रंग लाई PM मोदी-CM नीतीश की अपील, बूथों पर दिख रही महिला मतदाताओं की भीड़, क्या हैं मायने
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नीलकमल, पटना बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के तीसरे और अंतिम चरण के मतदान में भी पहले और दूसरे चरण की तरह महिला वोटरों की संख्या ज्यादा देखी जा रही है। प्रचार के दौरान जहां चुनावी सभाओं में पुरुषों की अपार भीड़ देखी जा रही थी। वहीं मतदान के दिन महिला वोटर का बढ़ चढ़कर अपने मताधिकार का प्रयोग करती नज़र आ रही है। तो क्या यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का छठ पर दिए बयान का असर है। क्योंकि दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के लिए छपरा पहुंचे नरेंद्र मोदी ने कहा था, 'कोरोना के काल में किसी मां को ये चिंता करने की जरूरत नहीं है कि छठ पूजा को कैसे मनाएंगे। अरे मेरी मां! आपने अपने बेटे को दिल्ली मैं बैठाया है, तो क्या वो छठ की चिंता नहीं करेगा। उन्होंने कहा था, मां तुम छठ की तैयारी करो, दिल्ली में तुम्हारा बेटा बैठा है। 2015 में 60 प्रतिशत से अधिक महिला मतदाताओं ने किया था वोट बिहार में लोकसभा का चुनाव हो या फिर विधानसभा का चुनाव, लोकतंत्र के इस त्योहार में महिला मतदाता अकसर निर्णायक भूमिका निभाती रही हैं। पिछले चुनाव की बात करें तो महिला मतदाता बड़ी संख्या में वोटिंग के लिए आगे आई थीं। चुनाव आयोग के अनुसार 2015 विधानसभा चुनाव में 56.66 फीसदी वोटिंग हुई थी, जिसमें 53.32 फीसदी पुरुष और 60.32 फीसदी महिला मतदाताओं ने वोटिंग की थी। इस बार भी चुनाव आयोग को आशा है कि 2020 में महिला मतदाता खुद अपने पिछले रिकार्ड को तोड़ देंगी। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के पहले चरण में भी महिला मतदाताओं ने पुरूषो की अपेक्षा ज्यादा भागेदारी निभाई। तो दूसरे चरण में निर्वाचन आयोग के अनुसार दूसरे चरण में हुए 94 विधानसभा सीटों पर कुल 55.70 प्रतिशत मतदान हुआ था। जिसमें 52.92 पुरुषों ने मतदान किया था वहीं महिलाओं का मत प्रतिशत 58.80 रहा था। बिहार निर्वाचन विभाग का मानना है कि तीसरे चरण में महिला मतदाताओं की संख्या और बढ़ेगी। पीएम मोदी और सीएम नीतीश ने तीसरे चरण में की ये अपील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के वोटरों से बढ़-चढ़कर मतदान करने की अपील की है। पीएम मोदी ने कहा- बिहार विधानसभा चुनावों में आज तीसरे और आखिरी चरण का मतदान है। सभी मतदाताओं से मेरी विनती है कि वे अधिक से अधिक संख्या में लोकतंत्र के इस पावन पर्व में भागीदार बनें और वोटिंग का नया रिकॉर्ड बनाएं। और हां, मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान भी अवश्य रखें। वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी मतदाताओं से अपील की है कि वह तीसरे और अंतिम चरण के मतदान में बड़ी संख्य में घर से बाहर निकल कर बिहार के प्रगति और खुशहाली के लिए मतदान करें। उन्होंने कहा कि आपके एक एक वोट से ही बिहार का भविष्य संवरेगा और प्रगति की गति और तेज होगी। क्या छठव्रति मां पर असर कर चुका है बेटे पीएम नरेंद्र मोदी का भाषण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के दौरान छपरा में छठ पूजा का जिक्र करते हुए बिहार की छठव्रति महिलाओं को संबोधित किया था। पीएम ने कहा था कि कोरोना काल में आप लोगों को छठ पूजा कैसे मनाए इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है। पीएम मोदी ने कहा था, मां तुम छठ की तैयारी करो, दिल्ली में तुम्हारा बेटा बैठा है,आपका बेटा दिल्ली में बैठा है, आप तो बस छठ पूजा की तैयारी करो। इतना ही नही पीएम ने यह भी कहा था कि जब छठी मईया की पूजा के दौरान, गंगाजी के किनारे हजारों-हजार महिलाओं की भीड़ जुटती है, तो उनकी सबसे बड़ी जरूरत होती है, साफ गंगा जी का पानी, स्वच्छता। तो क्या पीएम मोदी का लोकआस्था के महापर्व छठ को लेकर भावुक करने वाला भाषण बिहार की महिलाओं के दिल को छू गया है। क्या इसलिए वे तीसरे और आखरी चरण के मतदान में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। मतदान में तो अव्वल रहती है लेकिन उम्मीदवारी में क्यों पिछड़ जाती हैं