एक पॉजिटिव टेस्ट ही काफी, अब हर अस्पताल में एंटीजन टेस्ट...सरकार ने कोरोना पर बताईं ये काम की बातें
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नई दिल्लीकोरोना को लेकर लोग कई तरह की गलतियां कर रहे हैं। सरकार ने इसे लेकर स्थिति साफ की है। आईसीएमआर के डीजी डॉ. ने कहा है कि एक बार टेस्ट पॉजिटिव आ जाने के बाद बार-बार आरटी-पीसीआर टेस्ट नहीं कराना चाहिए। अगर कोई पूरी तरह स्वस्थ है तो एक राज्य से दूसरे राज्य जाने के लिए भी उसे आरटीपीसीआर टेस्ट की जरूरत नहीं है। साथ ही सरकार ने एक और अहम एलान किया है। उसने कहा कि हर अस्पताल में किया जाएगा। कोविड टेस्ट कम होने की शिकायतों के बीच आईसीएमआर ने कहा होम बेस्ड टेस्टिंग सल्यूशन पर भी काम हो रहा है। यानी ऐसा तरीका जिससे घर पर ही टेस्ट हो जाए कि किसी को कोरोना है या नहीं। आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में हमने रैपिड एंटीजन टेस्ट पर जोर दिया है ताकि जल्दी रिजल्ट पता चल जाए। डॉ. भार्गव ने कहा कि देश में आरटीपीसीआर टेस्ट कैपेसिटी प्रतिदिन 16 लाख की है और रैपिड एंटीजन टेस्ट की कैपेसिटी 17 लाख प्रतिदिन की है। उन्होंने बताया कि इस साल अप्रैल और मई में 16 से 20 लाख टेस्ट किए गए। इसमें आरटीपीसीआर और एंटीजन टेस्ट दोनों शामिल हैं। 30 अप्रैल को 1945299 टेस्ट किए गए जो दुनिया में किसी भी देश के मुकाबले ज्यादा है। किसी भी देश ने आज तक एक ही दिन इतने टेस्ट नहीं किए। 5 मई को 1923131 टेस्ट किए गए। देश में इतना है पॉजिटिविटी रेट ICMR के महानिदेशक भार्गव ने कहा कि देश में पॉजिटिविटी रेट लगभग 21 फीसदी के करीब है। देश में 310 जिले ऐसे हैं। इनमें पॉजिटिविटी रेट देश की औसत पॉजिटिविटी रेट से अधिक है। डॉ. भार्गव ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में हमने आरटीपीसीआर को रेशनलाइज किया। साथ ही जल्दी पहचान हो इसलिए एंटीजेन टेस्ट पर जोर दिया। आइसोलेशन और होम केयर पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर आरटीपीसीआर टेस्ट से यह पता चल गया कि कोई पॉजिटिव है तो फिर कोई और टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करने के लिए भी निगेटिव चेक करने के लिए टेस्ट की जरूरत नहीं हैं। कारण है कि आरटीपीसीआर आरएनए पार्टिकल को पकड़ता है और शरीर में लाइव वायरस न भी हो तो भी टेस्ट पॉजिटिव दिखा सकता है। कब आरटीपीसीआर टेस्ट की जरूरत नहीं? अगर कोई पूरी तरह स्वस्थ है तो एक राज्य से दूसरे राज्य जाने के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर में हमने 70 फीसदी आरटीपीसीआर 30 फीसदी एंटीजन के लिए कहा था। पर, अब एंटीजन पर ज्यादा जोर है। डॉ. भार्गव ने कहा कि हमने कोरोना की दूसरी लहर को एनालाइज किया। पहली और दूसरी लहर का डेटा अगस्त से ही जुटा रहे हैं। जो लोग हॉस्पिटल में एडमिट हुए हैं, उन्हें एनालाइज कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि दोनों लहर में संक्रमितों की उम्र में ज्यादा अंतर नहीं है। 40 या इससे ज्यादा उम्र के लोगों में ही संक्रमण का ज्यादा चांस दिखा है। उन्होंने कहा कि युवा इसलिए ज्यादा संक्रमित दिख रहे हैं क्योंकि वह अचानक बाहर आने लगे और नया वैरियंट भी वजह हो सकता है।
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एक पॉजिटिव टेस्ट ही काफी, अब हर अस्पताल में एंटीजन टेस्ट...सरकार ने कोरोना पर बताईं ये काम की बातें
Reviewed by Fast True News
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May 11, 2021
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