..तो हड़प्पा निवासी थे पहले क्लाइमेट रिफ्यूजी!
पार्थ शास्त्री, अहमदाबाद पुरातत्वशास्त्रियों का कहना है कि गुजरात की करीम शाही और विगाकोट साइट 2100 ईसापूर्व से लेकर 5वीं शताब्दी तक की हैं। पर स्थित ये जगहें इस बात पर प्रकाश डालती हैं कि के दौरान किस तरह इंसानी बस्तियां जलवायु परिवर्तन से प्रभावित हुई थी। आईआईटी खड़गपुर, डेक्कन कॉलेज, पीआरएल अहमदाबाद, कोलकाता यूनिवर्सिटी और कच्छ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि इन जगहों के अध्ययन से इस बात का पता चलेगा कि , स्थानीय नदियों के सूखने और बदलते मौसम की वजह से किस तरह यहां के लोग दूसरी जगहों पर जाकर बसे। पिछले तीन वर्षों में इस टीम ने अपनी स्टडी प्रकाशित की है। जलवायु परिवर्तन की वजह से शुरू हुआ पलायन आईआईटी खड़गपुर के प्रफेसर अनिंद्य सरकार कहते हैं, 'प्राकृतिक जलवायु परिवर्तन की वजह से लोग अपने मूल स्थानों को छोड़ने को मजबूर हुए। संयुक्त राष्ट्र आज ऐसे लोगों को जलवायु शरणार्थी या क्लाइमेट रिफ्यूजी कहता है। हमें लगता है कि इस उत्खनन से हमें ऐसे विशाल पलायन के सबूत मिलते हैं जो हड़प्पा सभ्यता के चरमकाल में शुरू हुआ था।' के उपाय भी इसका सबूत सरकार के मुताबिक, हड़प्पा सभ्यता की धौलावीरा जैसे स्थानों पर हमें पानी के संरक्षण और प्रबंधन के बेहतरीन उदाहरण मिलते हैं। ये इस बात की ओर इशारा करते हैं कि वहां मौसम में बदलाव आने की शुरुआत हो गई थी।
from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/37Dz5lQ
..तो हड़प्पा निवासी थे पहले क्लाइमेट रिफ्यूजी!
Reviewed by Fast True News
on
November 24, 2019
Rating:

No comments: