तो बीजेपी में फिर शामिल होंगे बाबूलाल मरांडी!
कुमार अंशुमान, रांची झारखंड में विधानसभा चुनाव के बाद एक और राजनीतिक बदलाव होने की संभावना बन रही है। इसके तहत पूर्व सीएम और (जेवीएम) के नेता बाबूलाल मरांडी में शामिल हो सकते हैं। विधानसभा चुनाव के बाद बदले सियासी समीकरण में जेवीएम का बीजेपी में विलय हो सकता है। इसे लेकर दोनों पक्षों में बातचीत भी शुरू हो गई है। जेवीएम के तीन विधायक हैं और इसने चुनावी नतीजों के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई वाली सरकार को समर्थन दिया है। बीजेपी और जेवीएम के साथ आने का पहला संकेत रविवार को मिला, जब बीजेपी ने नेता प्रतिपक्ष चुनने का फैसला 14 जनवरी तक टाल दिया। हिंदू मान्यता के हिसाब से अशुभ महीना 14 जनवरी को खत्म होगा। वहीं, मरांडी ने शनिवार को जेवीएम की कार्यकारी समिति भंग करके नई टीम बनाने का फैसला 14 जनवरी तक टाल दिया। सूत्रों का दावा, जल्द है यह संभव अभी तक मरांडी इस बात से इनकार कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी और जेवीएम के सूत्रों ने इकनॉमिक टाइम्स से पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों दल विलय की संभावनाओं को तलाश रहे हैं। झारखंड बीजेपी के एक नेता ने कहा, 'अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन विलय की दिशा कुछ प्रगति हो रही है।' वहीं, जेवीएम के सूत्रों ने बताया कि यह चीज आने वाले दिनों हकीकत में बदल सकती है। पढ़ें- मरांडी की पार्टी लगातार हुई है कमजोर मरांडी आरएसएस के पूर्व नेता हैं। उन्होंने आरएसएस के साथ जुड़ने के लिए अध्यापक की नौकरी छोड़ दी थी। वह 2000 में नवगठित झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि, उन्होंने 2003 में इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह अर्जुन मुंडा ने मुख्यमंत्री पद संभाला। मरांडी ने 2006 में अपनी अलग पार्टी बनाई और तब से राज्य में जनाधार बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी पार्टी ने 2009 विधानसभा चुनाव में 11 सीटें जीती थीं, जो 2014 में घटकर 8 हो गई। वहीं, हालिया विधानसभा चुनाव में उनके विधायकों की संख्या घटकर 3 रह गई। ताकतवर आदिवासी चेहरा तलाश रही बीजेपी बीजेपी झारखंड की सत्ता गंवाने के बाद ऐसा आदिवासी चेहरा तलाश रही है, जिसकी संथाल क्षेत्र में अच्छी खासी पकड़ हो। बीजेपी के धाकड़ आदिवासी नेताओं में अर्जुन मुंडा की पैठ कोल्हान क्षेत्र में है, जहां हालिया विधानसभा चुनाव में बीजेपी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। इस साल बिहार और अगले साल पश्चिम बंगाल में चुनाव होने वाले हैं। नेता प्रतिपक्ष या मोदी सरकार में बन सकते है मंत्री ऐसे में बिहार और पश्चिम बंगाल से लगे झारखंड में आदिवासी मतदाताओं के लुभाने के लिए मरांडी बीजेपी का चेहरा बन सकते हैं। वहीं, मरांडी भी 62 साल की उम्र में घर वापसी की कोशिश में है। वह बीजेपी में शामिल होने के बाद झारखंड में नेता प्रतिपक्ष या फिर मोदी सरकार में मंत्री बन सकते है। इस लिहाज से यह दोनों के लिए फायदे का सौदा है। मरांडी फिलहाल धनवर से विधायक हैं। उनके लिए दिक्कत की बात सिर्फ यह होगी कि अन्य जेवीएम विधायक शायद उनकी राह पर चलना न पसंद करें।
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तो बीजेपी में फिर शामिल होंगे बाबूलाल मरांडी!
Reviewed by Fast True News
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January 06, 2020
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