मस्जिद पर मुस्लिम बोले- 'अयोध्या दूर, नहीं मंजूर'
वत्सला गौड़, अयोध्या उत्तर प्रदेश में फैजाबाद जिले की सोहावल तहसील में धन्नीपुर गांव के लोग यह सुनकर खुश हैं कि बाबरी मस्जिद के बदले बनने वाली मस्जिद की पांच एकड़ जमीन उनके गांव में होगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को बताया कि लखनऊ-अयोध्या हाई-वे के नजदीक रौनाही पुलिस थाने से 200 मीटर दूर इस गांव में सरकार के मालिकाना हक वाली एक जमीन पर मस्जिद बनेगी। राज्य सरकार ने के आदेश के अनुसार यह फैसला किया है। इस जमीन का इस्तेमाल अभी गेहूं की खेती के लिए किया जाता है, लेकिन वहां शाहगड़ा शाह रहमतुल्ला का मकबरा है, जिनकी वर्षगांठ पर तीन दिन का मेला अप्रैल में लगता है। उस समय लोग यहां घुड़दौड़ और अन्य आयोजन देखने आते हैं। सरकार के एक सूत्र ने बताया कि इस स्थान का चयन मुस्लिम जनसंख्या के आधार पर किया गया है। इसके अलावा अयोध्या-प्रयागराज हाई-वे पर दो अन्य स्थानों को भी शॉर्टलिस्ट किया गया था। 'बाबरी मस्जिद ऐक्शन कमिटी से करेंगे चर्चा' अयोध्या में मुस्लिमों का कहना है कि शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर मस्जिद का कोई मतलब नहीं है। अयोध्या मामले में एक प्रमुख याचिकाकर्ता हाजी महबूब ने कहा, 'इतनी दूर जगह देने का क्या मतलब है। हमने कहा था कि हमें जमीन नहीं चाहिए और अगर जमीन आवंटित की जाती है तो वह अयोध्या के पास होनी चाहिए। मैं इसे स्वीकार नहीं करता।' उनका कहना था कि वह बाबरी मस्जिद ऐक्शन कमिटी से इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। पढ़ें: शहर से दूर होने पर जताई नाराजगी अयोध्या के बहुत से अन्य लोगों ने भी मस्जिद का स्थान शहर से दूर होने पर नाराजगी जताई। एक अन्य याचिकाकर्ता इकबाल अंसारी ने कहा कि उनसे संपर्क नहीं किया गया था लेकिन वह अपने घर के निकट जमीन का इस्तेमाल करने के पुराने प्रस्ताव पर बरकरार हैं। इस जमीन पर पहले से एक मस्जिद है और इसे बेहतर किया जा सकता है। एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, 'अयोध्या में काफी जमीन और मस्जिदें हैं। लोग अपने घर के निकट की मस्जिद में जाते हैं। वैसे घर पर भी नमाज पढ़ी जा सकती है। अगर जमीन 67 एकड़ के अंदर होती तो उसे स्वीकार किया जाता।' 'अस्पताल या स्कूल भी बन सकता है'अयोध्या में जिला पंचायत के सदस्य बबलू खान राज्य सरकार के फैसले से खुश हैं। उन्होंने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं। यह स्थान उपयुक्त है क्योंकि वहां मुस्लिम जनसंख्या अधिक है और मस्जिद कभी खाली नहीं रहेगी। हालांकि, मैं चाहता हूं कि राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट की तरह ही मस्जिद के लिए भी ट्रस्ट बनाया जाए। जमीन बड़ी है और इस वजह से एक अस्पताल और स्कूल भी बन सकता है।' धन्नीपुर में विकास की उम्मीद धन्नीपुर के निवासी आसिफ ने बताया, 'गांव में 20 से अधिक मस्जिदें हैं, जहां लोग रहते हैं और तीन मस्जिद हाई-वे पर हैं। इनके लिए पर्याप्त संख्या में नमाज पढ़ने वाले भी होने चाहिए।' कुछ और स्थानीय लोगों ने धन्नीपुर में विकास होने की उम्मीद जताई।
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मस्जिद पर मुस्लिम बोले- 'अयोध्या दूर, नहीं मंजूर'
Reviewed by Fast True News
on
February 05, 2020
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