किसान आंदोलन: टूट, फूट, कन्फ्यूजन और टिकैत का यू-टर्न.. कब तक चलेगा ये यूनिटी शो
अभिजय झा, गाजियाबादकिसान आंदोलन की शुरुआत के बाद पहली बार (एसकेएफ) के चार नेताओं ने शनिवार को यूपी गेट पर भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत के साथ मंच साझा किया। यूपी गेट पर उनकी मौजूदगी इस लिहाज से अहम है क्योंकि एक दिन पहले ही टिकैत ने संयुक्त किसान मोर्चा की सर्वोच्चता पर हामी भरी थी। टिकैत हरियाणा के बहादुरगढ़ में हो रही महापंचायत में बोल रहे थे। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के समय हुए हंगामे के बाद टिकैत ने विरोध प्रदर्शन वापस लिया था। उसी के बाद से किसान आंदोलन में उनका असर और कद दोनों ही बढ़े हैं। लेकिन उनके 2 अक्टूबर की डेडलाइन वाले बयान के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा पर सवाल उठने लगे। टिकैत ने तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार को यह समयसीमा दी थी। टिकैत ने लिया था यूटर्न लेकिन बहादुरगढ़ में टिकैत ने यू टर्न लेते हुए साफ किया कि ऐसी कोई डेडलाइन नहीं है और जब तक कानून वापस नहीं लिए जाएंगे यह आंदोलन चलता रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सिंघु बॉर्डर पर, जहां संयुक्त किसान मोर्चा का बेस है वही किसान यूनियनों का मेन ऑफिस बना रहेगा। ये चार नेता आए थे यूपी गेट पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी संयुक्त मोर्चा के उन नेताओं में से थे जिन्होंने यूपी गेट पर प्रदर्शनकारियों से बातें कीं। उन्हीं सप्ताह भर पहले टिकैत को 2 अक्टूबर वाली डेडलाइन के लिए झिड़का था। उनके साथ दूसरे नेता थे- बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल और कविता कुरुगंती। चढूनी ने 26 जनवरी को मारे गए आंदोलनकारी नवरीत सिंह की मौत की उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की थी। यूपी टोल प्लाजा फ्री करने का प्लानक्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रमुख दर्शन पाल ने कहा, 'किसान आंदोलन आने वाले दिनों में और तेज होगा। हम जल्द ही राजस्थान की तरह यूपी में भी टोल प्लाज को फ्री कर देंगे। आने वाले दिनों में पंचायत अहम रोल निभाएंगी। हम महापंचायत करके उन्हें तैयार कर रहे हैं।' 'आंदोलनजीवी' वाले बयान से नाराज किसानबीकेयू (राजेवाल) के प्रमुख बलबीर सिंह राजेवाल संसद में प्रधानमंत्री मोदी के 'आंदोलनजीवी' वाले बयान से नाराज थे। उन्होंने किसानों से आनेवाले चुनावों में बीजेपी को मुहंतोड़ जवाब देने की अपील की। उन्होंने कहा, 'पीएम ने हमें आंदोलनजीवी कहकर सभी किसानों का अपमान किया है। मैं जानना चाहूंगा कि यह प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत विचार हैं या उनकी पार्टी की सोच है। मैं किसानों से अपील करूंगा कि वह इस राजनीतिक गाली का जवाब दें। किसानों को इस अपमान को याद रखें जब बीजेपी के नेता अगली बार वोट मांगने आएं।' गर्मी में किसान लाएंगे जेनरेटर टिकैत का भी कहना था कि गर्मी आ रही है तो किसान आंदोलन स्थल पर जेनरेटर लेकर आएंगे। उन्होंने कहा, 'जैसे किसान अलग-अलग नदियों से पानी लेकर आ रहे हैं उसी तरह जेनरेटर के लिए ईंधन लेकर आएंगे। यह आंदोलन किसी भी हालत में जारी रहेगा।' इस क्षेत्र के रहने वाले निवासी 'गाजियाबाद उत्थान समिति' के बैनर तले किसान धरनास्थल के नजदीक खुद धरने पर बैठ चुके हैं। ये लोग दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे बंद होने के कारण होने वाल असुविधा का जिक्र कर रहे थे। समिति के आशुतोष गुप्ता का कहना था, 'हम किसानों के खिलाफ नहीं है लेकिन हम उन तथाकथित किसान नेताओं के खिलाफ हैं जिन्होंने दिल्ली-मेरठ- एक्सप्रेसवे समेत आसपास के इलाके को बंधक बना रखा है। इसकी वजह से लोगों को आनेजाने में बड़ी समस्या हो रही है।'
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किसान आंदोलन: टूट, फूट, कन्फ्यूजन और टिकैत का यू-टर्न.. कब तक चलेगा ये यूनिटी शो
Reviewed by Fast True News
on
February 14, 2021
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