'CAA पर कुछ अब भी अफवाहों के शिकार'
कोलकाता नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पश्चिम बंगाल में चल रहे भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता के बेलूर मठ से इस कानून को लेकर केंद्र सरकार का रुख स्पष्ट किया और बिना नाम लिए ममता बनर्जी सहित विपक्षी नेताओं पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह कानून नागरिकता देने के लिए है, न कि लेने के लिए। इस कानून को रातों-रात नहीं बल्कि सोच विचार कर बनाया गया है, लेकिन कुछ राजनीतिक दल इसे जानबूझकर समझना नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस कानून के बन जाने के बाद अब पाकिस्तान को जवाब देना होगा कि उसने अल्पसंख्यकों पर जुर्म क्यों किया। बेलूर मठ को अपना 'घर' बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'नागरिकता संशोधन कानून को लेकर युवाओं में बड़ी चर्चा है। बहुत से सवाल युवाओं के मन में भर दिए गए हैं। बहुत से युवा अफवाहों के शिकार हुए हैं। ऐसे युवाओं को समझाना और संतुष्ट करना हम सबकी जिम्मेदारी है। राष्ट्रीय युवा दिवस पर देश और पश्चिम बंगाल और नॉर्थ ईस्ट के युवाओं से इस पवित्र भूमि से कहना चाहता हूं कि नागरिकता देने के लिए हमने कोई रातों-रात कानून नहीं बनाया है।' यह भी पढ़ें: 'दूसरे देश का कोई भी नागरिक नागरिकता ले सकता है' उन्होंने कहा, 'हमें यह पता होना चाहिए कि दूसरे देश का कोई भी नागरिक भारत की नागरिकता ले सकता है। यह कानून नागरिकता देने का कानून है, लेने का नहीं। नागरिकता संशोधन कानून केवल पहले से मौजूद कानून में केवल एक संशोधन है। इसमें बंटवारे की वजह से जिन लोगों को संकटों का सामना करना पड़ा, उन्हें पूज्य महात्मा गांधी से लेकर तब के दिग्गज नेताओं का यही कहना था कि भारत को ऐसे लोगों को नागरिकता देनी चाहिए जिन पर धर्म की वजह से अत्याचार किया जा रहा है।' पीएम मोदी ने कहा कि हमने वही पालन किया है जो गांधी जी कहकर गए थे। उन्होंने कहा, 'नागरिकता संशोधन कानून में हम नागरिकता दे रहे हैं, किसी की नागरिकता छीन नहीं रहे हैं। इसके अलावा आज भी किसी भी धर्म का व्यक्ति, नास्तिक भी जो व्यक्ति भारत के संविधान को मानता है, वह तय प्रक्रियाओं के तहत भारत की नागरिकता ले सकता है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीति का खेल खेलने वाले इसे समझने के लिए इसे तैयार नहीं है। वे इसे समझना नहीं चाहते हैं। यह भी पढ़ें: 'नॉर्थ ईस्ट की संस्कृति, जनसंख्या पर असर नहीं पड़ेगा' प्रधानमंत्री ने कहा, 'नॉर्थ ईस्ट हमारा गर्व है, वहां की संस्कृति, रीति-रिवाज, जनसंख्या पर इस कानून का कोई विपरीत प्रभाव न पड़े, इसका प्रभाव केंद्र सरकार ने किया है। इतनी स्पष्टता के बावजूद कुछ लोग अपने राजनीतिक कारणों से इसका विरोध कर रहे हैं। आज के युवा ही ऐसे लोगों का भ्रम दूर कर रहा है। और तो और पाकिस्तान में जिस तरह से दूसरे धर्म के लोगों के साथ अत्यचार हो रहा है, उसके खिलाफ आवाज युवा ही उठा रहा है। अगर यह विवाद नहीं उठता तो पता नहीं चलता कि किस तरह से पाकिस्तान में दूसरे धर्म के लोगों के साथ अत्याचार हुआ। अब पाकिस्तान को जवाब देना पड़ेगा कि उन्होंने अल्पसंख्यकों के खिलाफ जुर्म क्यों किया।'
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'CAA पर कुछ अब भी अफवाहों के शिकार'
Reviewed by Fast True News
on
January 11, 2020
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