कई इलाकों में बीजेपी के घटे वोट शेयर लेकिन बढ़ीं सीटें, RJD के साथ हुआ उल्टा
पटनाबिहार में सत्ता विरोधी लहर और विपक्ष की कड़ी चुनौती के बावजूद बीजेपी-जेडीयू के नेतृत्व वाले एनडीए ने एक बार फिर वापसी कर ली है। सत्तारूढ़ गठबंधन ने बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 125 सीटों जीत कर बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल किया। इस चुनाव में एक बार फिर लगभग सभी एग्जिट पोल फेल रहे। हालांकि, चुनाव नतीजों से पता चलता है कि पहले चरण के चुनाव में महागठबंधन ने एनडीए को कड़ी टक्कर दी, लेकिन दूसरे और तीसरे फेज में पूरा खेल पलट गया। खास तौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से चुनावी रैलियों में अपनी बात रखी, उसका नतीजों पर सीधा असर देखने को मिला। देखिए कैसे सत्ताधारी गठबंधन ने इस चुनावी रण को अपने पक्ष में किया। बिहार नतीजों से जुड़े 5 बड़े अपडेट्स...Bihar Election Results: बिहार चुनाव संपन्न होने के बाद सामने आए लगभग सभी एग्जिट पोल में कांटे की टक्कर के साथ महागठबंधन को बड़ी बढ़त के संकेत दिए थे। लेकिन फाइनल नतीजों में महागठबंधन (Mahagathbandhan) पिछड़ गया। एनडीए (NDA) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बहुमत का आंकड़ा हासिल कर लिया। बिहार में कहां-कैसे बदला पूरा खेल, जानिए...

पटना
बिहार में सत्ता विरोधी लहर और विपक्ष की कड़ी चुनौती के बावजूद बीजेपी-जेडीयू के नेतृत्व वाले एनडीए ने एक बार फिर वापसी कर ली है। सत्तारूढ़ गठबंधन ने बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 125 सीटों जीत कर बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल किया। इस चुनाव में एक बार फिर लगभग सभी एग्जिट पोल फेल रहे। हालांकि, चुनाव नतीजों से पता चलता है कि पहले चरण के चुनाव में महागठबंधन ने एनडीए को कड़ी टक्कर दी, लेकिन दूसरे और तीसरे फेज में पूरा खेल पलट गया। खास तौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से चुनावी रैलियों में अपनी बात रखी, उसका नतीजों पर सीधा असर देखने को मिला। देखिए कैसे सत्ताधारी गठबंधन ने इस चुनावी रण को अपने पक्ष में किया। बिहार नतीजों से जुड़े 5 बड़े अपडेट्स...
बिहार में एग्जिट पोल एक बार फिर से हुए फेल

बिहार चुनाव संपन्न होने के बाद सामने आए लगभग सभी एग्जिट पोल में कांटे की टक्कर के साथ महागठबंधन को बड़ी बढ़त के संकेत दिए थे। हालांकि, काउंटिंग के शुरुआती रूझानों में भी एनडीए और महागठबंधन में कांटे की टक्कर देखने को मिली। लेकिन फाइनल नतीजों में महागठबंधन पिछड़ गया। जानकारों के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा कि पहले चरण में जिस तरह की वोटिंग हुई उसे देखते हुए एग्जिट पोल के अनुमान सामने आए। हालांकि, तीसरे चरण ने पूरे नतीजों को पूरी तरह से बदल दिया। AXIS के प्रदीप गुप्ता ने ट्वीट करके कहा कि दूसरे और तीसरे चरण को लेकर अनुमान लगाने में चूक हो गई। एनडीए ने फाइनल फेज में बड़ी बढ़त हासिल की। वहीं आरजेडी ने सेंट्रल बिहार यानी पटना-मगध इलाके में अच्छा प्रदर्शन किया।
दूसरे चरण में एनडीए की वापसी और तीसरे में शानदार प्रदर्शन

