सरकार की चिंता, कूटनीति से नहीं मान रहा चीन
नई दिल्ली वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेनशन ऐंड कॉर्डिनेशन ऑन बॉर्डर अफेयर्स (WMCC) की एक महत्वपूर्ण बैठक की पूर्व संध्या पर सरकार ने गुरुवार को कहा कि वह नियंत्रण रेखा का पूरा सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने कहा, 'लाइन ऑफ अक्चुअल कंट्रोल के आकलन और सम्मान के लिए भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध है।' तथा वह LAC पर 'यथास्थिति को बदलने की किसी भी एकतरफा कोशिश को स्वीकार नहीं करेगा।' विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हमारी आशा है कि चीनी पक्ष भी जलदी से जल्दी हमारे साथ ईमानदारी से काम करते हुए पूरी तरह पीछे हटने और सीमावर्ती इलाकों में शांति स्थापित करेगा।' सरकार की यह चेतावनी उन ग्राउंड रिपोर्टस के आधार पर आई है जिससे साफ पता चल रहा है कि पेन्गॉन्ग टीएसओ और गोगरा-हॉट-स्प्रिंग इलाके में डिसअंगेजमेंट रुक गई है। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया, 'वास्तविक नियंत्रण रेखा को मानना और उसका पूरा सम्मान करना ही सीमा पर शांति और सद्भावना स्थापित करने का आधार है।' इस बयान में कहा गया कि चीन के इस हरकत से 1993 से चले आ रहे सभी समझौतों को तार-तार कर दिया है। मंत्रालय ने कहा, 'चीनी सेना द्वारा इस साल की गई हरकत, जिसमें बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती, व्यवहार में बदलाव, अनुचित और अस्थिर दावे, सभी द्विपक्षीय समझौतों का अपमान है।' सरकारी अमलों में यह चिंता भी बढ़ती जा रही है कि कूटनीतिक स्तर के किसी भी चेतावनी से चीन के साथ रिश्तों पर जमी बर्फ नहीं पिघल रही है। चीनी पक्ष को यह बताया जा रहा है कि शांतिपूर्ण सीमा मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के लिए जरूरी है।
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सरकार की चिंता, कूटनीति से नहीं मान रहा चीन
Reviewed by Fast True News
on
July 23, 2020
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