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कोरोना वैक्सीन कब तक, जानिए हर जवाब

नई दिल्ली कोरोना महामारी पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखी है। इस जानलेवा वायरस ने लाखों लोगों की जान ले ली है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। देश में 14 लाख से ज्यादा कोरोना के मरीज है। ऐसे में इस बीमारी से बचाव के लिए वैक्सीन पर पूरी दुनिया में युद्ध सत्र पर काम चल रहा है। कई वैक्सीन ट्रायल के तीसरे चरण में भी पहुंच चुका है। इन्ही सब मुद्दों पर SARS और H5N1 जैसे वायरस से निपटने के अपने अनुभवों पर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के पूर्व महानिदेशक निर्मल कुमार गांगुली ( Nirmal Kumar Ganguly) ने रूपाली मुखर्जी से बात की। साल के आखिर तक मिल सकती है वैक्सीन गांगुली ने उम्मीद जताई कि साल के अंत तक कोरोना की वैक्सीन आ सकती है। हालांकि उन्होंने कहा कि इसकी पहुंच बहुत सीमित होगी और केवल आपात प्रयोग के लिए होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना की वैक्सीन 2021 की गर्मियों बड़े पैमानों पर लोगों को मिल सकती है। गांगुली ने कहा कि वैक्सीन से पहले उसकी सेफ्टी चिंताओं पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने साथ ही कहा कि भारत में चल रहे वैक्सीन ट्रायल के सभी रिजल्ट सार्वजनिक किए जाएं। पढ़ें, भारत में ट्रायल में परेशानियां भी गिनाईं यह पूछे जाने पर क्या भारत जैसी बड़ी और विविधता वाली आबादी वाला देश है ऐसे में वैक्सीन ट्रायल में इसका भी ध्यान रखा जाएगा? इसपर गांगुली ने कहा कि यह सच है कि भारत में 300 तरह के सूमह है और यह जानना जरूरी होगा कि क्या उनमें वैक्सीन का ट्रायल अलग व्यवहार कर रहा है। ट्रायल में भारत के सभी समूहों को शामिल किया जाना चाहिए। इसके अलावा इन समूहों की रोगों से लड़ने की क्षमता आदि का भी ध्यान रखना होगा। कोरो कैसे और किसे मिलेगी सबसे पहली वैक्सीन? यह पूछे जाने पर कि वैक्सीन को कैसे उपलब्ध कराया जाएगा? इसपर ICMR के पूर्व महानिदेश ने कहा कि निश्चित तौर पर वैक्सीन को उपलब्ध कराना काफी अहम होगा। जो भी देश पहले वैक्सीन बनाएगा उसे फायदा मिलेगा। इसके अलावा वैक्सीन के उत्पादन क्षमता को भी देखना होगा। पूरे देश की आबादी को एकसाथ वैक्सीन नहीं दी जा सकती है। सरकार को वैक्सीन को उपलब्ध कराने के लिए एक रणनीति बनाने की जरूरत है। फ्रंटलाइन वर्कर को वैक्सीन सबसे पहले दी जानी चाहिए। इसमें हेल्थ वर्कर के अलावा, स्वच्छता कर्मचारी, पुलिस जवान, रिटेल शॉप के कर्मचारी और बुजुर्ग लोगों को पहले वैक्सीन दिए जाने की जरूरत होगी। अगर दुनिया की वैक्सीन कंपनियां भारत के साथ मिलकर वैक्सीन का उत्पादन नहीं करेंगी तो गरीब देशों को अमीर देशों की तुलना में 9 महीने बाद वैक्सीन मिलेगी। इसलिए भारतीय कंपनियों को वैश्विक कंपनियों के साथ साझेदारी मजबूत करना चाहिए। पढ़ें, फेज 3 का ट्रायल होगा अहम भारत में वैक्सीन ट्रायल के डेटा की क्षमता कैसे तय होगी इसपर गांगुली ने कहा कि ट्रायल का तीसरा चरण बड़े समूह पर किया जाता है और सेफ्टी और क्षमता का ध्यान तीसरे चरण के ट्रायल में रखा जाता है क्योंकि दूसरे चरण के ट्रायल का सैंपल साइज छोटा होता है। एक और चुनौती ऑक्सफोर्ड और मोडेरना के ट्रायल रिजल्ट में होगा। दूसरा इंजेक्शन या फिर ज्यादा डोज देने के बाद यह चुनौती सामने आएगी। हमें तीसरे फेज के ट्रायल के दौरान कुछ खराब परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं, जब इसका वैक्सीन का इस्तेमाल बड़ी उम्र वाले समूह में किया जाएगा। अमेरिका फूड ऐंड ड्रग एडमिनेस्ट्रेशन (USFDA) की गाइडलाइंस के अनुसार, 50% क्षमता वाले वैक्सीन को देश में शुरू किया जा सकता है।


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कोरोना वैक्सीन कब तक, जानिए हर जवाब कोरोना वैक्सीन कब तक, जानिए हर जवाब Reviewed by Fast True News on July 26, 2020 Rating: 5

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