चुनाव नतीजों के मुताबिक, महागठबंधन ने पहले फेज में जोरदार प्रदर्शन किया। लेकिन, दूसरे फेज में एनडीए ने कुछ वापसी की। महागठबंधन के मुकाबले उनके वोट शेयर में थोड़ी बढ़ोतरी हुई और करीब 9 सीटें ज्यादा हासिल कीं। तीसरे और आखिरी चरण में सत्ताधारी गठबंधन को सबसे ज्यादा फायदा हुआ। इस राउंड में एनडीए ने वोट शेयर में करीब 5 फीसदी लीड ली। करीब 31 सीटों को एनडीए को फायदा हुआ।
अब चरण-दर-चरण नतीजे देखें
- पहले चरण में 71 सीटों पर मुकाबला हुआ जिसमें एनडीए 18 (बीजेपी 12 और जेडीयू 6) जबकि आरजेडी (31) समेत महागठबंधन के पास कुल 47 सीटें (कांग्रेस 9 और वामपंथी दल 7) हासिल कीं।
- दूसरे चरण से बाजी पलटी और 94 सीटों पर हुए मतदान में बीजेपी के खाते में 32 जबकि जेडीयू के खाते में 16 सीटें आईं। उधर, आरजेडी 31 सीटों पर सिमट गया।
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तीसरे चरण में शेष 78 सीटों पर वोटिंग हुई जिसमें 30 सीटें बीजेपी जबकि 21 सीटें जेडीयू के खाते में गई। वहीं, आरजेडी को सिर्फ 13 सीटों से संतोष करना पड़ा।
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इन क्षेत्रों में बीजेपी के वोट घटे, सीटें बढ़ीं, आरजेडी के साथ हुआ उल्टा

तिरहुत-सारण क्षेत्र
की 73 सीटों में बीजपी और जेडीयू को 2015 के मुकाबले इस चुनाव में कम समर्थन मिला। वहीं, आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ। यह अलग बात है कि करीब 5.6% कम वोट मिलने के बावजूद यहां बीजेपी को पिछले चुनाव की 23 सीटों के मुकाबले 9 सीटें ज्यादा (32 सीटें) मिलीं। यहां जेडीयू के चपत जरूर लगी। उसका वोट तो 1% से भी कम घटा, लेकिन सीटें 13 से मुकाबले घटकर 8 रह गईं।
इसी तरह,
दरभंगा-कोशी क्षेत्र
की 67 सीटों पर भी यही हाल रहा। यहां एनडीए के खाते में 44 सीटें गईं जबकि आरजेडी को सभी पार्टियों से ज्यादा वोट मिले। यहां बीजेपी की सीटें 10 से 21 हो गईं तो कांग्रेस की सीटें 10 से घटकर 5 पर सिमट गईं।
69 सीटों वाले
पटना-मगध क्षेत्र
में भी बीजेपी-जेडीयू के वोट शेयर घटे और सीटें भी कम हुईं। यहां आरजेडी ने 24% वोट लेकर बढ़त ले ली। पटना-मगध क्षेत्र में बीजेपी को 17 के मुकाबले 11 सीटें मिलीं जबकि जेडीयू की सीट 17 के मुकाबले घटकर मात्र 5 रह गई। आरजेडी ने जबर्दस्त गेन किया और उसकी सीटें 25 से बढ़कर 33 हो गईं। कांग्रेस ने भी 6 की जगह 8 सीटें पाईं। यहां वामदलों ने कमाल कर दिया। उसे 2015 में एक सीट मिली थी और इस बार 8 सीटों पर विजय मिली।
अब 34 सीटों वाले
भागलुपर-मुंगेर क्षेत्र
को ले लें। यहां बीजेपी का वोट शेयर गिरा, लेकिन जेडीयू समेत सभी पार्टियों के वोट बढ़े। दिलचस्प बात यह है कि 2015 में 20.1% वोट पाकर सिर्फ 3 सीट पर विजयी रहने वाली बीजेपी इस बार 15.9% वोट के साथ ही 10 सीटें फतह कर ली। वहीं, जेडीयू ने 0.5% वोट बढ़ाया लेकिन उसकी सीटें 14 के मुकाबले घटकर 9 हो गईं। इसी तरह आरजेडी ने 15.6% के मुकाबले 20.7% वोट शेयर पाया, लेकिन सीटें 11 से घटकर 7 रह गईं। यही हाल कांग्रेस का भी रहा। उसने 7.6% वोट के साथ 6 सीटें पाई थीं, लेकिन इस बार 10.7% वोट पाकर भी 3 सीटों पर सिमट गई।
शहरी मतदाताओं में बीजेपी फिर नंबर वन

