क्या ISI हैंडलर को भी जानती है दिशा रवि? रेडार पर देश-विदेश के 1000 नाम
नई दिल्ली अगर दिल्ली पुलिस की आशंका सही साबित हुई तो टूलकिट केस में गिरफ्तार जलवायु कार्यकर्ता की मुश्किलें बहुत ज्यादा बढ़ जाएंगी। दिल्ली पुलिस यह जानना चाह रही है कि क्या दिशा आईएसआई से संबंध रखने वाले पीटर फ्रेडरिक (Peter Friedrich) को जानती है। फ्रेडरिक खालिस्तानी आतंकी भजन सिंह भिंडर उर्फ इकबाल चौधरी का करीबी है। इकबाल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की ओर से संचालित कश्मीर खालिस्तान (K2) डेस्क का प्रमुख चेहरा है। बढ़ रहा है जांच का दायरा किसान आंदोलन की आड़ में देश में बड़ा बवाल खड़ा करने की रणनीति को लेकर तैयार टूलकिट केस में जांच का दायरा बढ़ता ही जा रही है और अब 1,000 से ज्यादा लोग दिल्ली पुलिस के रेडार पर आ गए हैं। मामले में दिशा रवि पांच दिन की पुलिस हिरासत में है जबकि मुंबई हाई कोर्ट की वकील निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर आरोपी शांतनु के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी हो रखा है। दिल्ली पुलिस ने बताया ISI से कनेक्शन का ऐंगल दिल्ली पुलिस ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने 3 फरवरी को जो टूलकिट गलती से ट्वीट कर दिया था और बाद में उसे हटा लिया था, उसमें फ्रेडरिक के नाम का उल्लेख हुआ था। फ्रेडरिक 2006 से ही सुरक्षा एजेंसियों के रेडार पर है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद फ्रेडरिक से जुड़े एक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, "दिल्ली पुलिस ने सोमवार को खालिस्तानी समर्थक पीटर फ्रेडरिक की भूमिका उजागर की है। मैं साफ कर दूं कि मैं खालिस्तान का समर्थन नहीं करता हूं और खालिस्तान आंदोलन आज मोदी सरकार की मनोवैज्ञानिक परियोजना से ज्यादा कुछ नहीं दिखता है।" पीटर फ्रेडरिक से संपर्क की आशंका दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की डीसीपी मनिषी चंद्रा ने कहा, "अगर आप टूलकिट देखेंगे तो पता चलेगा कि यह बड़ी सावधानी से तैयार किया गया डॉक्युमेंट है। इसें सेक्शन वाइज बताया गया है कि किस खास दिन को कौन से खास हैशटैग इस्तेमाल करने हैं, कौन से ऐक्शन लेने हैं, किन्हें टैग करना है और किन्हें फॉलो करना है। किन्हें फॉलो करना है- इस सेक्शन में प्रमुख मीडिया घरानों, मशहूर फैक्ट चेकरों, कुछ एनजीओ के नाम के साथ-साथ एक और नाम शामिल था- पीटर फ्रेडरिक।" खालिस्तानी प्रॉपगैंडे को बढ़ाने की थी साजिश? दिल्ली पुलिस ने कहा कि क्या दिशा रवि और अन्य लोगों ने पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (Poetic Justice Foundation) का संस्थापक और खालिस्तानी आतंकी एमओ धालीवाल के जरिए फ्रेडरिक से संपर्क किया था, इस बात की जांच की जाएगी। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के डेप्युटी कमिश्नर अन्येश रॉय ने कहा कि टूलकिट कोी सामान्य डॉक्युमेंट नहीं है। उन्होंने कहा, "इसमें भारी संख्या में हाइपरलिंक्स हैं जो गूगल ड्राइव्स, गूगल डॉक्स और वेबसाइटों के हैं। इनमें एक प्रमुख वेबसाइट है- आस्कइंडियावाइ.कॉम (askindiawhy.com)। इस वेबसाइट पर खालिस्तानी समर्थन से जुड़े ढेर सारे कंटेंट हैं।" उन्होंने कहा कि टूलिकट अपने आप में एक ऐक्शन प्लान है। अन्येश ने कहा, "टूलकिट एक प्राइवेट डॉक्युमेंट है जिसे सीमित संख्या में लोगों के बीच शेयर करना था जो लोगों की धारणा बदलने का काम करते। रणनीति के तहत वैश्विक हस्तियों को फॉलो करना था और फिर झूठे अफसाने गढ़ने थे। यहां तक कि खालिस्तानी प्रॉपगैंडे को आगे बढ़ाने की भी साजिश रची गई थी।" खालिस्तानी आतंकी के साथ हुई थी मीटिंग बहरहाल, इस मामले में देश-विदेश एक हजार से ज्यादा लोग पुलिस के रेडार पर हैं। दिल्ली पुलिस ने यह भी बताया कि देश के खिलाफ साजिश रचने के लिए 6 दिसंबर को एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया, जिसमें दिशा, शांतनु, निकिता और खालिस्तानी आतंकी एमओ धालीवाल समेत तमाम लोग जोड़े गए। टूलकिट को दिशा, निकिता और शांतनु ने मिलकर तैयार किया था। इसके लिए 11 जनवरी को जूम के जरिए मीटिंग हुई, जिसमें 70 लोग शामिल हुए। धालीवाल ने कनाडा में रह रही पुनीत के जरिये निकिता से संपर्क किया था।
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क्या ISI हैंडलर को भी जानती है दिशा रवि? रेडार पर देश-विदेश के 1000 नाम
Reviewed by Fast True News
on
February 15, 2021
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