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'मेरी गलती..' जब कल्याण ने बचाए थे 7 अफसर

लखनऊ 'मैं से लिए जेल जाने को तैयार हूं, एक बार नहीं सैकड़ों बार जेल जाने को तैयार हूं। जो कुछ भी हुआ, उसकी पूरी तरह से मैं जिम्मेदारी लेता हूं....' ये शब्द थे कल्याण सिंह के। अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 में हुए बाबरी मस्जिद विवाद के दौरान कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उनके इस बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जेल भेजा था। कल्याण सिंह को एक दिन तिहाड़ जेल में बिताना पड़ा था। हालांकि उन्होंने जो कदम उठाया, उससे सात वरिष्ठ अधिकारियों का करियर सुरक्षित हो गया था। कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री कार्यकाल में एक अहम पद पर तैनात आईएएस अधिकारी ने बताया, 'उस दिन जो कुछ भी हुआ, उसकी जिम्मेदारी अगर तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने नहीं ली होती तो हम सब सलाखों के पीछे होते।' कल्याण सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र दिया था कि मस्जिद को कोई नुकसान नहीं होगा। शपथपत्र की अवमानना में उन्हें एक दिन की जेल हुई। हालांकि इसी तरह की सजा होने पर आईएएस, आईपीएस और पीसीएफ अधिकारियों का करियर खत्म हो जाता। इन अधिकारियों के भविष्य पर मंडराया था खतरा बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कल्याण सिंह और मुख्य अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया। नोटिस तत्कालीन प्रमुख सचिव गृह प्रभात कुमार, पर्यटन सचिव आलोक सिन्हा, विशेष सचिव गृह शंकर अग्रवाल, संयुक्त सचिव गृह जीवेश नंदन, तत्कालीन फैजाबाद डीएम आरएन श्रीवास्तव, एसएसपी डीबी राय, एडीएम उमेश तिवारी को नोटिस आया। आज छह अधिकारी रिटायर हो चुके हैं। जीवेश नंदन अभी केंद्र सरकार में अडिश्नल सेकेट्ररी गृह हैं। वीएचपी ने सांकेतिक प्रदर्शन का किया था वादा अधिकारी ने बताया, '6 दिसंबर 1992 से पहले जब कार सेवकों ने अयोध्या में एकत्र होना शुरू किया तो केंद्र सरकार को इस बात का अंदेशा हो गया कि बाबरी मस्जिद विध्वंस जैसा कुछ हो सकता है। हालांकि वीएचपी ने वादा किया कि सिर्फ राम जन्मभूमि स्थल पर सिर्फ प्रतीकात्मक कारसेवा होगी।' सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया था अवमानना नोटिस अयोध्या में जब बीजेपी के वरिष्ठ नेता पहुंचे तो कल्याण सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र दिया विवावित स्थल पर कोई भी घटना नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री की तरफ से यह शपथपत्र प्रमुख सचिव गृह प्रभात कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया। 6 दिसंबर 1992 को जब घटना हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने इस शपथपत्र के आधार पर कल्याण सिंह सरकार को अवमानना नोटिस जारी किया। अधिकारी अपने करियर को लेकर चिंतित होने लगे। अधिकारी हो गए थे चिंतित अधिकारी ने बताया कि उन लोगों को एहसास हो गया कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सजा दी तो उनका करियर खत्म हो जाएगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में कल्याण सिंह ने सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली। उन्हें अक्टूबर, 1994 को एक दिन के लिए जेल भेज दिया गया और सात अधिकारियों का करियर बच गया। अधिकारियों को भी मिला काम का इनाम प्रभात कुमार को भी उनके काम का इनाम मिला। उन्हें कैबिनेट सचिव और बाद में बिहार का राज्यपाल बनाया गया। आलोक सिन्हा एफसीआई के चेयरमैन से रिटायर हुए और शेखर अग्रवाल केंद्र सरकार में सचिव के पद से रिटायर हुए। फैजाबाद के तत्कालीन डीएम आरएन श्रीवास्तव अब इस दुनिया में नहीं हैं। फैजाबाद के तत्कालीन एसएसपी डीबी राय बीजेपी के सांसद बने। उमेश तिवारी डीएम महाराजगंज के पद से रिटायर हुए।


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'मेरी गलती..' जब कल्याण ने बचाए थे 7 अफसर 'मेरी गलती..' जब कल्याण ने बचाए थे 7 अफसर Reviewed by Fast True News on July 26, 2020 Rating: 5

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