इन 5 तस्वीरों को आप जब भी देखेंगे, तालिबान हमले में मारे गए पत्रकार दानिश याद आएंगे
जंग और अन्याय के बीच फंसे हजारों बेगुनाहों की तस्वीर दुनिया के सामने लाने वाला योद्धा आखिरी नींद सो गया। तालिबान और अफगान सेना की झड़प में भारतीय पत्रकार और रॉयटर्स के फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी ने अपनी जान गंवा दी। दानिश सिद्दीकी को उनके काम के लिए पत्रकारिता का प्रतिष्ठित पुलित्जर अवॉर्ड भी मिला था। दानिश सिद्दीकी अपनी तस्वीरों के जरिए आम आदमी की भावना को सामने लेकर आते थे। कोरोना काल हो, अफगानिस्तान में जंग के हालात हों, रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या हो या फिर दिल्ली दंगे, दानिश सिद्दीकी की तस्वीरों ने बड़ी आसानी से उस बात को कह दिया जिसे जिम्मेदार लोग सुनना या समझना नहीं चाहते थे। आज हम आपको 5 ऐसी तस्वीरें दिखाने जा रहे हैं जिसे देखने के बाद आपको दानिश सिद्दीकी की याद जरूर आएगी।Photojournalist Danish Siddqui Killed: अफगानिस्तान में कवरेज कर रहे भारतीय पत्रकार और रॉयटर्स के फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की तालिबान और अफगान सेना की झड़प में मौत हो गई।

जंग और अन्याय के बीच फंसे हजारों बेगुनाहों की तस्वीर दुनिया के सामने लाने वाला योद्धा आखिरी नींद सो गया। तालिबान और अफगान सेना की झड़प में भारतीय पत्रकार और रॉयटर्स के फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी ने अपनी जान गंवा दी। दानिश सिद्दीकी को उनके काम के लिए पत्रकारिता का प्रतिष्ठित पुलित्जर अवॉर्ड भी मिला था। दानिश सिद्दीकी अपनी तस्वीरों के जरिए आम आदमी की भावना को सामने लेकर आते थे। कोरोना काल हो, अफगानिस्तान में जंग के हालात हों, रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या हो या फिर दिल्ली दंगे, दानिश सिद्दीकी की तस्वीरों ने बड़ी आसानी से उस बात को कह दिया जिसे जिम्मेदार लोग सुनना या समझना नहीं चाहते थे। आज हम आपको 5 ऐसी तस्वीरें दिखाने जा रहे हैं जिसे देखने के बाद आपको दानिश सिद्दीकी की याद जरूर आएगी।
दिल्ली दंगों के दौरान की यह तस्वीर याद है आपको?

दिल्ली दंगों के दौरान जामिया के पास से आई यह तस्वीर दानिश सिद्दीकी ने ही क्लिक की थी। तस्वीर में दिख रहा है कि राम भक्त गोपाल शर्मा नाम का शख्स जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के पास नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर फायरिंग कर रहा है। शख्स के पीछे की तरफ पुलिस भी खड़ी हुई है। दिल्ली दंगों के दौरान कि इस तस्वीर ने लोगों को खूब ध्यान खींचा था।
रोहिंग्या की कवरेज के लिए दानिश को पुलित्जर अवॉर्ड मिला था

दानिश सिद्दीकी ने रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या को भी काफी करीब से कवर किया था। रोहिंग्या की तस्वीरों के लिए 2018 में दानिश सिद्दीकी को पुलित्जर अवॉर्ड मिला था। दानिश सिद्दीकी ने अपने सहयोगी अदनान आबिदी के साथ पुलित्जर पुरस्कार जीता था। उस समय वह पुलित्जर पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय बने थे
लॉकडाउन के दौरान की यह तस्वीर तो सबको याद है

कोरोना महामारी के बाद लगे लॉकडाउन के दौरान जब दूसरे शहरों में रहने वाले मजदूर अपने घरों को लौट रहे थे, उस दौरान कंधे पर अपने बेटे को बिठाए एक शख्स की तस्वीर ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा था। इस तस्वीर ने लोगों को काफी इमोशनल कर दिया था।
जब कोरोना से जाने लगी लोगों की जान

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान जब लोगों की जान जाने लगी थी तब श्मशान घाटों और कब्रिस्तान से आने वाली तस्वीरों ने लोगों को रुला दिया था। कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों की जलती चिताओं की यह तस्वीर दानिश सिद्दीकी ने ही अपने कैमरे में कैद थी।
कुंभ के दौरान स्नान करते नागा साधु

हरिद्वार में कुंभ मेले में शाही स्नान के दौरान नागा साधुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी ने इस तस्वीर को क्लिक किया था। फोटोजर्नलिज्म के बारे में बात करते हुए दानिश सिद्दीकी कहते थे कि मैं अपने सब्जेक्ट का सबसे अधिक सम्मान करता हूं, वे मुझे मेरी प्रेरणा देते हैं।
(सभी तस्वीरें साभार- दानिश सिद्दीकी/रॉयटर्स)
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