बरेली में बवाल, महाराष्ट्र में उबाल, जानिए आखिर ये 'लव जिहाद' आया कहां से?
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नई दिल्ली उत्तर प्रदेश का बरेली पिछले कुछ दिन से अशांत है। कथित रूप से 'लव जिहाद' के एक मामले को लेकर वहां थाने तक में तोड़फोड़ हो चुकी है। एक हिंदू लड़की के परिवार ने एक मुस्लिम युवक पर युवती को भगा ले जाने का आरोप लगाया है। मामले ने भाजपा और विश्व हिंदू परिषद के दखल से तूल पकड़ लिया। किला थाने के बाहर मंगलवार को जमकर उत्पात हुआ। लाठीचार्ज हुआ, कई घायल हुए। 'लव जिहाद' ये टर्म आजकल सुर्खियों में है। कुछ दिन पहले एक जूलरी ब्रैंड के ऐड पर भी विवाद हुआ था। ऐड के जरिए 'लव जिहाद' को बढ़ावा देने का आरोप लगा तो कंपनी ने विज्ञापन वापस ले लिया। इसके बाद राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने महराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और राज्य में बढ़ते 'लव जिहाद' के मामलों पर चिंता जताई। मगर ये 'लव जिहाद' है क्या और भारत में इसकी शुरुआत कब हुई? क्या है लव जिहाद?हिंदूवादी संगठनों के अनुसार, मुस्लिम युवक गैर-मुस्लिम समुदायों की लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाते हैं। मकसद उनका धर्मांतरण कराना या शारीरिक शोषण करना होता है। 'लव जिहाद' वैसे मामलों को कहा जाता है जहां पहचान छिपाकर लड़की को धोखा दिया गया हो। दक्षिणपंथी संगठनों के मुताबिक, संगठित रूप से 'लव जिहाद' होता है लेकिन सरकार ने इसी साल संसद में कहा था कि कानून में ऐसी कोई चीज नहीं है। भारत में 'लव जिहाद' का कॉन्सेप्ट कब आया?'लव जिहाद' यह टर्म दो-तीन दशक से ज्यादा पुराना नहीं है। जर्मनी में रहने वाली पीएचडी स्कॉलर आस्था त्यागी के मुताबिक, "इस टर्म (लव जिहाद) का इस्तेमाल गुजरात में 90 के दशक के अंत और 21वीं सदी की शुरुआत में हो रहा था। उस वक्त 'लव जिहाद' का मतलब था कि मुस्लिम लड़के हिंदू लड़कियों को फंसाते हैं, खासतौर से डांडिया जैसे सामुदायिक कार्यक्रमों में और फिर उनका धर्मांतरण करा देते हैं।" दिल्ली यूनिवर्सिटी के इतिहासकार चारू गुप्ता के मुताबिक, "21वीं सदी के पहले दशक में 'लव जिहाद' की चर्चा देशभर के हिंदू संगठनों के कार्यक्रमों में होने लगी। श्रीराम सेना के नेता प्रमोद मुथालिक ने इसे फैलाने में अहम भूमिका निभाई।" साल 2009 में पहली बार केरल और कर्नाटक में बड़े पैमाने पर हिंदू लड़कियों के धर्म परिवर्तन के मामले सामने आए। तो 90 के दशक से पहले नहीं होते थे ऐसे केस?इतिहासकारों की मानें तो ऐसा नहीं है। 1920 के दशक की कई घटनाओं का ब्योरा इतिहासकारों ने लिखा है। चारू गुप्ता ने 2002 में एक रिसर्च कम्पाइल की थी। उसके मुताबिक, 1927 में मुजफ्फरनगर की 'शांति' तब भंग हुई जब पता चला कि एक हिंदू लड़की का जबर्दस्ती धर्मांतरण कर मुस्लिम मर्द से शादी करा दी गई। लोग जुटे, भीड़ ने आकार लेना शुरू और आरोपी के घर की ओर चल पड़े। बाद में पता चला कि लड़की हमेशा से मुस्लिम थी। आजादी के पहले के कई ऐसे केसगुप्ता ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, "हिंदू सुधारकों ने 20वीं सदी की शुरुआत में अपहरण के जो मामले उइाए, वे 'लव जिहाद' से खासा मेल खाते हैं।" जो लड़कियां भागीं और धर्म परिवर्तन किया, उनमें से अधिकतर बेसहारा थीं। गुप्ता की स्टडी के मुताबिक, "1927 में प्रतापगढ़ की एक हिंदू महिला ने मुसलमान संग भागकर शादी कर ली। बनारस में 1924 में एक महिला ने मुस्लिम शख्स के लिए अपने पति को छोड़ दिया था.... अप्रैल 1927 में झांसी में एक मुस्लिम के वेश्या को रखने पर बवाल हो गया था जो मूल रूप से हिंदू थी मगर बाद में इस्लाम कबूल कर लिया था।"
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बरेली में बवाल, महाराष्ट्र में उबाल, जानिए आखिर ये 'लव जिहाद' आया कहां से?
Reviewed by Fast True News
on
October 21, 2020
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