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एयर फोर्स का देसी फाइटरों के निर्माण पर जोर

रजत पंडित, नई दिल्ली भारतीय वायुसेना का जोर स्वदेशी लड़ाकू विमानों पर है। हल्के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के बाद वायुसेना चाहती है कि पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान यानी फिफ्थ-जेनरेशन फाइटर एयरक्राफ्ट (FGFA) भी भारत में ही तैयार हों। वायु सेना के लिए आयात पर निर्भरता खत्म करना चाहती है। वायुसेना देसी लड़ाकू विमानों पर कितना जोर दे रही है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 123 हल्के लड़ाकू विमानों तेजस मार्क-1 को बेड़े में शामिल करने की तैयारी के बाद अब एयर फोर्स 200 को शामिल करने करने की तत्परता दिखाई है। मेक इन इंडिया की तर्ज पर देसी लड़ाकू विमानों पर जोर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने कहा, 'FGFA को आयात करने की हमारी कोई योजना नहीं है। स्वदेशी अडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) की तैयारी पहले ही शुरू की जा चुकी है....हम इस पर अपनी पूरी ऊर्जा लगा रहे हैं। इंडियन एयर फोर्स पीएम के मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप देश में ही लड़ाकू विमानों को बनाने के प्रति प्रतिबद्ध है।' अब 2 इंजन वाले अडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट पर फोकस अब एयर फोर्स का पूरा फोकस 2 इंजन वाले अडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के निर्माण पर है जो अत्याधुनिक हों यानी जो भविष्य के फाइटर जेट हों। ऐसे AMCA हों जो रेडार को चकमा दे सकें, जिनमें कई सेंसर लगे हों और जिनमें सुपर क्रूज की क्षमता हो। इन फ्यूचरिस्टिक टू-इंजन AMCA को डीआरडीओ, ऐरोनॉटिकल डिवेलपमेंट एजेंसी और हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) साथ मिलकर बनाएंगी। 42 स्क्वॉड्रन की जरूरत, अभी सिर्फ 30 हैं फिलहाल, एयर फोर्स अपने स्क्वॉड्रन में लड़ाकू विमानों की कमी को पूरी करने के लिए सिंगल इंजन वाले तेजस फाइटरों पर निर्भर है। पाकिस्तान और चीन से एक ही वक्त पर खतरे की सूरत में भारत को 42 स्क्वॉड्रन की जरूरत होगी, जबकि भारत के पास अभी सिर्फ 30 स्क्वॉड्रन हैं। एक स्क्वॉड्रन में 16 से 18 लड़ाकू विमान होते हैं। तेजस मार्क-1 का वजन 12 टन, मार्क-2 का वजन 17 टन होगा एयर फोर्स ने अबतक 40 तेजस मार्क-1 लड़ाकू विमानों के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया है। 83 इम्प्रूव्ड मार्क-1 A लड़ाकू विमानों के लिए जल्द ही कॉन्ट्रैक्ट साइन होगा। इसके अलावा वायु सेना तेजस मार्क-2 का निर्माण और ऐसे 200 अतिरिक्त विमानों को खरीदना चाहती है। मार्क-II फाइटर्स में ताकतवर इंजन, उच्च श्रेणी के वैमानिकी और उन्नत ईंधन व हथियार ले जाने की क्षमता होगी। इनका वजन तेजस के मुकाबले ज्यादा यानी 17 टन होगा। फिलहाल आईएएफ के पास जो तेजस है उसका टन 12 टन है।


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एयर फोर्स का देसी फाइटरों के निर्माण पर जोर एयर फोर्स का देसी फाइटरों के निर्माण पर जोर Reviewed by Fast True News on October 04, 2019 Rating: 5

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