COP 26: दुनिया को कूल रखना है तो आज ग्लासगो में भारत की सुननी होगी
नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महत्वपूर्ण COP26 जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। ग्लासगो में भारत 'जलवायु न्याय' की पुरजोर वकालत कर सकता है। ग्लोबल वार्मिंग को काबू में रखने के लिए उठाए गए कदमों से दुनिया को वाकिफ कराना भी एजेंडे में शामिल है। 'नेट जीरो' को लेकर विकसित देशों के दबाव को भारत गोलपोस्ट शिफ्ट करने की कोशिश की तरह देख रहा है। भारत चाहता है कि ऐतिहासिक रूप से जिन देशों ने ज्यादा प्रदूषक तत्वों का उत्सर्जन किया है, उन्हें धरती को बचाने के लिए उसी हिसाब से कोशिशें भी करनी चाहिए। यही वजह है कि COP26 में भारत की ओर से पीएम मोदी पूरी दुनिया के सामने कुछ बड़ी डिमांड्स रखने वाले हैं। भारत को बेहद नपे-तुल कदमों के साथ आगे बढ़ना होगा क्योंकि वह एक विकासशील अर्थव्यवस्था है और उर्जी की कमी से जूझ रहा है। ग्लासगो पहुंच चुके हैं पीएम मोदीCOP26 पर्यावरण शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पीएम मोदी रविवार को ग्लासगो पहुंचे।मोदी ने ट्वीट किया, 'ग्लासगो पहुंच गया हूं। सीओपी26 में हिस्सा लूंगा, जहां मैं जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए और इस संबंध में भारत के प्रयासों को स्पष्ट करने के लिए विश्व के अन्य नेताओं के साथ काम करने को इच्छुक हूं।' मोदी सोमवार सुबह स्कॉटलैंड में समुदाय के नेताओं और विद्वानों के साथ बैठक कर अपने यूरोपीय दौरे के ब्रिटेन चरण की शुरुआत करेंगे। COP के टारगेट्स
- ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री तक सीमित रखना
- लॉन्ग-टर्म 'नेट जीरो' टारगेट तक पहुंचना। मतलब जितनी ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन हो रहा है, उतनी ही मात्रा में गैसों को हटाना
- कम आय वाले देशों को 100 बिलियन डॉलर देना जिससे वे उत्सर्जन कम कर सकें, यह दावा 2009 में किया गया था
- ऊर्जा उत्पादन के लिए कोयले पर चरणबद्ध तरीके से निर्भरता कम करना
- ऊर्जा के नवीकरणीय स्त्रोतों में निवेश
- भारत किस साल तक 'नेट जीरो' हासिल करेगा, इसे लेकर खूब चर्चा हुई है। सूत्रों के अनुसार, भारत 2060 या 2070 तक का लक्ष्य रख सकता है।
- प्रधानमंत्री मोदी COP26 में 2030 तक 450 गीगावाट की रीन्यूएबल एनर्जी इंस्टॉल करने का ऐलान कर सकते हैं। यह ग्रीन हाइड्रोजन को ईंधन की तरह इस्तेमाल करने का मिशन है।
- कृषि क्षेत्र से होने वाले उत्सर्जन को हैंडल करने के लिए लैंड डीग्रेडेशन न्यूट्रलिटी हासिल करना।
- बड़े पैमाने पर पौधोरोपण अभियान का आह्वान।
- क्लाइमेट जस्टिस की वकालत।
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COP 26: दुनिया को कूल रखना है तो आज ग्लासगो में भारत की सुननी होगी
Reviewed by Fast True News
on
November 01, 2021
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