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सास अपनी बहू पर जुल्‍म करे तो जुर्म और संगीन, दहेज के मामले में सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्‍पणी

नई दिल्‍ली उच्चतम न्यायालय ने दहेज के मामले में एक सास को दोषी ठहराते हुए अहम टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि एक महिला के खिलाफ अपराध उस वक्त और संगीन हो जाता है, जब एक महिला अपनी पुत्रवधू के साथ क्रूरता करती है। न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि अगर एक महिला दूसरी महिला की रक्षा नहीं करती, तो दूसरी महिला, जो एक पुत्रवधू है, वह अधिक असुरक्षित हो जाएगी। पीठ ने कहा, 'जब एक महिला द्वारा किसी अन्य महिला जो कि बहू है, के खिलाफ क्रूरता करते हुए अपराध किया जाता है,तो यह अधिक संगीन अपराध बन जाता है। अगर महिला जो कि सास है, दूसरी महिला की रक्षा नहीं करती, जो कि पुत्रवधू है,तो वह और अधिक असुरक्षित हो जाएगी।' प्रताड़ना से तंग आकर बहू ने की खुदकुशीशीर्ष अदालत ने एक महिला की ओर से दाखिला याचिका पर यह आदेश सुनाया। महिला को मद्रास उच्च न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए के तहत दोषी करार दिया था। पीड़िता की मां ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके दामाद, दामाद की मां, उसकी बेटी और ससुर उनकी बेटी को जेवरों के लिए प्रताड़ित करते थे। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि इसके चलते ही उनकी बेटी ने आग लगा कर खुदकुशी कर ली थी। निचली अदालत ने सबूतों को ध्यान में रखते हुए आरोपी नंबर चार को बरी कर दिया था और एक से लेकर तीन नंबर तक के आरोपियों को दोषी ठहराया था। निचली अदालत ने आरोपियों को आईपीसी की धारा 498ए के तहत अपराध के लिए एक साल की जेल और एक हजार रूपये का जुर्माना और धारा 306 के तहत तीन साल की जेल और दो हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ अपील को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया था और सभी आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत अपराध से बरी कर दिया था।


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सास अपनी बहू पर जुल्‍म करे तो जुर्म और संगीन, दहेज के मामले में सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्‍पणी सास अपनी बहू पर जुल्‍म करे तो जुर्म और संगीन, दहेज के मामले में सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्‍पणी Reviewed by Fast True News on January 11, 2022 Rating: 5

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