शिवसेना अड़ी, फिर भी BJP बेफिक्र, जानें क्यों
प्रफुल्ल मारपकवार/सुजित महामुल्कर, मुंबईमहाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने भले ही बहुमत हासिल कर लिया है, लेकिन दोनों के बीच की खींचतान ने एक अनिश्चितता की स्थिति पैदा कर दी है। एक तरफ शिवसेना ने बीजेपी से 50-50 फॉर्म्युले पर अमल करते हुए 2.5 साल के लिए सीएम पद को लेकर लिखकर देने को कहा है तो दूसरी तरफ बीजेपी अब उसके बगैर ही सरकार गठन के विकल्पों पर विचार कर रही है। 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है। बीजेपी के पास 105 विधायक हैं तो शिवसेना के 56 हैं, जबकि एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। इसके अलावा 13 निर्दलीय विधायक हैं। ऐसे में बीजेपी के पास यदि 13 निर्दलीय विधायकों के समर्थन के अलावा एनसीपी का समर्थन आ जाता है तो फिर वह शिवसेना के बगैर भी सरकार का गठन कर सकती है। बुधवार को विधायक दल का नेता चुनेगी बीजेपी चुनाव के पहले से ही सीएम पद अपने पास रखने की बात करती आई बीजेपी ने कहा है कि बुधवार को वह अपने विधायक दल के नेता का चुनाव करेगी। इसके बाद सरकार गठन के लिए दावा पेश किया जाएगा, भले ही शिवसेना साथ आए या फिर नहीं। शनिवार को पार्टी के नए चुने 56 विधायकों संग मीटिंग के बाद उद्धव ठाकरे ने मीडिया से कहा कि वह बीजेपी से 50-50 फॉर्म्युले पर लिखित आश्वासन चाहते हैं। इसमें कैबिनेट पोर्टफोलियो का एक समान बंटवारा भी शामिल है। पढ़ें, बीजेपी के सूत्रों ने कहा कि चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने और 105 सीटें हासिल करने के बाद भी हमारे लिए इस तरह से शिवसेना की मांग को मानना मुश्किल होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक यदि शिवसेना बीजेपी के सीएम को लेकर राजी नहीं होती है तो फिर अल्पमत की सरकार का गठन कर सकते हैं, जैसा कि उन्होंने 2014 में किया था। भले ही तब उन्होंने अल्पमत की सरकार का गठन किया था, लेकिन शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने उन्हें बिना शर्त समर्थन दे दिया था। शिवसेना को CM पद न देने पर अड़ी बीजेपी 2014 में बीजेपी और शिवसेना ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। तब बीजेपी को 122 और शिवसेना को 63 सीटें हासिल हुई थीं। बीजेपी के एक सीनियर लीडर ने कहा, 'सीएम का पद शिवसेना को देने का कोई सवाल ही नहीं उठता। हम नहीं मानते कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ विधानसभा चुनाव के बाद सीएम के पद को साझा करने को लेकर कोई करार हुआ होगा।' यह भी पढ़ें, ठाकरे बोले, उम्मीद है विकल्पों पर विचार नहीं करना पड़ेगा दूसरी तरफ मातोश्री से उद्धव ठाकरे ने बीजेपी से दूसरे विकल्पों पर विचार करने की बात कही है। शिवसेना के विधायक प्रताप सरनायक ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि पार्टी को दूसरे विकल्पों पर विचार के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। ठाकरे ने विधायकों से मीटिंग में कहा कि चुनाव बाद समझौते पर फैसला होने तक हम बीजेपी को राज्यपाल के पास जाकर दावा नहीं ठोकने देंगे। सूबे में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 8 नवंबर को समाप्त होना है। 13 निर्दलीय विधायकों ने BJP को दिया समर्थन बीजेपी सूत्रों का कहना है कि एक बार सीएम पद पर फडणवीस बैठ गए तो फिर उन्हें बहुमत साबित करने के लिए कुछ दिनों का वक्त मिलेगा। करीब 13 निर्दलीय विधायकों के समर्थन का बीजेपी दावा कर रही है, जो बीजेपी और शिवसेना के बागी हैं। गुरुवार को नतीजे आने के बाद ही कई निर्दलीय विधायकों ने सरकार को समर्थन करने की बात कही थी। यहां तक कि कई लोगों ने देवेंद्र फडणनीस को इस संबंध में लिखित आश्वासन भी दिया है। बीजेपी का मानना है कि यदि फडणवीस सीएम बनते हैं तो फिर आसानी से बहुमत हासिल कर लिया जाएगा।
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शिवसेना अड़ी, फिर भी BJP बेफिक्र, जानें क्यों
Reviewed by Fast True News
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October 27, 2019
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