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स्वच्छ भारत अभियान में बड़ा करप्शन, जानें खेल

हरदोई एक ओर जहां केन्द्र की मोदी सरकार ने देश को स्वच्छ बनाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया, वहीं कुछ लोग हैं जिम्मेदार अधिकारियों की मदद से सालों से इस अभियान को पलीता लगा रहे हैं। मामला उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले का है, जहां अधिकारियों के संरक्षण में पीएम मोदी के ड्रीम प्रॉजेक्ट में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। हैरान करने वाली बात यह है कि मामले में जिलाधिकारी से लेकर प्रमुख सचिव तक शिकायत की गई, इसके बाद जांच भी हुई लेकिन पुख्ता सबूतों के बावजूद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली और भ्रष्टाचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की। हरदोई जिले के भरावन विकास खंड की दूलानगर ग्रामसभा में सेक्रटरी और वीडीओ की मिली भगत से प्रधान ने लाखों का घोटाला कर डाला। प्रधान ने एक-एक व्यक्ति को कई-कई बार शौचालय का पैसा दिलवा दिया। कई तो ऐसे लोगों के नाम पर शौचालय अलॉट हो गए, जो उस ग्रामसभा के रहने वाले ही नहीं है। इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात तो यह है कि जब एनबीटी की टीम ने मौके पर जाकर जांच की तो वहां कई शौचालय सिर्फ कागज पर पाए गए। दूसरे जिलों में रहने वाले रिश्तेदारों पर मेहरबान ग्राम प्रधान सूत्रों के मुताबिक, स्वच्छ भारत अभियान में पलीता लगाने का यह खेल इतना लंबा है कि अगर ठीक तरीके से इसकी जांच की जाए तो कई बड़े अधिकारी फंस जाएंगे। उदाहरण के तौर पर देखिए 2017-18 में दूलानगर में रहने वाले छोटकन्न पुत्र निरंजन के लिए शौचालय का पैसा आवंटित हुआ। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि 2016-17 में छोटकन्न पुत्र निरंजन के नाम से दो बार शौचालय के लिए पैसा आवंटित हो चुका है। इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि शौचालय मिले तो तीन हैं लेकिन जमीन पर एक भी नहीं बने हैं। ऐसा ही एक और मामला लक्ष्मी शंकर पुत्र राम कुमार से जुड़ा है। एक बार इन्हें 2016-17 में शौचालय आवंटित हुआ और फिर 2017 में लक्ष्मी के नाम से एक बार और शौचालय मिल गया। इन दो सालों में जितने लोगों को शौचालय आवंटित किया गया है, उनमें कई ऐसे नाम हैं जो ग्राम प्रधान के रिश्तेदार हैं और दूसरे जिलों में रह रहे हैं। बिना शौचालय मिला लोहिया आवास? कुछ और उदाहरण देखिए, मंशा राम पुत्र रामेश्वर को भी 2016-17 में शौचालय मिल चुका था लेकिन 2017-18 में फिर से दे दिया गया। जमीन पर दूसरा वाला दिखा ही नहीं, पहले की हालत भी बेहद दयनीय थी। 2016-17 में राजाराम पुत्र रतन के नाम से शौचालय का पैसा आवंटित हुआ लेकिन स्थानीय लोगों के मुताबिक, इससे पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी और मौके पर शौचालय भी नहीं मिला। एक अन्य व्यक्ति राम किशोर पुत्र शंकर लोहिया आवास के लाभार्थी हैं, बावजूद इसके 2016-17 में इन्हें शौचालय आवंटित किया गया, अब सवाल यह है कि क्या लोहिया आवास में शौचालय नहीं होता? घोटालेबाज सेक्रेटरी को मिला प्रमोशन एनबीटी ऑनलाइन की टीम ने जब इस भ्रष्टाचार की गहनता से जांच की तो सामने आया कि इस दौरान कई ऐसे लोगों को शौचालय के नाम पर पैसा आवंटित कर दिया गया है, जो उस ग्राम सभा के निवासी ही नहीं हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि जिस वक्त भारत सरकार के स्वच्छता अभियान में यह घोटाला हुआ, उस वक्त ग्राम पंचायत के सचिव रहे घोटालेबाज धीरेन्द्र सिंह अब एडीओ के पद पर प्रमोशन पा गए हैं। एनबीटी ऑनलाइन ने मामले को लेकर जब धीरेन्द्र से बात करनी चाही तो वह करीब सात दिनों तक जांच करने की बात करके टालते रहे। घोटाले का खेल कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाइए कि बीडीओ सुधीर यादव से लेकर सीडीओ निधि वत्स तक इसकी शिकायत की गई, लेकिन किसी ने जांच करके दोषियों पर कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी। बीडीओ सुधीर यादव से जब एनबीटी ऑनलाइन रिपोर्टर ने इस मामले में सवाल पूछा तो उन्होंने बात करने के बाद फोन उठाना बंद कर दिया। यूं होता है खेल सूत्रों के मुताबिक, ग्राम प्रधान और सरकारी अधिकारियों की मिली भगत से भ्रष्टाचार का पूरा खेल चलता रहता है। किसी तरह की जांच होने पर ये लोग पकड़े ना जाएं इसके लिए बाकायदा फर्जी लाभार्थियों और उनके पिता के नाम की स्पेलिंग में थोड़ा बदलाव कर दिया जाता है। इस पूरे खेल को कितनी सावधानी से खेला जाता है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगाइए कि इन लाभार्थियों के कई अलग-अलग बैंकों में अकाउंट भी खुलवाए जाते हैं, ताकि जांच होने पर पहली नजर में शक ना हो। एनबीटी व्यू देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महात्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन में इस तरह की घोटालेबाजी वाकई दुखद है। इससे भी ज्यादा दुखद यह है कि मामले की शिकायत अगर कोई जिला स्तर के अधिकारियों से करता है तो उनकी चुप्पी उनकी कार्यशैली को संदेह के घेरे में खड़ा करती है। सवाल जिले के जिलाधिकारी पुलकित खरे की ईमानदार छवि पर भी है कि आखिर इस तरह के घोटाले उनकी नजरों से कैसे बच गए। एनबीटी ऑनलाइन के पास इस तरह की शिकायतें कई जिलों से आई हैं। लेकिन इस खबर में एनबीटी ऑनलाइन ने सिर्फ एक उदाहरण दिया है कि किस तरह से एक बड़ी सरकारी योजना में अधिकारियों की मिली भगत से घोटाला हो रहा है। उत्तर प्रदेश और लखनऊ की हर खबर अब Telegram पर भी। हमसे जुड़ने के लिए और पाते रहें हर जरूरी अपडेट।


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स्वच्छ भारत अभियान में बड़ा करप्शन, जानें खेल स्वच्छ भारत अभियान में बड़ा करप्शन, जानें खेल Reviewed by Fast True News on August 01, 2020 Rating: 5

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