनीति में उथल-पुथल मचाने वाले 'कट मनी' स्‍कैंडल में किसी मंत्री का नाम उठा है। अभी तक अधिकांश मामलों में पंचायत स्‍तर के तृणमूल नेताओं पर ये आरोप लगे हैं। पढ़ें: मलिक ने बताया शिकायत को बेबुनियाद मलिक ने जबरन वसूली की इस शिकायत को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। उन्‍होंने कहा, 'शिकायतकर्ता के कार्यकर्ता हैं। उन्‍होंने ये आरोप एक 'दादा' के कहने पर लगाए हैं। वे लोग खुद कई आपराधिक मामलों में फंसे हैं।' इससे पहले जस्टिस दिबांगशु बसक के सामने दायर याचिका में संदीप और पंकज अग्रवाल नाम के इन भाइयों ने कहा, हमने साल 2017 में आसनसोल में एक नर्सिंग होम खोलने का प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत किया था। हमें इस प्रस्‍ताव पर बातचीत के लिए कोलकाता के सॉल्‍ट लेक में एक पार्षद के दफ्तर में बुलाया गया, लेकिन यहां पर हमसे बंदूक की नोंक पर 30 लाख रुपये मांगे गए।' 20 लाख रुपये लेने का आरोप अपनी याचिका में अग्रवाल बंधुओं ने कहा है कि उन्‍होंने 4 लाख रुपये तो फौरन जमा कर दिए और 16 लाख रुपये बाद में दिए। इन्‍होंने दाव किया है कि इस शिकायत को लेकर वे पुलिस के पास गए लेकन उनकी अपील नहीं सुनी गई। याचिका में कहा गया है कि इसके बाद दोनों के खिलाफ अलग-अलग पुलिस स्‍टेशनों में कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए। अग्रवल बंधुओं ने इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की लेकिन ऐडवोकेट जनरल किशोर दत्‍त ने उनसे कहा कि उन्‍हें अपनी पसंद की जांच एजेंसी से जांच करवाने का अधिकार नहीं है। पढ़ें: पोस्‍टर भी लगे वहीं मंगलवर को सॉल्‍ट लेक के पास मुरारीपुकुर में ऐसे पोस्‍टर देखे गए जिनमें पार्षद अमल चक्रवर्ती और उनके राजनीतिक संरक्षक साधन पांडे पर कट मनी लेने का आरोप लगाया गया है। चक्रवर्ती ने इन पोस्‍टरों को लगवाने वालों को खोजने की मांग की है, हालांकि उन्‍होंने इसका आरोप बीजेपी पर नहीं लगाया है। उन्‍होंने कहा, 'मैंने बीजेपी नेताओं से बात की लेकिन उन्‍होंने इससे से इनकार किया। मेरे राजनीतिक विरोधी इसके पीछे हैं।' पांडे से संपर्क नहीं हो पाया, इसलिए उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई। क्‍या है 'कट मनी' 'कट मनी' एक किस्‍म का कमिशन है जिसे नेता स्‍थानीय सरकारी परियोजनाओं या कल्‍याणकारी योजनाओं के लिए स्‍वीकृत धनराशि में से लाभार्थी को देते समय काट लेते हैं। इसके अलावा किसी सरकारी मंजूरी देने के एवज में भी 'कट मनी' लेने के आरोप टीएमसी के नेताओं पर लगते रहे हैं।


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कट मनी: ममता सरकार पर आंच, HC सख्त कट मनी: ममता सरकार पर आंच, HC सख्त Reviewed by Fast True News on July 02, 2019 Rating: 5

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