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'मुगलों ने मंदिर तोड़े तो बनवाए भी' इतिहास की किताब में इस दावे पर सबूत मांगा तो NCERT बोली- नहीं है

नई दिल्ली एनसीईआरटी की 12वीं क्लास में पढ़ाए जा रहे इतिहास के आधार पर एक बार फिर से बहस शुरू हो गई है। 12वीं के हिस्ट्री की बुक में थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री पार्ट-टू में मुगलशासकों की तरफ से युद्ध के दौरान मंदिरों को ढहाए जाने और बाद में उनकी मरम्मत कराए जाने का जिक्र है। इस संबंध में शिवांक वर्मा ने एनसीईआरटी से आरटीआई के जरिये कुछ जानकारी मांगी थी। इस सवाल का जवाब देने की बजाय दो टूक शब्दों में कह दिया गया कि विभाग के पास मांगी गई जानकारी के संबंध में फाइल में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या एनसीईआरटी की हिस्ट्री की बुक्स में आधारहीन इतिहास पढ़ाया जा रहा है। इस संबंध में एजुकेशन फील्ड से जुड़ी डॉ. इंदु विश्वनाथन ने ट्वीट किया है। थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री पार्ट-टू चैप्टर की मांगी जानकारी पिछले साल एनसीईआरटी () की 12वीं क्लास की हिस्ट्री की बुक में थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री पार्ट-टू के पेज 234 पर दूसरे पैरा में दी गई जानकारी का सोर्स पूछा गया था। इस पैरा में लिखा गया है कि जब युद्ध के दौरान मंदिरों को ढहा दिया गया था बाद में शाहजहां और औरंगजेब ने इन मंदिरों की मरम्मत के लिए ग्रांट जारी किया था। दोनों सवालों का एक जैसा जवाब आरटीआई में दूसरा सवाल था कि औरंगजेब और शाहजहां ने कितने मंदिरों की मरम्मत कराई थी। एनसीईआरटी ने दोनों सवालों का एक जैसा जवाब दिया। 18 नवंबर 2020 को जारी पत्र के अनुसार कहा गया कि मांगी गई सूचना विभाग की फाइलों में उपलब्ध नहीं है। लेटर पर हेड ऑफ डिपार्टमेंट एंड पब्लिक इंफोर्मेशन ऑफिसर प्रो. गौरी श्रीवास्तव के साइन हैं। ट्विटर पर ट्रेंड हो रहा मुगल आरटीआई पर एनसीआईआरटी के जवाब के बाद इतिहास को लेकर ट्विटर पर मुगल वर्ड ट्रेंड हो रहा है। एक यूजर @Nisha_GKP ने लिखा कि न RTI से मिले जवाब में Source नही बताया..मतलब हवा में ही तहजीब मजबूत हो रही है। कब तक बिना सोर्स का इतिहास बच्चों को पढ़ने के लिए मिलता रहेगा? एक यूजर @divyanshu3am ने एनसीआरटी की तरफ से मुगलों के महिमंडन को स्टॉकहोम सिंड्रोम का क्लासिक केस बताया है। इससे अच्छा तो इतिहास में कमजोर होना है यूजर @VimalaDarshani ने कहा कि यही कारण है कि हम से अधिकतर अपनी एथिनिसिटी से नफरत करते हैं क्योंकि हमें सही इतिहास नहीं पढ़ाया जाता है। एक अन्य यूजर ने आरटीआई जवाब पर चुटकी लेते हुए लिखा कि इससे अच्छा तो एनसीईआरटी के इतिहास में कमजोर होना ही है।


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'मुगलों ने मंदिर तोड़े तो बनवाए भी' इतिहास की किताब में इस दावे पर सबूत मांगा तो NCERT बोली- नहीं है 'मुगलों ने मंदिर तोड़े तो बनवाए भी' इतिहास की किताब में इस दावे पर सबूत मांगा तो NCERT बोली- नहीं है Reviewed by Fast True News on January 13, 2021 Rating: 5

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