कन्हैया-जिग्नेश-हार्दिक की तिकड़ी बिहार में फेल, वोटकटवा बनकर रह गई कांग्रेस
मुंगेर/दरभंगा बिहार विधानसभा के उपचुनाव में कन्हैया कुमार, जिग्नेश मेवाणी और हार्दिक पटेल की तिकड़ी पूरी तरह विफल रही। उपचुनाव के नतीजों में बिहार में कांग्रेस पूरी तरह से फेल रही। बिहार उपचुनाव से ठीक पहले ही कांग्रेस ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता रहे कन्हैया कुमार और गुजरात से दलित नेता व विधायक जिग्नेश मेवानी को पार्टी में शामिल करवाया था। इसके बाद कन्हैया कुमार, जिग्नेश मेवाणी और हार्दिक पटेल की तिकड़ी ने बिहार में दो विधानसभा सीटों पर जमकर प्रचार किया था। कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने कन्हैया के स्वागत में कहा था कि बिहार की धरती कन्हैया का इंतजार कर रही है। ऐसे में कन्हैया कांग्रेस के लिए जीत का मोहरा साबित नहीं हुए। तारापुर और कुशेश्वरस्थान दोनों जगह कांग्रेस फिसड्डीकुशेश्वरस्थान में जीत का दावा कर महागठबंधन से अलग हुई कांग्रेस चौथे नंबर की पार्टी रही है। कांग्रेस प्रत्याशी अतिरेक कुमार को 5602 वोट मिले हैं। जहां तक वोट प्रतिशत का सवाल है तो कांग्रेस लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) से भी पीछे रह गई है। सत्ताधारी जेडीयू ने 45.72 प्रतिशत वोट हासिल कर जीत दर्ज की है। वहीं आरजेडी 36.02 फिसदी वोट प्राप्त कर दूसरे नंबर पर रही है। इसके अलावा लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 4.29% और कांग्रेस ने 4.28 % वोट पाए हैं। निर्दलीय प्रत्याशी JIBACHH KUMAR HAJARI ने 2.44% वोट हासिल किए हैं। कुशेश्वरस्थान के ज्यादातर लोगों ने इन्हीं लोगों को ज्यादातर वोट दिए हैं। इसके अलावा दूसरे दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों को दो फीसदी से भी कम वोट मिले हैं। वहीं तारापुर में तो कांग्रेस की दुर्गति हो गई है। तारापुर में भी कांग्रेस चौथे नंबर की पार्टी रही है। यहां आरजेडी को 45.71%, जेडीयू को 45.23%, लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 3.54% और कांग्रेस को 1.87 % वोट मिले हैं। कन्हैया समेत तीनों युवा नेताओं ने किया था खूब प्रचार दरअसल, कांग्रेस ने अपने नए नवेले स्टार प्रचारकों के जरिए बिहार विधानसभा के उपचुनाव में आरजेडी और जेडीयू को टक्कर देने की तैयारी की थी। तीनों नेताओं के लिए पटना के सदाकत आश्रम में स्वागत समारोह आयोजित किया गया था। इसके बाद दोनों विधानसभा की सीटों पर तीनों नेताओं ने प्रचार शुरू किया। साथ ही चौपाल भी आयोजित की गई थी। कन्हैया के चक्कर में टूटा कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन! उपचुनाव में आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन के टूटने की मुख्य वजह कन्हैया कुमार को माना जा रहा है। पहले आरजेडी ने उपचुनाव की दोनों सीटों-कुशेश्वरस्थान और तारापुर पर उम्मीदवार उतार दिए। इसके बाद कांग्रेस ने भी आरजेडी के खिलाफ अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार दिए। उपचुनाव में बिहार की कुशेश्वरस्थान सीट से कांग्रेस ने अतिरेक कुमार और तारापुर विधानसभा सीट से राजेश कुमार उम्मीदवार बनाया। ओबीसी वोट नहीं दिला पाए गुजरात के युवा नेता इसके साथ ही ये तय हो गया था कि बिहार में महागठबंधन अब एकजुट होकर नहीं, बल्कि आपस में ही मुकाबला करेंगे। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता रहे कन्हैया कुमार और गुजरात से दलित नेता व विधायक जिग्नेश मेवानी, दोनों हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं। वहीं हार्दिक पटेल पहले की कांग्रेस में शामिल हो गए थे। फिलहाल वह गुजरात में कार्यकारी अध्यक्ष हैं। गुजरात के पाटीदार आंदोलन में हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी ने अहम भूमिका निभाई थी। जिसके बाद ही हार्दिक पटेल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वहीं, अल्पेश ठाकोर बीजेपी में चले गए। पर जिग्नेश मेवाणी ने अभी तक कोई समझौता नहीं किया था और वह लगातार भाजपा से लड़ते रहे हैं।
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कन्हैया-जिग्नेश-हार्दिक की तिकड़ी बिहार में फेल, वोटकटवा बनकर रह गई कांग्रेस
Reviewed by Fast True News
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November 02, 2021
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