बीजेपी और जेडीयू को शुद्ध ग्रामीण इलाकों में 38-38 जबकि आरजेड को 48 सीटें मिलीं। वहीं कांग्रेस ने 10 और लेफ्ट पार्टियों ने 11 सीटें हासिल कीं। अर्धशहरी इलाकों (छोटे बाजारों, कस्बों) में बीजेपी को 14, जेडीयू को 4 जबकि आरजेडी को अकेले 17 सीटें मिलीं। लेकिन शहरी क्षेत्रों में बीजेपी ने 22 सीटें हासिल कीं ओर जेडीयू के खाते में 1 सीट गई। वहीं, आरजेडी को 10, कांग्रेस को 8 और लेफ्ट पार्टी को 1 सीट मिली।
बात वोट प्रतिशत की करें तो ग्रामीण क्षेत्रों में 24% के साथ आरजेडी अगुआ रही। वहीं, बीजेपी को 14.5% और जेडीयू को 18% वोट मिले। अर्धशहरी इलाकों में बीजेपी को सबसे ज्यादा 25.4% वोट मिले। वहीं, आरजेडी 21% वोट के साथ दूसरे जबकि 12.7% वोट के साथ जेडीयू तीसरे नंबर पर रही।
शहरी इलाकों में बीजेपी ने प्रतिद्वंद्वी आरजेडी (21.7%) के मुकाबले बीजेपी ने 10.8% की बड़ी बढ़त के साथ 32.5% वोट पाए। वहीं, कांग्रेस ने 15% वोट पाकर जेडीयू (8.1%) को बहुत पीछे छोड़ दिया।
बीजेपी ने इस बार मुस्लिम बहुल क्षेत्रों और आरक्षित सीटों पर भी अपना प्रदर्शन बेहतर किया। हालांकि इन दोनों क्षेत्रों में पार्टी के वोट शेयर घटे। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में 2015 में बीजेपी को 11 सीटें मिली थीं जो इस बार बढ़कर 15 हो गईं। यह अलग बात है कि उसे 2015 में वहां 21% वोट मिले थे जो घटकर 18.2% हो गए। वहीं, 40 आरक्षित सीटों में बीजेपी ने 5 की जगह 10 सीटें हासिल कीं। यहां बीजेपी को 2015 में 20.8% वोट मिले थो जो घटकर 18.6% रह गए।
जेडीयू के कमजोर प्रदर्शन के बावजूद बीजेपी की मजबूती से एनडीए को बढ़त

कुल मिलाकर, अगर क्षेत्रवार नतीजों को देखें तो बीजेपी के कई जगह पर शानदार प्रदर्शन किया, जिसका असर चुनाव नतीजों में देखने को मिला। तिरहुत-सारण की बात करें तो बीजेपी ने यूपी से सटे जिलों में शानदार प्रदर्शन किया। वहीं जेडीयू के सीट और वोट शेयर में गिरावट देखने को मिली। वाम पार्टियां भी यहां अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रहीं। 2015 में उन्हें यहां से एक सीट मिली थी लेकिन इस बार चार सीटें उन्होंने अपने नाम कीं।
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