महिलाएं ? एक रिपोर्ट में 2006 से 2016 तक हुए चुनावों के आंकड़े बताए गए कि दस सालों में 7% महिला उम्मीदवारी रही थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राजनीति का पुरुषप्रधान होना, संसद व विधानसभा में महिलाओं के लिए सीटें निश्चित न होना, परिवार के सदस्यों से सपोर्ट ना मिलना और राजनीतिक पार्टियों द्वारा महिलाओं की काबिलियत को कम आंकना, राजनीति में महिलाओं की कमज़ोर स्थिति के प्रमुख कारण रहे हैं। इस बार विधानसभा चुनाव में तकरीबन सभी पार्टियों ने महिलाओं को टिकट तो दिया है लेकिन उनकी संख्या बेहद कम है। जहां सत्तारूढ़ जेडीयू ने कुल 115 सीटों में से 22 पर जिन महिलाओं को टिकट दिया है वहीं बीजेपी ने 110 में से 13, आरजेडी ने 16, कांग्रेस ने 7 और लेफ्ट पार्टियों ने एक महिला उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा है। यानी महागठबंधन ने कुल 243 सीटों में से महज 24 महिलाओं को टिकट दिया गया है। बावजूद इसके घर के पुरूषों को नाश्ता देने से पहले बिहार की महिला लोकतंत्र के सबसे बड़े त्योहार को मनाना जरूरी समझा यानी वो अपने मताधिकार के ताकत का इस्तेमाल पुरूषों की अपेक्षा ज्यादा कर रही है। क्या लालू के बेटे तेजप्रताप का भविष्य महिला मतदाता कर चुकीं हैं तय ये तो सभी जानते है कि बिहार में दूसरे चरण के लिए हुए मतदान में पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने ज्यादा वोटिंग की है। लेकिन शायद यह कम लोगों को ही पता होगा कि लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के चुनावी क्षेत्र हसनपुर में पुरुषों की अपेक्षा महिला मतदाताओं की संख्या 17 प्रतिशत अधिक रही है। हसनपुर विधानसभा क्षेत्र के कई इलाकों से मिले रिपोर्ट के अनुसार जहां पुरुषों के वोटिंग प्रतिशत 50 से कम रहे लेकिन महिलाओं का वोट 60 प्रतिशत से ज्यादा रहा है। तेज प्रताप की हसनपुर सीट महिला और पुरूष दोनों की वोटिंग में करीब 16 हजार वोट का अंतर बताया जा रहा है। बता दें कि हसनपुर में कुल मतदाता की संख्या 2,91,992 हैं, जिसमें पुरुष 1,54,453 तो महिला वोटरों की संख्या 1,37,531 है। जानकारी के अनुसार हसनपुर में इसबार महिलाओं के 93,306 वोट की तुलना में मात्र 77,759 पुरुषों मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। यानी हसनपुर में महिला और पुरूष वोटरों ने मिलकर 1,71,065 वोट किया है जो कुल मतदाताओं का 58.59 प्रतिशत हैं। जिनमें महिलाओं का मत प्रतिशत 67.84 रहा तो पुरुष मतदाताओं ने सिर्फ 50.34 प्रतिशत वोट किया। महिलाओं अधिक भागीदारी से किसका होगा फायदा आमतौर पर यह देखा जाता है कि बिहार की महिलाएं कम पढ़ी-लिखी होने के बावजूद अपने मताधिकार के प्रयोग के लिए पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा जागृत होती है। 2005 के बाद से ही बिहार में मतदान के दौरान महिलाओं की ज्यादा भागीदारी को एनडीए के पक्ष में ही मतदान माना जाता रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की साइकिल योजना हो या पूर्ण शराबबंदी का फैसला। बिहार की महिलाएं नीतीश कुमार के इन फैसलों के साथ पूरी तरह से नीतीश के फैसले के साथ खड़ी दिखतीं है। वहीं दूसरी तरफ 2005 के पहले के लालू - राबड़ी के शासनकाल में व्यापारी, डॉक्टर के बाद अपराधियों का 'कहर' सबसे ज्यादा बिहार की महिलाओं पर ही टूटा था। यही वजह है कि बिहार की महिला मतदाता नीतीश कुमार के पक्ष में खड़ी नजर आती हैं इधर 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद महिला मतदाताओं में बीजेपी के तरफ भी रुख किया है। ऐसे में यह समझना कठिन नहीं है कि बिहार की महिला मतदाताओं ने अगर एग्रेसिव होकर वोटिंग करने का मन बनाया है तो वह किसके पक्ष में जा सकता है। हालांकि 10 नवंबर को ही पता चलेगा कि बिहार की महिलाओं ने अबकी बार किसकी सरकार चुनने का काम किया था।
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रंग लाई PM मोदी-CM नीतीश की अपील, बूथों पर दिख रही महिला मतदाताओं की भीड़, क्या हैं मायने
Reviewed by Fast True News
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November 07, 2020
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