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जनगणना सितंबर 20 तक, NRIC पर फैसला नहीं?

नई दिल्ली अगले साल सितंबर तक अगला पॉप्युलेशन रजिस्टर तैयार होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस बार होनेवाले में पिछली बार की ही तरह भारत में रहनेवाले नागरिकों की सूचना इकट्ठा की जाएगी। सरकार की तरफ से जारी सूचना के अनुसार यह काम अगले साल सितंबर तक पूरा होने का अनुमान है। NRIC के लिए प्रयोग किया जाएगना जनगणना आंकड़े? कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि नैशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिजंस (एनआरआईसी) के लिए एनपीआर आधार हो सकता है। को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं। असम के नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की चर्चा भी है। एनआरसी का उद्देश्य देश में अवैध तरीके से रहनेवाले शरणार्थियों की पहचान करना है। सरकार की तरफ से नहीं जारी किया गया आदेश सूत्रों ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि ऐसा जरूरी नहीं है कि एनपीआर को ही आगे एनआरआईसी के लिए प्रयोग किया जाए। नागरिकता कानून 1955 के तहत नागरिकता नियमों के तहत 2011 में नैशनल पॉप्युलेशन रजिस्टर में ही जनगणना के आंकड़े दर्ज किया गया था। नैशनल सिटिजन रजिस्टर ऑफ इंडियंस के तहत इन्हें दर्ज करने का प्रावधान नहीं है। पूर्ववर्ती सरकारों में भी जनगणना आंकड़े को लेकर हुआ था विवाद नैशनल पॉप्युलेशन रजिस्टर के डेटा का प्रयोग राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर तैयार करने को लेकर कोई विशेष सूचना अभी तक जारी नहीं की गई है। हालांकि, एनआईआईसी का विचार नया नहीं है और पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने भी इस पर विचार किया था। यूपीए सरकार में एनपीए के लिए सूचना इकट्ठा बायोमीट्रिक तरीके से की जाए और यह काम यूआईडीएआई को देने संबंधी प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। राज्यों में इसको लेकर काफी विवाद हुआ और आधार में बायोमीट्रिक डेटा इकट्ठा करने की सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद ही ऐसा हो सका।


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जनगणना सितंबर 20 तक, NRIC पर फैसला नहीं? जनगणना सितंबर 20 तक, NRIC पर फैसला नहीं? Reviewed by Fast True News on August 03, 2019 Rating: 5

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