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संविधान की छठी अनुसूची में क्यों शामिल होना चाहता अरुणाचल?

गुवाहाटी बीजेपी की अगुआई वाली अरुणाचल प्रदेश सरकार की मांग है कि राज्‍य को के तहत रखा जाए। इससे जुड़ा प्रस्‍ताव अरुणाचल प्रदेश की विधानसभा में गुरुवार को पेश किए जाने की संभावना है। हाल ही में अरुणाचल कैबिनेट ने प्रस्‍ताव पास किया था कि केंद्र के सामने यह मांग रखी जाए। संविधान की छठी अनुसूची में शामिल होने से राज्‍य के जनजातीय समुदाय को काफी स्‍वायत्‍ता मिल जाएगी। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश अपनी भू संपदा को बचाने के लिए अपने हिसाब से कानून भी बना पाएगा। सीएम की अध्‍यक्षता में हुई बैठक अरुणाचल प्रदेश के गृह मंत्री बमांग फेलिक्‍स ने हमारे सहयोगी इकनॉमिक टाइम्‍स को बताया, 'सीएम पेमा खांडू की अध्‍यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में यह फैसला लिया गया। हम गुरुवार को विधानसभा में प्रस्‍ताव पेश करेंगे और बाद में इसे केंद्र के पास भेजा जाएगा।' सिविल सोसायटी और छात्रों का भी साथउन्‍होंने कहा, 'सिविल सोसायटी ग्रुपों और छात्र संगठनों से गहन विचार विमर्श करने के बाद हमें लगा कि राज्‍य के जनजातीय समुदाय के धार्मिक और सामाजिक रीति रिवाजों व पारंपरिक कायदे-कानूनों के संरक्षण के लिए जरूरी है कि राज्‍य को छठी अनुसूची में शामिल किया जाए।'


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संविधान की छठी अनुसूची में क्यों शामिल होना चाहता अरुणाचल? संविधान की छठी अनुसूची में क्यों शामिल होना चाहता अरुणाचल? Reviewed by Fast True News on August 26, 2020 Rating: 5

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