दलित MP होने पर पहले नो एंट्री, अब ग्रैंड वेलकम
बेंगलुरु पिछले हफ्ते पहले ही कर्नाटक के तुमकुर से खबर सुर्खियों में आई थी कि एक सांसद को गांव में प्रवेश करने से रोक दिया गया। वजह थी कि उनका दलित होना। हफ्ते भर बाद ग्रामीणों ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए उसी सांसद का गांव में गर्मजोशी से स्वागत किया। सांसद के गांव आगमन पर ग्रामीणों ने पुष्पवर्षा की और भोजन भी कराया। चित्रदुर्ग से सांसद हैं। 16 सितंबर को वह विकास कार्यों पर बातचीत के लिए तुमकुर जिले के गोलारहट्टी गांव गए थे तो गांव वालों ने उन्हें प्रवेश करने से रोक दिया था। हालांकि सोमवार को बीजेपी सांसद संतों और विधायक के. पूर्णिमा समेत स्थानीय पार्टी नेताओं के साथ फिर से गांव पहुंचे तो लोगों ने उनका फूलों से स्वागत किया। एक घंटे का यह कार्यक्रम संतों के भाषण के साथ 3 घंटे से भी ज्यादा समय तक चला। नारायणस्वामी ने गांव वासियों के बदले हुए रवैये को देखकर शुक्रिया अदा किया। पढ़ें: बुजुर्गों ने प्रवेश करने से रोका था तुमकुर जिले के अंदर आने वाला गोलारहट्टी गांव चित्रदुर्ग लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। पिछले हफ्ते नारायणस्वामी पिछड़े क्षेत्रों में सीएसआर फंड की मदद से विकास कार्यों की पहल पर चर्चा के लिए गांव के दौरे पर आए थे। इस दौरान गांव के कुछ बुजुर्गों ने उन्हें प्रवेश करने से रोक दिया था। गांव वालों का कहना था कि गांव में एक दलित को घुसने की इजाजत देना गांव के लिए अपशकुन हो सकता है। इस घटना ने काफी सुर्खियां बटोरी थी और सत्ताधारी बीजेपी के अलावा विपक्षी दलों के नेताओं ने भी जाति के नाम पर भेदभाव की निंदा की थी। ताकत बढ़ाने के लिए राजनीति में नहीं आया- बीजेपी सांसद इसके बाद सोमवार को गोलारहट्टी के ग्रामीणों ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए इसे सुधारने की बात कही और खुद से समुदाय विशेष का स्वागत किया। धार्मिक और सामुदायिक नेताओं की मौजूदगी में ग्रामीणों ने नारायणस्वामी का स्वागत किया और बाद में खाना भी खिलाया। नारायणस्वामी ने कहा कि वह ताकत बढ़ाने के लिए राजनीति में नहीं आए। वह लोगों के लिए अच्छा काम करना चाहते हैं इसलिए राजनीति में आए। सांसद ने सुनी ग्रामीणों की समस्या नारायणस्वामी ने कहा, 'अगर अपने प्रयास के दौरान मैं इस तरह जातिवाद की ठोकरें खाता हूं तो मैं संयम और शांतिपूर्ण तरीके से इसका सामना करूंगा।' उन्होंने यादव बहुल गांव के लोगों को उज्ज्वला स्कीम के तहत लाभार्थियों को चेक बांटे और लोगों की शिकायतें सुनकर उनके निपटारे का आश्वासन दिया।
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दलित MP होने पर पहले नो एंट्री, अब ग्रैंड वेलकम
Reviewed by Fast True News
on
September 23, 2019
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