ads

मौत पर दुखी न होना हत्या का सबूत नहींः SC

नई दिल्ली पति की के मामले में महिला को 22 साल बाद ने बरी कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी की मौत पर दुखी न होना हत्या का सबूत नहीं हो सकता। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष का केस संदेह उत्पन्न करता है। पुलिस के मुताबिक पति की गला घोंटकर हत्या कर दी गई और उसके शव को सीलिंग फैन से लटकाया गया ताकि मामला आत्महत्या का लगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा मानना है कि यह थ्योरी ठीक नहीं। अकेले आरोपी के लिए गला घोंटने के बाद शव को सीलिंग फैन से लटकाना संभव नहीं लगता। महिला के खिलाफ आरोप लगाते हुए यह भी कहा गया था कि जब उसके पति का शव लटकता हुआ पाया गया तो महिला का व्यवहार बहुत ही सामान्य था और वह रिश्तेदारों के साथ चाय पी रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिला की ननद की गवाही पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा दे दी थी जो ठीक नहीं था। हालांकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी पाया गया था कि मामला आत्महत्या का नहीं था। इसी के बाद हाई कोर्ट ने महिला को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। घटना हरियाणा के पंचकूला में 1997 में घटी थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मामले में महिला और उसके भाई पर आरोप था कि इन्होंने मिलकर महिला के पति की हत्या कर दी। महिला पर आरोप था कि उसका पति के साथ संबंध तनावपूर्ण था इसलिए हत्या को अंजाम दिया और ट्रायल कोर्ट ने सजा सुनाई। लेकिन हाई कोर्ट ने महिला के भाई को बरी कर दिया और महिला को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि मौत गला घोंटने से हुई और शव को सीलिंग फैन से लटकाया गया यह तथ्य सामने है। लेकिन यह काम अकेले किया जाना संभव नहीं लगता। इस मामले में जो परिस्थितियां हैं उसमें दूसरे आरोपी (महिला का भाई) हाई कोर्ट से बरी हो चुका है, ऐसे में इस तर्क में दम नहीं लगता कि आरोपी ने अकेले ही गला घोंटने के बाद बॉडी को सीलिंग फैन पर लटका दिया हो। कोर्ट ने कहा कि दूसरी थ्योरी यह है कि आखिरी बार महिला अपने पति के साथ देखी गई थी और यह लास्ट सीन सबूत है। लेकिन हमारा मानना है कि यह थ्योरी मान्य नहीं है क्योंकि महिला आरोपी इस मामले में मृतक की पत्नी है और दोनों साथ रहते थे। दोनों साथ का देखा जाना कोई अनहोनी बात नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी महिला के खिलाफ अभियोजन पक्ष का केस संदेहास्पद है। ऐसे में महिला को दोषी करार दिया जाना ठीक नहीं होगा।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/2M5BlZ3
मौत पर दुखी न होना हत्या का सबूत नहींः SC मौत पर दुखी न होना हत्या का सबूत नहींः SC Reviewed by Fast True News on September 22, 2019 Rating: 5

No comments:

ads
Powered by Blogger.