कर्नाटक में आज तो दिल्ली में 18 जनवरी से खुलेंगे स्कूल, पैरंट्स को इस बात की टेंशन

School reopen in Delhi 2021 date: दिल्ली के एजुकेशन मिनिस्टर ने साफ किया है कि स्टूडेंट्स अपने पैरंट्स की सहमति पर ही स्कूल आएंगे, उन्हें स्कूल आने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

राजधानी दिल्ली में 10 महीने बाद स्कूल खुलेंगे। सरकार ने 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए 18 जनवरी से स्कूल खोलने की इजाजत दे दी है। पैरेंट्स की लिखित सहमति से ही स्टूडेंट्स स्कूल आ सकेंगे। कोरोना को देखते हुए 16 मार्च 2020 से ही दिल्ली में स्कूल बंद हैं, पर ऑनलाइन क्लासेज चल रही हैं। राजधानी में कुछ हफ्तों से कोरोना के मामलों और मौतों में काफी कमी आई है और 25 दिसंबर के बाद से तो नए मामलों की संख्या 1000 से कम ही है। यूपी, हरियाणा, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, तमिलनाडु समेत कई राज्यों में स्कूल खुल चुके हैं। कर्नाटक में गुरुवार से खुल रहे हैं।
दिल्ली में स्कूल खोलने के लिए नियम जारी

दिल्ली के शिक्षा विभाग ने स्कूल खोलने को लेकर नियम जारी किए हैं। इनके तहत स्कूल आना जरूरी नहीं है। यह पूरी तरह इच्छा पर है। जो बच्चे स्कूल आ रहे हैं, स्कूलों को उनका रेकॉर्ड रखना होगा, लेकिन इस रेकॉर्ड का इस्तेमाल अटेंडेंस के लिए नहीं होगा। कंटेनमेंट जोन के बाहर के स्कूल ही खुलेंगे। कंटेनमेंट जोन में रहने वाले या बीमारी के लक्षणों वाले स्टूडेंट्स और स्टाफ स्कूल नहीं आ सकेंगे। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोरोना से बचाव की सभी गाइडलाइंस का पालन करना होगा।
स्कूल हुए खुश, फैसले का स्वागत

बोर्ड क्लासेज के लिए स्कूलों के खोलने के दिल्ली सरकार के फैसले से स्कूल खुश हैं। प्राइवेट स्कूलों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। अनऐडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल्स की एक्शन कमिटी के सक्रेटरी भरत अरोड़ा ने कहा, ‘हम सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं। इससे बच्चों को बोर्ड की पढ़ाई और उनके लर्निंग गैप को भरने में मदद मिलेगी।’
पैरंट्स को भी राहत मगर टेंशन भी

पैरंट्स भी इस फैसले से सतुंष्ट हैं बशर्ते स्कूल कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करें। दिल्ली पैरंट्स असोसिएशन की प्रेजिडेंट अपराजिता गौतम का कहना है कि सरकार के इस फैसले से उन स्टूडेंट्स को काफी मदद मिलेगी जो ऑनलाइन एजुकेशन से अब तक दूर हैं। बस सरकार यह सुनिश्चित करे कि कोविड को देखते हुए दी गई सरकार की एसओपी पूरी तरह से फॉलो हो और पैरंट्स को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए स्कूल मजबूर न करे। सरकार 9वीं और 11वीं की स्थिति भी साफ करे ताकि पैरंट्स और स्टूडेंट्स की टेंशन दूर हो।
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