टि्वटर पर आज ओवैसी क्यों कर रहे हैं ट्रेंड?
हैदराबाद () देश के कद्दावर नेताओं में से एक माने जाते हैं जो अक्सर अपने बयानों के चलते चर्चा में रहते हैं। संसद में प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री तक को कई बार उनके तीखे सवालों से दो-चार होना पड़ा। कई बार उनकी नेताओं से बहस भी हुई। हर मुद्दे पर बेबाकी से राय रखना ओवैसी का अंदाज है लेकिन कई बार इसी के चलते वह विवादों से घिर जाते हैं। हैदराबाद से 4 बार सांसद असदुद्दीन ओवैसी का आज जन्मदिन है। वह 51 वर्ष के हो गए हैं। इसी के चलते वह सोशल मीडिया पर ट्रेंड भी कर रहे हैं। आगे पढ़िए ओवैसी के चर्चित बयान और उनका बेबाकपन- पीएम लॉकडाउन 4.0 के ऐलान के बाद ओवैसी ने इसे असंवैधानिक बताया है। उन्होंने कहा कि पता नहीं क्यों राज्य सरकारें इस पर चुप हैं। ओवैसी ने कहा, 'यह लॉकडाउन, असंवैधानिक है। भारत सरकार राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून, महामारी कानून के तहत पूरे देश को लॉकडाउन में नहीं रख सकती। यह संघवाद के खिलाफ है। यह राज्य का विषय है। मुझे पता नहीं कि राज्य सरकारें क्यों चुप हैं।' ओवैसी के बोल- कोरोना से मरने वालों को मिलना चाहिए शहीद का दर्जा पिछले दिनों ओवैसी ने कोरोना से मरने वाले लोगों को शहीद का दर्जा देने की बात कही थी, जिससे काफी विवाद हुआ था। ओवैसी ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कहा था, 'जो भी लोग कोरोना के कारण जान गंवा रहे हैं, उन्हें शहीद कहा जाएगा। ऐसे लोगों को अंतिम संस्कार के पहले कफन का आवश्यकता नहीं है और उन्हें मरने के बाद तत्काल दफ्न किया जाना चाहिए।' स्पीकर ओम बिड़ला से बोले- उम्मीद है आप रेफरी बने रहेंगे पिछले साल जून में जब ओम बिड़ला लोकसभा के स्पीकर नियुक्त हुए थे, तो सभी सांसदों ने उन्हें बधाई दी। इस दौरान ओवैसी ने जो कहा उसका हर कोई मुरीद हो गया। ओवैसी ने कहा, 'उम्मीद है कि आप लोकतंत्र की गरिमा की रक्षा करेंगे। स्पीकर से उम्मीद है कि आप रेफरी बने रहेंगे, गेम का हिस्सा नहीं बनेंगे। आप राइट साइड से आए हैं, विचारधारा भी दक्षिणपंथी हो सकती है लेकिन आपसे निवेदन ही लेफ्ट साइड भी ध्यान देते रहें।' ओवैसी ने कहा था, 'आपको अपनी ताकत हमेशा याद रखनी होगा, क्योंकि आपके फैसले से ही सदन ठीक ढंग से चल पाएगा. संसदीय लोकतंत्र में मंत्री नहीं आपके हिसाब से सदन चलेगा, ऐसी हम उम्मीद जताते हैं।' और संसद में फाड़ दी थी नागरिकता संशोधन बिल की कॉपी पिछले साल दिसंबर महीने में ही लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल (CAB) के दौरान चर्चा के वक्त ओवैसी ने बिल का विरोध करते हुए कॉपी फाड़ दी थी। इस पर उनकी काफी आलोचना भी हुई थी। बिल को फाड़ते हुए ओवैसी ने कहा था, 'यह एक और विभाजन होने जा रहा है। यह बिल भारत के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने वाला है। मैं बिल को फाड़ता हूं, जो हमारे देश को विभाजित करने का प्रयास करता है।' संसद में गृहमंत्री से हुई थी तीखी बहस 15 जुलाई 2019 को एनआईए संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह और ओवैसी के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली थी। बिल तो पारित हो गया था लेकिन दोनों के बीच बहस ने सभी का ध्यान खींचा था। ओवैसी ने कहा था कि आप गृह मंत्री हैं तो डराइए मत, जिस पर शाह ने कहा कि वह डरा नहीं रहे हैं, लेकिन अगर डर जेहन में है तो क्या किया जा सकता है। एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी अपने स्थान पर खड़े हो गए और कहा कि बीजेपी सदस्य जिस निजी वार्तालाप का उल्लेख कर रहे हैं और जिनकी बात कर रहे हैं वो यहां मौजूद नहीं हैं। क्या बीजेपी सदस्य इसके सबूत सदन के पटल पर रख सकते हैं? अयोध्या फैसले पर ओवैसी बोले- हमें खैरात की जरूरत नहीं अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ओवैसी ने कहा था कि वह संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने शीर्ष अदालत के फैसले में 5 एकड़ जमीन दिए जाने के फैसले को उन्होंने खारिज करते हुए कहा था कि यह न्याय नहीं है। उन्होंने कहा था, 'मुस्लिमों के साथ अत्याचार हुआ है, इसे कोई भी खारिज नहीं कर सकता। मुसलमान इतना गरीब नहीं है कि वह 5 एकड़ जमीन नहीं खरीद सकता। यदि मैं हैदराबाद की अवाम से ही भीख मांगू तो 5 एकड़ जमीन ले सकेंगे। हमें किसी की भीख की जरूरत नहीं है।' जब ओवैसी बोले- मुझे यकीन है एक दिन मुझे गोली मार दी जाएगीएआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बहाने भी केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला था। ओवैसी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि केंद्र सरकार को सिर्फ कश्मीरियों की जमीन से प्यार है, उनसे नहीं। ओवैसी ने कहा था, 'मुझे यकीन है कि एक दिन मुझे कोई गोली भी मार देगा। मुझे यकीन है कि गोडसे की जो औलादें हैं, वे मेरे साथ ऐसा कर सकती हैं। हमारे मुल्क में अभी भी गोडसे की औलाद हैं।' कौन हैं असदुद्दीन ओवैसी? 13 मई 1969 को हैदराबाद में जन्मे असदुद्दीन ओवैसी 2008 से ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष हैं। वह पेशे से वकील हैं और लंदन से उन्होंने अपनी डिग्री हासिल की। 1994 में उन्होंने चारमीनार विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। 1999 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने इसी सीट से तेलुगु देशम पार्टी के सैयद शाह नूर हक खादरी को करीब 90 हजार वोट से हराया था। हैदराबाद से 4 बार सांसद साल 2004 में ओवैसी ने पहली बार हैदराबाद लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। इसके बाद से वह यहां से 4 बार विजेता रहे हैं। हैदराबाद लोकसभा सीट से असदुद्दीन ओवैसी 2004, 2009, 2014 और 2019 के चुनाव जीत चुके हैं, जबकि इसी सीट से लगातार 6 बार चुनाव जीतने का रेकॉर्ड उनके पिता सुल्तान सलाउद्दीन ओवैसी के नाम दर्ज है।
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टि्वटर पर आज ओवैसी क्यों कर रहे हैं ट्रेंड?
Reviewed by Fast True News
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May 13, 2020
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