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जब कसाब ने मांगी थी 'ऊपर' जाने की इजाजत

मुंबई 26/11 (2008) के मुख्य साजिशकर्ता को 21 मई, 2012 को पुणे की यरवदा जेल में फांसी पर लटकाया गया था, लेकिन उसे अपनी गिरफ्तारी के चार-पांच दिन बाद ऐसा लगा था कि अब मौत उससे चंद सेकंड दूर है। इसीलिए उसने एक दिन इंस्पेक्टर दिनेश कदम से एकाएक हाथ जोड़ा और कहा कि 'अब मुझे जाने की इजाजत दीजिए।' कदम पहले तो समझ ही नहीं पाए कि कसाब ऐसा क्यों कह रहा है, क्योंकि जो आतंकवादी मुंबई पुलिस की कस्टडी में है, वह जाने की इजाजत कैसे मांग सकता है। बाद में जब उन्होंने कसाब से पूछा कि तुम यह क्या बक रहे हो? तो उसने जवाब दिया कि वह 'ऊपर’ जाने की इजाजत मांग रहा है। यहां 'ऊपर’ से कसाब का क्या मतलब था, इसकी अलग ही कहानी है। 26/11 को दस आतंकवादी मुंबई में घुसने के बाद पांच जोड़ियों में बंट गए थे। अजमल कसाब की जोड़ी में अबू इस्माइल था। मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने एनबीटी को बताया कि पुलिस एनकाउंटर में कसाब का साथी इस्माइल मारा गया था और कसाब के हाथ में भी गोली लगी थी। कसाब को जिंदा रखना चाहती थी पुलिस, क्योंकि... मुंबई पुलिस को डर था कि कहीं कसाब मर न जाए। मुंबई पुलिस किसी भी कीमत पर उसे जिंदा रखना चाहती थी, क्योंकि उससे 26/11 की पूरी साजिश का पता करना था। इसीलिए मुंबई पुलिस के निर्देश पर मुंबई के कई डॉक्टर भी उसे लगातार देख रहे थे और इस केस की पूरी जांच टीम अपने स्तर पर उसकी सेहत पर अतिरिक्त दिलचस्पी ले रही थी। उसी में इंस्पेक्टर दिनेश कदम ने उसे एक दिन एक गिलास भरकर मौसमी का जूस दे दिया। कसाब ने वह जूस पी तो लिया, लेकिन पीने के दौरान वह उसे थोड़ा कड़वा लगा। मौसमी के जूस में यदि शक्कर न मिलाई जाए, तो बीमार आदमी को वह वैसे भी हल्का सा कड़वा लगता ही है। लेकिन कसाब को लगा कि उसके जूस में मुंबई पुलिस ने जहर मिला दिया है, इसलिए जूस पीने के बाद वह समझा कि वह इस दुनिया में चंद सेकंड का मेहमान है। इसीलिए उसने दिनेश कदम से कहा कि 'अच्छा अब मुझे 'ऊपर’ जाने की इजाजत दीजिए।' कहानी गधा गाड़ी की मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम कसाब से पूछताछ में उसका पूरा फैमिली बैकग्राउंड निकाल रही थी। ऐसे में जब उसके भाई का जिक्र आया, तो इंस्पेक्टर दिनेश कदम ने पूछा कि 'बताओ, वह करता क्या है?’ कसाब ने उत्तर दिया, 'खोत गाड़ी चलाता है।' कदम समझ नहीं पाए कि यह कौन सी गाड़ी होती है। इसलिए उन्होंने पूछा कि क्या यह ट्रक है ? कसाब इस पर जोर से ठहाके लगाने लगा। कदम जब समझ नहीं पाए, कि कसाब इतना हंस क्यों रहा है, तो कसाब ने जवाब दिया कि 'ट्रक नहीं, भाई गधा गाड़ी चलाता है।' कसाब इसके बाद फिर जोर से हंसा। इसके बाद कदम बहुत सीरियस हो गए और वह कसाब को घूर-घूर कर देखने लगे। इस पर कसाब बेहद डर गया। हां, गनीमत यह रही कि इस बार उसने इंस्पेक्टर दिनेश कदम से यह नहीं कहा कि 'अब मुझे 'ऊपर’ जाने की इजाजत दीजिए।'


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जब कसाब ने मांगी थी 'ऊपर' जाने की इजाजत जब कसाब ने मांगी थी 'ऊपर' जाने की इजाजत Reviewed by Fast True News on November 25, 2019 Rating: 5

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