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सर्वदलीय बैठक: उठा फारूक की हिरासत का मुद्दा

नई दिल्ली सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले महत्वपूर्ण विधेयकों पर सहमति बनाने और सत्र के दौरान सहयोग के लिए सरकार लगातार विपक्षी दलों से संपर्क कर रही है। शनिवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी तो रविवार को संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। रविवार को ही एनडीए की भी अलग से बैठक है, जिसमें शिवसेना शामिल नहीं हो रही है। बैठक में विपक्षी दलों ने नैशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला की हिरासत का मुद्दा, आर्थिक सुस्ती और जॉब में कमी से जुड़ा मुद्दा विपक्षी दलों ने उठाया। शिवसेना जा रही कांग्रेस-एनसीपी के साथ-जोशी बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार नियमों के अनुसार सभी प्रकार के बहस को तैयार हैं। जोशी ने कहा कि शिवसेना के मंत्री ने एनडीए सरकार से इस्तीफा दे दिया है और उन्हें राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष में बैठने की जगह दी जा रही है। उन्होंने कहा कि शिवसेना ने बताया कि वह कांग्रेस और एनसीपी के साथ हैं। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में आर्थिक सुस्ती, जॉब लॉस और किसानों के मुद्दों को संसद सत्र में उठाने की मांग की गई। नैशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद ने अपने फारूक अब्दुल्ला के हिरासत का मामला बैठक में उठाया। सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, काग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, अधीर रंजन चौधरी, बीएसपी से सतीश चंद्र मिश्र, टीएमसी से डेरेक'ओ ब्रायन, सुदीप बंदोपाध्याय, डीएमके से टीआर बालू, एसपी से रामगोपाल यादव, आरजेडी से मनोज झा समेत तमाम दलों के कई नेता शामिल हुए। इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष 18 नवंबर से शुरू होकर 13 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान सरकार नागरिकता संशोधन बिल समेत कुछ अहम विधेयकों को पास कराने की कोशिश करेगी। दूसरी तरफ विपक्ष भी इस दौरान अपनी चिंताओं वाले मुद्दों को सदन में पुरजोर ढंग से उठाने की कोशिश करेगा। विपक्ष के कड़े विरोध की वजह से ही मोदी सरकार पिछले कार्यकाल में पारित नहीं हो सका था। इस मुद्दे के साथ-साथ अर्थव्यवस्था में सुस्ती को लेकर भी विपक्षी दल सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे। शनिवार को लोकसभा स्पीकर की बुलाई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने अपने तेवर साफ कर दिए थे। विपक्षी दलों ने साफ किया कि वे सरकार से अर्थव्यवस्था में सुस्ती, किसानों की बदहाली, बेरोजगारी और जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर जवाब मांगेंगे। पेश होंगे नागरिकता संशोधन समेत कई अहम विधेयक सत्र के दौरान सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक के अलावा कई अन्य अहम बिल पेश करने वाली है। इनमें दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों के नियमतीकरण और डॉक्टरों पर हमले के लिए 10 साल तक कैद संबंधी बिल भी शामिल हैं। इसके अलावा सरकार कॉर्पोरेट टैक्स कम करने और ई-सिगरेट पर बैन लगाने से जुड़े 2 अध्यादेशों की जगह लेने के लिए भी बिल पेश करेगी। दोनों ही अध्यादेश सितंबर में जारी किए गए थे। 370 के बाद अब नागरिक संशोधन बिल पर सरकार का रहेगा जोर पिछले सत्र में आर्टिकल 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को अस्थायी तौर पर मिले विशेषाधिकारों को खत्म करने के बाद अब इस सत्र में सरकार को मुख्य जोर नागरिकता संसोधन विधेयक पर होगा। नागरिक संशोधन विधेयक के तहत 1955 के सिटिजनशिप ऐक्ट में बदलाव का प्रस्ताव है। इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर भारत में बसे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है। इन समुदायों के उन लोगों को नागरिकता दी जाएगी, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले तक भारत आकर बसे हैं। फिलहाल भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए यह अवधि 11 साल की है। लोकसभा चुनाव से पहले भी पेश हुआ था नागरिकता बिल पिछले कार्यकाल में भी मोदी सरकार ने इस विधेयक को संसद में पेश किया था लेकिन विपक्ष के कड़े तेवरों के चलते इस पर मुहर नहीं लग सकी थी। विपक्षी दलों ने विधेयक को धार्मिक आधार पर भेदभावपूर्ण बताया था। पिछली लोकसभा के भंग होने के बाद विधेयक निष्प्रभावी हो गया था इसलिए इसे अब नए सिरे से पेश किया जाएगा। बिल का असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में यह कहकर विरोध हो रहा है कि यह धार्मिक भेदभाव वाला है। मोदी 2.0 का दूसरा संसद सत्र लोकसभा चुनाव में पहले से बड़ी जीत हासिल करने वाली मोदी सरकार का यह दूसरा संसदीय सत्र है। पहला सत्र काफी उत्पादक रहा था और दोनों ही सदनों में कई महत्वपूर्ण विधेयक पास हुए। इनमें एक साथ में तीन तलाक बोलने यानी तलाक-ए-बिद्दत को आपराधिक घोषित करने और एनआईए को ज्यादा ताकत देने से जुड़े बिल भी शामिल हैं। इनके अलावा पिछले सत्र में ही सरकार ने जम्मू-कश्मीर को अस्थायी तौर पर विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म करने और सूबे के 2 केंद्रशासित प्रदेशों के रूप में बंटवारे से जुड़े ऐतिहासिक बिल को पास कराया था।


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सर्वदलीय बैठक: उठा फारूक की हिरासत का मुद्दा सर्वदलीय बैठक: उठा फारूक की हिरासत का मुद्दा Reviewed by Fast True News on November 17, 2019 Rating: 5

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