नवंबर में नेपाल जाएंगे आर्मी चीफ जनरल नरवणे, नक्शा विवाद के बाद पहला हाई लेवल विजिट
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नई दिल्लीआर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे नवंबर पर पहले सप्ताह में नेपाल जाएंगे। काठमांडू ने जब से अपने नक्शे में कालपानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को शामिल कर भारत के साथ विवाद खड़ा किया है, उसके बाद इतने बड़े कद के किसी भारतीय का पहला नेपाल दौरा होगा। जनरल नरवणे अपने नेपाल दौरे में वहां के सैन्य एवं राजनीतिक नेतृत्व से मुलाकात करंगे और उनके बीच भारत-नेपाल के द्विपक्षीय संबंधों पर गहन चर्चा होगी। इतना ही नहीं, लंबे समय से चली आ रही परंपरा के मुताबिक, नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी जनरएल एमएम नरवणे को 'नेपाल आर्मी के जनरल' मानद रैंक से भी सम्मानित करेंगी। अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए विशेष समारोह का आयोजन किया जाएगा। फिर से सिरे चढ़ेगा दोस्ती का सिलसिला? चीन ने हाल के कुछ वर्षों में नेपाल के अंदर रणनीतिक घुसपैठ की है और भारत के लिए मुश्किलें खड़ा कर रहा है। ऐसे में जनरल नरवणे के इस दौरे से काफी अपेक्षा जताई जा रही है। माना जा रहा है कि इस दौरे से दोनों देशों के संबंध में आई खटास कम होगी और दोस्ती का सिलसिला नए सिरे से आगे बढ़ेगा। दरअसल, नेपाल के साथ विवाद की शुरुआत तब हुई जब उसने भारत की धारचुला से लिपुलेख दर्रा तक नीर्मित नई 80 किलोमीटर लंबी सड़क के उद्घाटन पर आपत्ति प्रकट की। लिपुलेख भारत, नेपाल और चीन के बीच ट्राइजंक्शन पर पड़ता है। भारत की नई सड़क पर नेपाल को आपत्ति धारचुला-लिपुलेख सड़क के जवाब में नेपाल ने कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को अपने नक्शे में शामिल कर लिया और नए नक्शे को संसद से पास करवाकर उस पर राष्ट्रपति का हस्ताक्षर भी करवा दिया। यानी, नेपाल ने भारतीय क्षेत्रों वाले नए नक्शे को कानूनी जामा भी पहना दिया। भारत ने इसका पुरजोर विरोध किया। उसने कहा कि नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार की तरफ से लाया गया नया नक्शा जमीनी हकीकत से परे और अस्वीकार्य है। विवाद के बीच दोनों देशों के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर कई दौर की वार्ता हुई। भारत-नेपाल की सेनाओं का मजबूत रिश्ता भारत और नेपाल की आर्मी दोनों देशों के बीच मजबूत कड़ी का काम करती हैं। दोनों देशों की सेनाएं विभिन्न मोर्चों पर एक-दूसरे के साथ कदम से कदम मिलाकर चलती हैं, दोनों संयुक्त युद्धाभ्यास करती हैं और सैनिकों की ट्रेनिंग का कार्यक्रम भी चलता रहता है। मसलन, नेपाल के रुपेनदेही जिला स्थित सालीझांडी के आर्मी बैटल स्कूल में पिछले साल दिसंबर में 'सूर्य किरण' एक्सरसाइज का 14वां संस्करण संपन्न हुआ। इतना ही नहीं, भारतीय सेना के सात गोरखा राइफल्स (पहले, तीसरे, चौथे, पांचवें, आठवें, नवें और 11वें) में 28 हजार नेपाली नागरिक शामिल हैं। इन गोरखा राइफल्स में दार्जिलिंग, देहरादून और धर्मशाला के गोरखा भी हैं। वहीं, भारतीय आर्मी के 1.25 लाख रिटायर्ड अधिकारियों को अब भी नेपाल सरकार पेंशन देती है।
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नवंबर में नेपाल जाएंगे आर्मी चीफ जनरल नरवणे, नक्शा विवाद के बाद पहला हाई लेवल विजिट
Reviewed by Fast True News
on
October 14, 2020
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