'कमल' के साथ FB पोस्ट, मान गईं पंकजा?
मुंबई ट्विटर पर अपने बायो से पार्टी का नाम हटाकर अटकलों को हवा देने वाली बीजेपी नेता ने अब अपने पर कमल (बीजेपी का चिह्न) की तस्वीर पोस्ट की है। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर मंगलवार को उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए मुंडे ने यह तस्वीर पोस्ट की। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि संभवत: पंकजा मुंडे की पार्टी से नाराजगी खत्म हो गई है। पंकजा के फेसबुक अकाउंट के अबाउट सेक्शन में उनका राजनीतिक संबंध अब भी बीजेपी के साथ ही दिख रहा है। फेसबुक के होमपेज पर अपने संदेश में मुंडे ने प्रसाद की 135वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए अपनी पार्टी का चिह्न कमल साथ में पोस्ट किया। इस कारण शुरू हुईं अटकलें मुंडे ने महाराष्ट्र में बदले राजनीतिक परिदृश्य के मद्देनजर फेसबुक पर अपनी भावी यात्रा के संबंध में एक पोस्ट करने के साथ ही राजनीति में उनके अगले कदम को लेकर अटकलों का बाजार गर्म कर दिया था। उन्होंने सोमवार को अपने ट्विटर बायो से बीजेपी और अपने राजनीतिक सफर का विवरण हटाकर अफवाहों को और बल दे दिया था। चंद्रकांत पाटिल ने खबरों का किया था खंडन शिवसेना नेता संजय राउत ने भी दावा किया था कि कई नेता नीत पार्टी में शामिल होने के इच्छुक हैं। हालांकि बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने राउत के दावे को सोमवार को खारिज किया था। साथ ही उन्होंने पंकजा मुंडे के बीजेपी छोड़ने की खबरों का भी खंडन किया था। उल्लेखनीय है कि मुंडे के पिता दिवंगत गोपीनाथ मुंडे ने महाराष्ट्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का समर्थन हासिल करने में बीजेपी की मदद की थी। बीजेपी के एक नेता ने कहा, 'अगर मुंडे बीजेपी छोड़ती हैं, तो ओबीसी कार्यकर्ताओं का एक धड़ा भी पार्टी से छिटक जाएगा।' ठाकरे ने किया था शुक्रिया अदा सोमवार की रात मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पंकजा मुंडे का शुक्रिया अदा किया था, जिन्होंने 28 नवंबर को ठाकरे के शपथ लेने के बाद उन्हें बधाई दी थी। राज्य में 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में पंकजा मुंडे को बीड जिले की परली सीट से अपने भाई और एनसीपी कैंडिडेट धनंजय मुंडे के हाथों हार मिली थी। इससे पहले वह देवेंद्र फडणवीस नीत सरकार में मंत्री रहीं थीं। 12 दिसंबर को समर्थकों को गोपीनाथगढ़ आने का न्योता महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन से पहले वह प्रदेश बीजेपी इकाई की सभी कोर कमिटी बैठकों में उपस्थित रहीं थी। उन्होंने अपने समर्थकों को अपने दिवंगत पिता और पूर्व बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे की जयंती के मौके पर 12 दिसंबर को गोपीनाथगढ़ आने का न्योता दिया था। गोपीनाथगढ़ बीड जिले में गोपीनाथ मुंडे का स्मारक है। यह था पोस्ट पंकजा ने मराठी में लिखी फेसबुक पोस्ट में कहा था, 'राज्य में बदले राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए यह सोचने और निर्णय लेने की आवश्यकता है कि आगे क्या किया जाए। मुझे स्वयं से बात करने के लिए आठ से 10 दिन की आवश्यकता है। मौजूदा राजनीतिक बदलावों की पृष्ठभूमि में भावी यात्रा पर फैसला किए जाने की आवश्यकता है।' 'मैं सभी पहलुओं पर करूंगी विचार' उन्होंने आगे लिखा, 'अब क्या करना है? कौन सा मार्ग चुनना है? हम लोगों को क्या दे सकते हैं? हमारी ताकत क्या है? लोगों की अपेक्षाएं क्या हैं? मैं इन सभी पहलुओं पर विचार करूंगी और आपके सामने 12 दिसंबर को आऊंगी।' मुंडे ने लिखा कि उन्होंने चुनाव में मिली हार स्वीकार कर ली है और वह आगे बढ़ गई हैं।
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'कमल' के साथ FB पोस्ट, मान गईं पंकजा?
Reviewed by Fast True News
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December 03, 2019
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