जाति पर सियासी जंग, योगी पर खूब बरसीं माया
लखनऊ यूपी में 17 जातियों को अनुसूचित जाति (एससी) कैटिगरी में शामिल करने के योगी आदित्यनाथ सरकार के फैसले पर सियासी जंग छिड़ गई है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने बीजेपी सरकार पर तीखा हमला किया है। माया ने कहा कि योगी सरकार ने 17 जातियों के साथ धोखा किया है और संविधान की धज्जियां उड़ाने का काम किया है। अब ये 17 जातियां सामान्य कैटिगरी में आ जाएंगी। वहीं, राजभर ने कहा कि इन 17 जातियों को गुमराह कर योगी सरकार यूपी में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में वोट लेने की तैयारी कर रही है। मायावती ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा, 'संविधान के अनुच्छेद 341 के भाग दो में कहा गया है कि अधिसूचना को बदलने का अधिकार केवल संसद को है। योगी सरकार का यह आदेश पूरी तरह से गैर-कानूनी और असंवैधानिक है। सरकार यह अच्छी तरह से जानती है कि 17 जातियों को यह लाभ नहीं दे पाएगी, फिर भी उसने ऐसा किया है।' उन्होंने कहा, 'योगी सरकार 17 जातियों को पूर्ववर्ती एसपी सरकार की तरह से केवल धोखा दे रही है। ये 17 जातियां अब जनरल में आ जाएंगी क्योंकि राज्य सरकार ने इन 17 जातियों ओबीसी से हटा दिया है।' मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी ने इस तरह के आदेश का पहले भी विरोध किया था। यही नहीं हमारी पार्टी ने 2007 की अपनी सरकार के दौरान इन 17 जातियों को एससी की सूची में जोड़ने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार से कहा था। साथ ही एससी का कोटा भी बढ़ाने का अनुरोध किया था। योगी सरकार ने असंवैधानिक आदेश जारी किया बीएसपी अध्यक्ष ने कहा, 'मैंने खुद कई बार संसद में इसकी मांग की है ताकि नई जातियों को जोड़े जाने के बाद एससी कैटिगरी में शामिल पहले की जातियों को इसका नुकसान न हो। अब तक कांग्रेस या वर्तमान बीजेपी सरकार ने इस संबंध में कुछ नहीं किया।' मायावती ने कहा कि योगी सरकार ने असंवैधानिक आदेश जारी किया है। इसे कोर्ट ने पहले भी नकारा है। योगी सरकार ने इन 17 जातियों को धोखा दिया है और संविधान की धज्जियां उड़ाने का काम किया है। बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने निषाद, मल्लाह और राजभर समेत 17 जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने का फैसला किया है। सरकार ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया है। हालांकि समाज कल्याण विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि यह फैसला कोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन होगा। यानी अगर कोर्ट का अंतिम निर्णय इन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल न करने का आता है, तो फिर से इन्हें अनुसूचित जाति के दायरे से बाहर कर दिया जाएगा। जबकि अगर कोर्ट इन्हें अनुसूचित जाति में बरकरार रखने को कहता है तो उनका यह स्टेटस जारी रहेगा। उपचुनाव में वोट लेने का खेल है यह सब: राजभर राजभर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल का शिगूफा छोड़कर सरकार इन 17 जातियों को गुमराह कर यूपी में आगामी विधानसभा उपचुनाव में वोट लेने की तैयारी कर रही है। अगर योगी जी वास्तव में इन जातियों का विकास करना चाहते है तो आपके पास सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट आठ महीने से पड़ी है, इसको तत्काल लागू कर आगे जो भी भर्ती हो उसमे अति पिछड़ों की भागीदारी सुनिश्चित करें। इन जातियों को किया शामिल जिन 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की बात है, उनमें कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोडिया, मांझी व मछुआ शामिल हैं। इन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की कवायद नई नहीं है। यह करीब बीते दो दशक से जारी है। एसपी और बीएसपी सरकार में भी इन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का फैसला लिया गया था, लेकिन तब भी बात नहीं बन सकी थी।
from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/2XA6XOf
जाति पर सियासी जंग, योगी पर खूब बरसीं माया
Reviewed by Fast True News
on
July 01, 2019
Rating:

No comments: