पोन मरियप्पन: मन की बात में PM ने किया जिक्र, कौन हैं यह, पूरी कहानी

मदुरै/नई दिल्ली ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने तमिलनाडु के का जिक्र किया। पीएम ने कहा, 'आज 'मन की बात' में मैं आपका परिचय एक ऐसे व्यक्ति से कराऊंगा जिसमें एक अनोखा जुनून है। ये जुनून है दूसरों के साथ Reading और Learning की खुशियों को बांटने का। ये हैं पोन मरियप्पन, पोन मरियप्पन तमिलनाडु के तुतुकुड़ी में रहते हैं।' तमिलनाडु के तूतीकोरिन के रहने वाले पोन मरियप्पन एक हेयरड्रेसर हैं। गरीबी के चलते वो 8वीं कक्षा के बाद पढ़ाई जारी नहीं रख सके। पोन मरियप्पन हर युवा को पढ़ने की आदत डलवाना चाहते हैं। इस कारण स्कूल छोड़ने के बाद उन्होंने सलून का कारोबार शुरू किया तो साथ ही अपने शौक को जिंदा रखने के लिए किताबें रखनी भी शुरू कर दीं। उनके सलून में 800 से ज्यादा किताबों का कलेक्शन है। किताब पढ़ने और फीडबैक देने वाले ग्राहकों को वह 30 फीसदी डिस्काउंट भी देते हैं। ऐसे आया सलून में किताबे रखने का विचार दरअसल पोन मरियप्पन ने ज्ञान बढ़ाने के शौक के चलते पहले अपने सलून में एक ऑडियो सिस्टम सेट किया था। इसमें उन्होंने प्रसिद्ध तमिल वक्ता सुगी शिवम, नेल्लई कन्नन, तमिलारुवी मनियन और भारती भास्कर की स्पीच को प्ले करके सुनते थे। इसके बाद जल्द ही किताबें पढ़ना उनका शौक बन गया और उन्हें किताबें इकट्ठा करने और सलून में डिस्प्ले करने का विचार आया। 'किताबें ज्ञान बढ़ाने का सबसे अच्छा जरिया होती हैं' पोन मरियप्पन मानते हैं कि उन्हें ऊंची शिक्षा प्राप्त करने का अवसर नहीं मिला, लेकिन उन्हें अहसास हुआ कि किताबें आपका ज्ञान बढ़ाने के लिए सबसे बढ़िया माध्यम होती हैं। इसलिए उन्होंने किताबें इकट्ठा करना शुरू किया और स्कूल स्टूडेंट्स और युवाओं को इसे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। वह अपनी दुकान में आने वाले ग्राहकों से हेयर कटिंग के लिए बारी आने के इंतजार के दौरान किताब पढ़ने के लिए कहते हैं। हालांकि सेलफोन पर व्यस्त रहने वाला युवा वर्ग कई बार पोन मरियप्पन की इस डिमांड से खफा भी हो जाता है। तूतीकोरिन से सांसद कनिमोझी ने भी दान में दीं 50 किताबें पोन मरियप्पन ने छह साल पहले 250 किताबों का कलेक्शन तैयार किया था और अब उनके बाद करीब 850 किताबें हैं। इनमें से अधिकतर तमिल में हैं और इंग्लिश में कुछ महान नेताओं की जीवनी है। अपनी इस नेक पहले के लिए कई लोग उनकी तारीफ कर चुके हैं। पोनमरियाप्पन के पसंदीदा लेखक ए रामकृष्णन ने भी उनके इस प्रयास की तारीफ की जबकि तूतीकोरिन से सांसद कनिमोझी ने उन्हें 50 किताबें दान कीं।
from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/2TmAibh
पोन मरियप्पन: मन की बात में PM ने किया जिक्र, कौन हैं यह, पूरी कहानी
Reviewed by Fast True News
on
October 25, 2020
Rating:
No comments: