'घर' लौटकर आए अजित के गले लगीं सुप्रिया
मुंबई महाराष्ट्र में एक महीने से ज्यादा वक्त तक चली सियासी उठापटक के बाद आखिरकार विधायक अब विधानसभा पहुंचे हैं। नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है। विधायकों का गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए एनसीपी सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले खुद विधानभवन के गेट पर मौजूद दिखीं। इस दौरान जब सुप्रिया के बड़े भाई अजित पवार वहां पहुंचे तो यह गिले-शिकवे दूर करने का वक्त था। अजित की घर वापसी, गले लगीं बहन सुप्रिया मंगलवार को डेप्युटी सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद अजित पवार की घर वापसी हुई है। अजित के बागी होने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने 23 नवंबर को सीएम पद की शपथ ली थी लेकिन अजित के घर लौटने के बाद महज 80 घंटे के अंदर ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। अजित पवार विधानसभा के सत्र में शामिल होने के लिए जब गेट पर पहुंचे तो वहां पहले से सुप्रिया सुले खड़ी थीं। अजित के आगे एनसीपी विधायक दल के नेता जयंत पाटिल थे। पाटिल ने हाथ जोड़कर सुप्रिया का अभिवादन किया। इसके बाद उनके पीछे चल रहे अजित सुप्रिया के पास पहुंचे। दोनों ने आगे-बढ़कर एक दूसरे को गले से लगाया और तस्वीरें खिंचाईं। इस दौरान सुप्रिया और अजित दोनों मुस्कुराते नजर आए। पढ़ें: 'एनसीपी से कभी निकाला ही नहीं गया' विधायक की शपथ लेने से पहले अजित पवार ने कहा, 'एनसीपी से मैं कभी निकाला ही नहीं गया। पार्टी में था, पार्टी में हूं और पार्टी में रहूंगा।' इससे पहले मंगलवार रात अजित ने अपने चाचा और एनसीपी चीफ शरद पवार से मुंबई में उनके आवास सिल्वर ओक पर मुलाकात की थी। पढ़ें: फडणवीस से सुले ने मिलाया हाथ उधर देवेंद्र फडणवीस भी जब विधानसभा के अंदर जाने के लिए पहुंचे तो सुप्रिया सुले से उनका सामना हुआ। यह तल्खी मिटाने का मौका था। फडणवीस ने वहां रुककर सुले से मुलाकात की और अपने दोनों हाथ बढ़ाए। दोनों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाते हुए तस्वीरें खिंचाईं। इस बीच महाराष्ट्र विधानसभा में नए विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई जा रही है। कल सीएम की शपथ लेंगे उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में मंगलवार को सियासी अनिश्चतता पर विराम लग गया। फडणवीस के इस्तीफा देने के बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं की बैठक में शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे को नेता चुना गया। उद्धव गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। मुख्यमंत्री पद को लेकर ही शिवसेना और बीजेपी के बीच चुनाव में बहुमत हासिल करने के बावजूद खींचतान चल रही थी। शिवसेना के एक नेता ने बताया कि ठाकरे दादर में शिवाजी पार्क में 28 नवंबर को शाम छह बजकर 40 मिनट पर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। पढ़ें: पहली बार ठाकरे परिवार से सीएम ठाकरे परिवार से उद्धव पहले ऐसे नेता होंगे जो राज्य में शीर्ष राजनीतिक पद का प्रतिनिधित्व करेंगे।उद्धव ने नेता चुने जाने के बाद एनसीपी और कांग्रेस का आभार जताया। अबतक ठाकरे परिवार खुद को चुनाव से दूर रखता आया था लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में परिवार ने इस परंपरा को तोड़कर आदित्य ठाकरे को चुनाव मैदान में उतारा था। यह संकेत था कि अब शिवसेना मुख्यमंत्री पद के लिए सारा जोर लगाएगी। उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी चीफ शरद पवार का शुक्रिया अदा किया। '30 साल के दोस्त, दोस्त नहीं रहे' ठाकरे ने कहा, ‘मैं सोनिया जी का भी शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। अलग विचाराधारा वाले दल साथ आए हैं...जो 30 साल से दोस्त थे, हम पर भरोसा नहीं किया। लेकिन जिनके खिलाफ हम 30 साल लड़ते रहे , उन्होंने मुझ पर भरोसा किया।’ उन्होंने कहा कि आम लोगों को इसे अपनी सरकार मानना चाहिए। उद्धव बोले- बड़े भाई से मिलने दिल्ली जाऊंगा उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार प्रतिशोध की भावना से काम नहीं करेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा, ‘सरकार गठन के बाद मैं अपने बड़े भाई से मिलने दिल्ली जाऊंगा।’ मोदी ने चुनावी रैलियों के दौरान उद्धव को ‘अपना छोटा भाई’ बताया था। तीनों दलों ने एक होटल में संयुक्त बैठक की जहां ठाकरे को गठबंधन का नेता चुना गया।
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'घर' लौटकर आए अजित के गले लगीं सुप्रिया
Reviewed by Fast True News
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November 26, 2019
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