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लालू यादव तब भी साहेब थे और चेहरे पर ‘मैं ही राज्य हूं’ वाला भाव लिए घूमते थे...

25 जुलाई, 1997 की सुबह लालू प्रसाद यादव ने बिहार के मुख्य सचिव बीपी वर्मा और पुलिस प्रमुख एसके सक्सेना को फोन किया और कहा कि उनकी गिरफ्तारी को जितनी देर तक रोक सकें, रोक लें। वे सीबीआई को यह कहकर रोक सकते थे कि लालू यादव ने आत्मसमर्पण करने का निर्णय ले लिया है। यही संदेश वर्मा ने उपेंद्र नाथ बिस्वास को दिया, जब 11 बजे के आस-पास उन्होंने उनसे गिरफ्तारी वारंट पर अमल करने के लिए कहा, ‘सीएम इस्तीफा देकर विशेष अदालत के सामने आत्मसमर्पण करने वाले हैं। बस, उन्हें कुछ इंतजाम करने हैं, इसलिए थोड़ा समय मांगा है।’

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लालू यादव तब भी साहेब थे और चेहरे पर ‘मैं ही राज्य हूं’ वाला भाव लिए घूमते थे... लालू यादव तब भी साहेब थे और चेहरे पर ‘मैं ही राज्य हूं’ वाला भाव लिए घूमते थे... Reviewed by Fast True News on May 19, 2022 Rating: 5

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