370: जम्मू के नेताओं की नजरबंदी खत्म, हुए रिहा
जम्मू जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने राज्य से अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाए जाने के बाद हिरासत में लिए गए जम्मू के लगभग सभी राजनेताओं के नजरबंदी को खत्म कर दिया है। नैशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर नैशनल पैंथर्स पार्टी के लगभग सभी नेताओं को हिरासत से मुक्त कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि जिन प्रमुख नेताओं को रिहा किया गया है, उनमें के नेता देवेंद्र राणा और एसएस सलाथिया, कांग्रेस के रमन भल्ला और पैंथर्स पार्टी के हर्षद सिंह शामिल हैं। जम्मू के ये नेता पिछले करीब दो महीने से हिरासत में थे। माना जा रहा है कि निकाय चुनाव को देखते हुए प्रशासन ने यह फैसला लिया है। राज्य के निर्वाचन अधिकारियों ने 310 ब्लाकों में ब्लॉक विकास परिषदों के अध्यक्षों के चुनाव के लिए मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि 24 अक्टूबर को चुनाव होंगे। अधिसूचना के मुताबिक, नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख नौ अक्टूबर है जबकि नामांकन पत्रों की जांच 10 अक्टूबर को की जाएगी। नामांकन वापस लेने की तारीख 11 अक्टूबर है। कश्मीर में मोबाइल सेवाएं चल रही हैं निलंबित इन नेताओं की रिहाई के बाद भी राज्य के प्रमुख नेता उमर अब्दुल्ला और फारुक अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, सज्जाद गनी लोन अभी भी हिरासत में बने हुए हैं। बता दें कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन और बीजेपी ने इन नेताओं की हिरासत का बचाव किया था। उनका कहना था कि अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद किसी भी अप्रत्याशित घटना को रोकने के लिए इन नेताओं को हिरासत में लिया गया है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त किए जाने के बाद लगातार बाजार बंद चल रहे हैं और सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद हैं। इससे घाटी में जनजीवन प्रभावित है। इस बीच अधिकारियों ने कहा कि हंदवाड़ा ओर कुपवाड़ा इलाकों को छोड़ कर कश्मीर में मोबाइल सेवाएं हर जगह निलंबित हैं। घाटी में चार अगस्त की रात से ही इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। घाटी में मुख्य बाजार और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद अधिकारियों ने बताया कि हालात के आकलन के बाद उचित समय पर सेवाओं को बहाल करने का फैसला लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंगलवार को 58वें दिन भी घाटी में मुख्य बाजार और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सार्वजनिक वाहन भी सड़कों से नदारद रहे। शहर के कुछ इलाकों में कुछ निजी कारें और कुछ अंतर-जिला कैब और ऑटो रिक्शा नजर आए।अधिकारियों ने बताया कि घाटी में कहीं भी किसी तरह के प्रतिबंध नहीं है। कानून व्यवस्था को कायम रखने के लिए संवेदनशील इलाकों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। केन्द्र सरकार के 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद से ही कश्मीर के स्कूलों में कक्षाएं प्रभावित हैं।अधिकारी ने बताया कि स्कूलों के सामान्य संचालन के राज्य सरकार के प्रयास अभी तक रंग नहीं लाए हैं क्योंकि माता-पिता अब भी सुरक्षा कारणों से बच्चों को घर से बाहर भेजने को तैयार नहीं हैं।
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370: जम्मू के नेताओं की नजरबंदी खत्म, हुए रिहा
Reviewed by Fast True News
on
October 02, 2019
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